अशोकनगर नपा सीएमओ के विरूद्ध लोकायुक्त में प्रकरण पंजीबद्ध, जांच शुरू। नपा कार्यालय से मांगे दस्तावेज---
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अशोकनगर। नगर पालिका परिषद अशोकनगर में फायर बिग्रेड शाखा हेतु दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी एवं संविदा कर्मचारियों की नियुक्ति के मामले में मुख्य नगरपालिका अधिकारी पीके सिंह के विरूद्ध ग्वालियर लोकायुक्त पुलिस ने मामला पंजीबद्ध कर जांच में ले लिया है।
कर्मचारियों की भर्ती मामले में भ्रष्टाचार को लेकर अशोकनगर से एसपी लोकायुक्त विशेष पुलिस स्थापना में शिकायत दर्ज कराई गई थी। लोकायुक्त पुलिस ने सीएमओ को नोटिस जारी कर दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी एवं संविदा कर्मचारियों की नियुक्ति की जानकारी बिन्दूवार मांगी है। इस मामले संबंधी पत्र के नपा में आते ही हड़कंप मच गया। कर्मचारियों की भर्ती मामले में लोकायुक्त पुलिस ने कई और को दोषी माना है। जो जांच में सामने आ ही जायेगा।
गौरतलब हो कि नगरपालिका में संविदा कर्मचारियों की भर्ती के मामले में लाखों का बंदरबांट किया गया है। कर्मचारियों को भ्रष्टाचार करते हुये इस तरह से रखा गया है जबकि उक्त कर्मचारी किसी अन्य जगह पदस्थ हैं और वेतन अशोकनगर नपा से जारी हो रही है। ऐसे कर्मचारियों को आज तक कुछ अतापता नहीं है। शिकायतकर्ता के अनुसार अधिकारियों ने अपने पद की गरिमा को बिगाड़ते हुये यह सब किया है।
उन्होंने कतई इस बात का ध्यान नहीं रखा किया आम जनता का पैसा यूं ही भ्रष्टाचार में बहा दिये जाने से किसी को कोई फर्क भी पड़ेगा। मामले के पुलिस अद्यीक्षक लोकायुक्त के संज्ञान में आने से तुरंत ही मामला पंजीबद्ध कर लिया गया है। और सीएमओ पीके सिंह को नोटिस जारी कर तमाम वो जानकारी मांगी गई है जो इस मामले से जुड़ी है।
क्या मांगा है लोकायुक्त पुलिस ने:
लोकायुक्त संभाग ग्वालियर के निरीक्षक ने पत्र जारी कर करते हुये तीन बिंदूओं पर मय प्रारूप के जानकारी मांगी है। पत्र में कहा गया है कि फायर बिगे्रड शाखा में कर्मचारियों का ड्यूटी कार्य लेख करने, कर्मचारियों की नियुक्ति से संबंधित आदेश एवं पूरी फाईल की प्रमाणित प्रतिलिपि देने तथा कर्मचारियों को दिये गये भुगतान पत्रक की प्रमाणित प्रतिलिपि मय प्रारूप की मांगी गई है। प्रारूप इस प्रकार है।
कर्मचारी का नाम, कर्मचारी की तैनाती शाखा का नाम, कर्मचारी की नियुक्ति दैनिक वेतन भोगी/संविदा, नियुक्त करने वाले कार्यालय नाम व पता, नियुक्ति आदेश क्रमांक व दिनांक, प्रतिमाह दिया गया वेतन, बैंक का नाम, कर्मचारी का खाता क्रमांक, चैक क्रमांक व दिनांक, कर्मचारी को दिया गया कुल भुगतान की संपूर्ण जानकारी मांगी गई है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी। उल्लेखनीय है कि नपा में पिछली परिषद में कई सारे घपले-घोटाले किये गये थे।
यह जिम्मेदारी अधिकारियों की है कि नगरपालिका नागरिकों की धरोहर है। कार्यालय में आने वाली समस्त राशि लोगों के तमाम करों से ली जाती है। जिसका दुरूपयोग कतई नहीं किया जा सकता। बहारहाल कर्मचारियों के मामले के बाद न्यू बस स्टेंड पर स्थित तमाम दुकानों का प्रकरण भी शीघ्र ही खुलने वाला है। वहीं हाईमस्ट लाईट खरीदी घोटाला सहित संचित निधि, स्टेशन मार्ग निर्माण सहित सुभाष गंज का डामरीकरण आदि का मामला भी काफी चर्चाओं में है।
साथ ही शिकायतकर्ताओं के अनुसार लोकायुक्त पुलिस के अलावा आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो (ईंओडब्ल्यू) में भी शिकायतकर्ताओं ने शिकायतें दर्ज कराईं हैं, जिसके फंदे में नपा की कई छोटी-बड़ी मछली भी आ सकती है। इनमें पूर्व जनप्रतिनिधियों सहित नपा के राजस्व संबंधी जुड़े लोग जो सालों से यहीं के होकर यहीं जमें हैं, वह भी कटघरे में आ सकते हैं।
