सीधी. प्रशासनिक अधिकारियों की चाबुक अब मृत कर्मचारियों पर भी चलने लगी है। ऐसा ही मामला जिले में देखने आया है। सिरसी में पदस्थ प्रधानाध्यापक की दो माह पहले मौत हो चुकी है, लेकिन जाति प्रमाण-पत्र में लापरवाही पर एसडीएम ने उन्हें नोटिस जारी कर दिया। एसडीएम की इस नोटिस का जवाब मृत कर्मचारी कैसे दे? प्रशासन की इस लापरवाही पर अन्य कर्मचारी चुटकी ले रहे हैं।
माध्यमिक शाला सिरसी में पदस्थ प्रधानाध्यापक सियाराम कोल सड़क दुर्घटना में 21 अप्रैल को गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें उपचार हेतु जीवन ज्योति अस्पताल इलाहाबाद में भर्ती कराया गया। 24 अप्रैल को उनकी मौत हो गई। मृत प्रधानाध्यापक के परिजन अनुग्रह राशि के लिए चक्कर लगा रहे हैं। पर अनुग्रह राशि तो नहीं उपलब्ध कराई गई, बदले में मृत प्रधानाध्यापक को लापरवाह मानते हुए वेतन भुगतान रोकने की नोटिस 28 मई को गोपाद बनास एसडीएम शैलेन्द्र सिंह द्वारा जारी कर दी गई।
इससे पूर्व भी आ चुके हैं मामले
मृत कर्मचारियों पर प्रशासनिक हेकड़ी का यह पहला मामला नहीं है। दो वर्ष पूर्व मृत बीडीओ का तबादला सिहावल सीईओ बतौर कर दिया गया था। हाल ही में एक दर्जन मृत कर्मचारियों को अन्न उत्सव कार्यक्रम के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया।
अनुग्रह राशि की जगह नोटिस
किसी भी कर्मचारी के आकास्मिक निधन पर दाह संस्कार के लिए 50 हजार रुपए तत्काल देने का प्रावधान है। किंतु मृत प्रधानाध्यापक सियाराम कोल को दो माह बाद भी अनुग्रह राशि नहीं उपलब्ध कराई गई। इस पर मप्र शासकीय प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ सचिव सीपी तिवारी द्वारा कलेक्टर को पत्र लिखकर अनुग्रह राशि उपलब्ध कराने व लापरवाही बरतने वाले दोषी कर्मचारी पर कार्रवाई की मांग की गई। किंतु प्रशासन मृत प्रधानाध्यापक के परिजनों के आवेदन पर विचार
माध्यमिक शाला सिरसी में पदस्थ प्रधानाध्यापक सियाराम कोल सड़क दुर्घटना में 21 अप्रैल को गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें उपचार हेतु जीवन ज्योति अस्पताल इलाहाबाद में भर्ती कराया गया। 24 अप्रैल को उनकी मौत हो गई। मृत प्रधानाध्यापक के परिजन अनुग्रह राशि के लिए चक्कर लगा रहे हैं। पर अनुग्रह राशि तो नहीं उपलब्ध कराई गई, बदले में मृत प्रधानाध्यापक को लापरवाह मानते हुए वेतन भुगतान रोकने की नोटिस 28 मई को गोपाद बनास एसडीएम शैलेन्द्र सिंह द्वारा जारी कर दी गई।
इससे पूर्व भी आ चुके हैं मामले
मृत कर्मचारियों पर प्रशासनिक हेकड़ी का यह पहला मामला नहीं है। दो वर्ष पूर्व मृत बीडीओ का तबादला सिहावल सीईओ बतौर कर दिया गया था। हाल ही में एक दर्जन मृत कर्मचारियों को अन्न उत्सव कार्यक्रम के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया।
अनुग्रह राशि की जगह नोटिस
किसी भी कर्मचारी के आकास्मिक निधन पर दाह संस्कार के लिए 50 हजार रुपए तत्काल देने का प्रावधान है। किंतु मृत प्रधानाध्यापक सियाराम कोल को दो माह बाद भी अनुग्रह राशि नहीं उपलब्ध कराई गई। इस पर मप्र शासकीय प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ सचिव सीपी तिवारी द्वारा कलेक्टर को पत्र लिखकर अनुग्रह राशि उपलब्ध कराने व लापरवाही बरतने वाले दोषी कर्मचारी पर कार्रवाई की मांग की गई। किंतु प्रशासन मृत प्रधानाध्यापक के परिजनों के आवेदन पर विचार
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