Toc News @ bhopal
भोपाल (नप्र)। मंगलवार शाम को रो-रोकर बेहाल एक महिला नर्मदा अस्पताल पहुंचे गृहमंत्री बाबूलाल गौर के पैरों से लिपट गई। वह अपने पति का शव अस्पताल से दिलाने की गुहार लगा रही थी। उसके पति की दोपहर को इलाज के दौरान मौत हो गई थी। गृहमंत्री के सामने परिजन आरोप लगा रहे थे कि इलाज के खर्च का 80 हजार रुपए बाकी होने के कारण अस्पताल प्रबंधन ने शव नहीं दे रहा है। हालांकि इस मामले में गौर साहब महिला की बगैर कोई मदद किए खामोशी से आगे बढ़ गए।
दरअसल अवधपुरी स्थित बीडीए कॉलोनी निवासी 30 वर्षीय संतोष बालाधर पुत्र चंदूमल 4 जून को सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गया था। उसे इलाज के लिए हमीदिया अस्पताल भेजा गया था, जहां से परिजन उसे नर्मदा अस्पताल ले आए थे। मंगलवार दोपहर इलाज के दौरान संतोष की मौत हो गई।
पति की मौत की खबर मिलते ही पत्नी बेसुध हो गई थी। इस बीच शाम करीब साढ़े पांच बजे अस्पताल में भर्ती रेप पीड़ित युवती से मिलने गृहमंत्री बाबूलाल गौर अस्पताल पहुंचे। वह अस्पताल की चौखट तक ही पहुंचे, तभी संतोष की पत्नी उनके पैरों से लिपट गई। अचानक हुए घटनाक्रम से गौर हतप्रभ रह गए।
उनके साथ चल रहे सुरक्षाकर्मियों ने किसी तरह महिला को अलग किया और गौर आगे बढ़ गए। उधर डॉक्टरों से आईसीयू में भर्ती युवती का हालचाल पूछने के बाद गौर जब वापस लौट रहे थे, तभी मीडिया ने इस मामले में उनसे जवाब मांगने की कोशिश की, लेकिन तब भी वे चुपचाप अपनी गाड़ी में बैठकर रवाना हो गए।
इधर अस्पताल प्रबंधन ने रात आठ बजे गोविंदपुरा थाने को संतोष की मौत की सूचना दी। जिसके बाद रात करीब 10ः30 गोविंदपुरा पुलिस द्वारा अस्पताल में लिखापढ़ी करने के बाद शव पोस्टमार्टम के लिए रवाना किया जा सका। इस स्थिति में मृतक का शव परिजनों को बुधवार दोपहर तक ही सुपुर्द होने की स्थिति निर्मित हो गई।
पैसे मांगने से इंकार
मरीज हमीदिया से रेफर होकर आया था। उसके सिर में चोट थी। पैसे मांगने जैसी कोई बात नहीं थी। चूंकि पुलिस केस था, इसलिए बॉडी पुलिस के आए बिना नहीं दी जा सकती थी।
- डॉ. राजेश शर्मा, संचालक, नर्मदा अस्पताल
रात को मिली सूचना
नर्मदा अस्पताल से अवधपुरी निवासी संतोष बालाधर की मौत की सूचना रात आठ बजे दी गई थी। सूचना मिलते ही टीम अस्पताल रवाना कर दी गई।
आरके मालवीय, टीआई गोविंदपुरा
भोपाल (नप्र)। मंगलवार शाम को रो-रोकर बेहाल एक महिला नर्मदा अस्पताल पहुंचे गृहमंत्री बाबूलाल गौर के पैरों से लिपट गई। वह अपने पति का शव अस्पताल से दिलाने की गुहार लगा रही थी। उसके पति की दोपहर को इलाज के दौरान मौत हो गई थी। गृहमंत्री के सामने परिजन आरोप लगा रहे थे कि इलाज के खर्च का 80 हजार रुपए बाकी होने के कारण अस्पताल प्रबंधन ने शव नहीं दे रहा है। हालांकि इस मामले में गौर साहब महिला की बगैर कोई मदद किए खामोशी से आगे बढ़ गए।
दरअसल अवधपुरी स्थित बीडीए कॉलोनी निवासी 30 वर्षीय संतोष बालाधर पुत्र चंदूमल 4 जून को सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गया था। उसे इलाज के लिए हमीदिया अस्पताल भेजा गया था, जहां से परिजन उसे नर्मदा अस्पताल ले आए थे। मंगलवार दोपहर इलाज के दौरान संतोष की मौत हो गई।
पति की मौत की खबर मिलते ही पत्नी बेसुध हो गई थी। इस बीच शाम करीब साढ़े पांच बजे अस्पताल में भर्ती रेप पीड़ित युवती से मिलने गृहमंत्री बाबूलाल गौर अस्पताल पहुंचे। वह अस्पताल की चौखट तक ही पहुंचे, तभी संतोष की पत्नी उनके पैरों से लिपट गई। अचानक हुए घटनाक्रम से गौर हतप्रभ रह गए।
उनके साथ चल रहे सुरक्षाकर्मियों ने किसी तरह महिला को अलग किया और गौर आगे बढ़ गए। उधर डॉक्टरों से आईसीयू में भर्ती युवती का हालचाल पूछने के बाद गौर जब वापस लौट रहे थे, तभी मीडिया ने इस मामले में उनसे जवाब मांगने की कोशिश की, लेकिन तब भी वे चुपचाप अपनी गाड़ी में बैठकर रवाना हो गए।
इधर अस्पताल प्रबंधन ने रात आठ बजे गोविंदपुरा थाने को संतोष की मौत की सूचना दी। जिसके बाद रात करीब 10ः30 गोविंदपुरा पुलिस द्वारा अस्पताल में लिखापढ़ी करने के बाद शव पोस्टमार्टम के लिए रवाना किया जा सका। इस स्थिति में मृतक का शव परिजनों को बुधवार दोपहर तक ही सुपुर्द होने की स्थिति निर्मित हो गई।
पैसे मांगने से इंकार
मरीज हमीदिया से रेफर होकर आया था। उसके सिर में चोट थी। पैसे मांगने जैसी कोई बात नहीं थी। चूंकि पुलिस केस था, इसलिए बॉडी पुलिस के आए बिना नहीं दी जा सकती थी।
- डॉ. राजेश शर्मा, संचालक, नर्मदा अस्पताल
रात को मिली सूचना
नर्मदा अस्पताल से अवधपुरी निवासी संतोष बालाधर की मौत की सूचना रात आठ बजे दी गई थी। सूचना मिलते ही टीम अस्पताल रवाना कर दी गई।
आरके मालवीय, टीआई गोविंदपुरा
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