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अशोकनगर। नगर पालिका परिषद अशोकनगर में फायर बिग्रेड शाखा हेतु दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी एवं संविदा कर्मचारियों की नियुक्ति के मामले में मुख्य नगरपालिका अधिकारी पीके सिंह के विरूद्ध ग्वालियर लोकायुक्त पुलिस ने मामला पंजीबद्ध कर जांच में ले लिया है।
कर्मचारियों की भर्ती मामले में भ्रष्टाचार को लेकर अशोकनगर से एसपी लोकायुक्त विशेष पुलिस स्थापना में शिकायत दर्ज कराई गई थी। लोकायुक्त पुलिस ने सीएमओ को नोटिस जारी कर दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी एवं संविदा कर्मचारियों की नियुक्ति की जानकारी बिन्दूवार मांगी है। इस मामले संबंधी पत्र के नपा में आते ही हड़कंप मच गया। कर्मचारियों की भर्ती मामले में लोकायुक्त पुलिस ने कई और को दोषी माना है। जो जांच में सामने आ ही जायेगा।
गौरतलब हो कि नगरपालिका में संविदा कर्मचारियों की भर्ती के मामले में लाखों का बंदरबांट किया गया है। कर्मचारियों को भ्रष्टाचार करते हुये इस तरह से रखा गया है जबकि उक्त कर्मचारी किसी अन्य जगह पदस्थ हैं और वेतन अशोकनगर नपा से जारी हो रही है। ऐसे कर्मचारियों को आज तक कुछ अतापता नहीं है। शिकायतकर्ता के अनुसार अधिकारियों ने अपने पद की गरिमा को बिगाड़ते हुये यह सब किया है।
उन्होंने कतई इस बात का ध्यान नहीं रखा किया आम जनता का पैसा यूं ही भ्रष्टाचार में बहा दिये जाने से किसी को कोई फर्क भी पड़ेगा। मामले के पुलिस अद्यीक्षक लोकायुक्त के संज्ञान में आने से तुरंत ही मामला पंजीबद्ध कर लिया गया है। और सीएमओ पीके सिंह को नोटिस जारी कर तमाम वो जानकारी मांगी गई है जो इस मामले से जुड़ी है।
क्या मांगा है लोकायुक्त पुलिस ने:
लोकायुक्त संभाग ग्वालियर के निरीक्षक ने पत्र जारी कर करते हुये तीन बिंदूओं पर मय प्रारूप के जानकारी मांगी है। पत्र में कहा गया है कि फायर बिगे्रड शाखा में कर्मचारियों का ड्यूटी कार्य लेख करने, कर्मचारियों की नियुक्ति से संबंधित आदेश एवं पूरी फाईल की प्रमाणित प्रतिलिपि देने तथा कर्मचारियों को दिये गये भुगतान पत्रक की प्रमाणित प्रतिलिपि मय प्रारूप की मांगी गई है। प्रारूप इस प्रकार है।
कर्मचारी का नाम, कर्मचारी की तैनाती शाखा का नाम, कर्मचारी की नियुक्ति दैनिक वेतन भोगी/संविदा, नियुक्त करने वाले कार्यालय नाम व पता, नियुक्ति आदेश क्रमांक व दिनांक, प्रतिमाह दिया गया वेतन, बैंक का नाम, कर्मचारी का खाता क्रमांक, चैक क्रमांक व दिनांक, कर्मचारी को दिया गया कुल भुगतान की संपूर्ण जानकारी मांगी गई है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी। उल्लेखनीय है कि नपा में पिछली परिषद में कई सारे घपले-घोटाले किये गये थे।
यह जिम्मेदारी अधिकारियों की है कि नगरपालिका नागरिकों की धरोहर है। कार्यालय में आने वाली समस्त राशि लोगों के तमाम करों से ली जाती है। जिसका दुरूपयोग कतई नहीं किया जा सकता। बहारहाल कर्मचारियों के मामले के बाद न्यू बस स्टेंड पर स्थित तमाम दुकानों का प्रकरण भी शीघ्र ही खुलने वाला है। वहीं हाईमस्ट लाईट खरीदी घोटाला सहित संचित निधि, स्टेशन मार्ग निर्माण सहित सुभाष गंज का डामरीकरण आदि का मामला भी काफी चर्चाओं में है।
साथ ही शिकायतकर्ताओं के अनुसार लोकायुक्त पुलिस के अलावा आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो (ईंओडब्ल्यू) में भी शिकायतकर्ताओं ने शिकायतें दर्ज कराईं हैं, जिसके फंदे में नपा की कई छोटी-बड़ी मछली भी आ सकती है। इनमें पूर्व जनप्रतिनिधियों सहित नपा के राजस्व संबंधी जुड़े लोग जो सालों से यहीं के होकर यहीं जमें हैं, वह भी कटघरे में आ सकते हैं।
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