Toc News @ Bhopal
भोपाल : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रि-परिषद् की बैठक में आज महिला नीति-2015 को मंजूरी दी गई। नीति में महिलाओं से संबंधित मुद्दों के प्रति संवेदनशीलता विकसित करने, लिंग आधारित विभेदकारी स्थितियों को समाप्त करने, व्यवसायमूलक क्षमता एवं कौशल विकास गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने के साथ ही रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने का प्रयास होगा। विकास के संसाधनों पर नियंत्रण तथा निर्णय में भागीदारी सुनिश्चित करने, जीवन कौशल, शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य के लिए गुणवत्ता पूर्ण सेवाएँ उपलब्ध करवाने और सम्पत्ति संबंधी अधिकारों के संरक्षण को नीति में शामिल किया गया है।
नीति में महिलाओं से संबंधित नीति, कार्यक्रमों, योजनाओं एवं विधियों का सभी विभागों/संगठनों द्वारा प्रभावी क्रियान्वयन कर उनकी निरंतर मॉनीटरिंग सुनिश्चित करना जरूरी है। कार्य-योजना तैयार कर उनका समयावधि में क्रियान्वयन करने के लिए प्रभावी तंत्र स्थापित किया जा रहा है। नीतिगत प्रावधानों के लिए प्रत्येक विभाग एवं संगठन में नोड्ल अधिकारी नियुक्त कर उनकी जवाबदेही सुनिश्चित होगी। उत्कृष्ट कार्य करने वाले शासकीय सेवक को प्रेरित एवं पुरस्कृत किया जायेगा वहीं कार्य न करने पर कार्यवाही सुनिश्चित होगी।
महिलाओं के अधिकारों से संबंधित सभी निर्देश एवं विधि आदि संधारित किये जायेंगे। वर्ष में एक बार विशेष महिला ग्राम सभा होगी। राज्य महिला संसाधन केन्द्र द्वारा महिला नीति में सभी विभाग के कार्यों की समीक्षा एवं मूल्यांकन किया जायेगा। महिला संबंधी विषयों पर पोर्टल का लगातार उन्नयन होगा। नीति का क्रियान्वयन करने वाले विभागों तथा संगठनों में महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता विकसित करने के लिए जेंडर संवेदनशीलता का प्रशिक्षण दिया जायेगा। महिलाओं के हितरक्षण के लिए सभी हितधारक व्यक्ति, परिवार, स्थानीय समुदाय, अशासकीय सामाजिक संगठनों, मीडिया सहित विभिन्न विभाग की भागीदारी के प्रयास किये जायेंगे।
महिला नीति में महिलाओं की सुरक्षा, समता, समानता, सम्मान और विकास की प्रक्रिया में इनकी भागीदारी को सुनिश्चित करना प्राथमिकता से शामिल किया गया है। नीति की परिकल्पना अनुसार इसे क्रियान्वित करने के लिए सरकारी विभाग, मीडिया, समाजसेवी संस्था, संगठन, लेखक, साहित्यकार, बुद्धिजीवी वर्ग, पंचायत राज संस्थाओं एवं जन-प्रतिनिधियों को एकजुट होकर अपनी-अपनी सकारात्मक भूमिका का निर्वहन करना होगा ताकि महिला नीति के लक्ष्य को हासिल कर सार्थक परिणाम प्राप्त किए जा सकें।
भोपाल : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रि-परिषद् की बैठक में आज महिला नीति-2015 को मंजूरी दी गई। नीति में महिलाओं से संबंधित मुद्दों के प्रति संवेदनशीलता विकसित करने, लिंग आधारित विभेदकारी स्थितियों को समाप्त करने, व्यवसायमूलक क्षमता एवं कौशल विकास गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने के साथ ही रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने का प्रयास होगा। विकास के संसाधनों पर नियंत्रण तथा निर्णय में भागीदारी सुनिश्चित करने, जीवन कौशल, शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य के लिए गुणवत्ता पूर्ण सेवाएँ उपलब्ध करवाने और सम्पत्ति संबंधी अधिकारों के संरक्षण को नीति में शामिल किया गया है।
नीति में महिलाओं से संबंधित नीति, कार्यक्रमों, योजनाओं एवं विधियों का सभी विभागों/संगठनों द्वारा प्रभावी क्रियान्वयन कर उनकी निरंतर मॉनीटरिंग सुनिश्चित करना जरूरी है। कार्य-योजना तैयार कर उनका समयावधि में क्रियान्वयन करने के लिए प्रभावी तंत्र स्थापित किया जा रहा है। नीतिगत प्रावधानों के लिए प्रत्येक विभाग एवं संगठन में नोड्ल अधिकारी नियुक्त कर उनकी जवाबदेही सुनिश्चित होगी। उत्कृष्ट कार्य करने वाले शासकीय सेवक को प्रेरित एवं पुरस्कृत किया जायेगा वहीं कार्य न करने पर कार्यवाही सुनिश्चित होगी।
महिलाओं के अधिकारों से संबंधित सभी निर्देश एवं विधि आदि संधारित किये जायेंगे। वर्ष में एक बार विशेष महिला ग्राम सभा होगी। राज्य महिला संसाधन केन्द्र द्वारा महिला नीति में सभी विभाग के कार्यों की समीक्षा एवं मूल्यांकन किया जायेगा। महिला संबंधी विषयों पर पोर्टल का लगातार उन्नयन होगा। नीति का क्रियान्वयन करने वाले विभागों तथा संगठनों में महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता विकसित करने के लिए जेंडर संवेदनशीलता का प्रशिक्षण दिया जायेगा। महिलाओं के हितरक्षण के लिए सभी हितधारक व्यक्ति, परिवार, स्थानीय समुदाय, अशासकीय सामाजिक संगठनों, मीडिया सहित विभिन्न विभाग की भागीदारी के प्रयास किये जायेंगे।
महिला नीति में महिलाओं की सुरक्षा, समता, समानता, सम्मान और विकास की प्रक्रिया में इनकी भागीदारी को सुनिश्चित करना प्राथमिकता से शामिल किया गया है। नीति की परिकल्पना अनुसार इसे क्रियान्वित करने के लिए सरकारी विभाग, मीडिया, समाजसेवी संस्था, संगठन, लेखक, साहित्यकार, बुद्धिजीवी वर्ग, पंचायत राज संस्थाओं एवं जन-प्रतिनिधियों को एकजुट होकर अपनी-अपनी सकारात्मक भूमिका का निर्वहन करना होगा ताकि महिला नीति के लक्ष्य को हासिल कर सार्थक परिणाम प्राप्त किए जा सकें।
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