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अलीगढ़। योग गुरु बाबा रामदेव द्वारा संचालित पतंजलि संस्थान और उसकी शाखाओं के प्रचार-प्रसार का जिम्मा संभाल रहे ऋषि सारस्वत की याचिका पर अदालत ने बाबा रामदेव सहित संस्थान के तीन पदाधिकारियों पर परिवाद दर्ज कर लिया है।
अदालत ने मामले में अब 7 अप्रैल तारीख नियत करते हुए याची ऋषी सारस्वत को बयान दर्ज करने के लिए तलब किया है। इस याचिका में बाबा व प्रबंधन के अन्य अधिकारियों पर वेतन न देने व धमकी देने का आरोप है।
गोंडा के गांव तारापुर निवासी ऋषि सारस्वत ने अधिवक्ता सरदार मुकेश सैनी के माध्यम से दायर याचिका में कहा था कि देशभक्ति व राष्ट्रभक्ति के आवरण से अभिभूत होकर उसने पतंजलि संस्थान में वर्ष 2010 में सेवाएं देना शुरू कर दिया।
उसे जिले में संस्थान व उसकी शाखाओं के प्रचार-प्रसार का जिम्मा मिला और 50 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन मिलना तय हुआ। इसके बाद से उसके कार्य से संस्थान को लाखों रुपये सालाना का मुनाफा हुआ। मगर उसे आज तक वेतन नहीं मिला। इसके बाद वह कई बार हरिद्वार गया
अलीगढ़। योग गुरु बाबा रामदेव द्वारा संचालित पतंजलि संस्थान और उसकी शाखाओं के प्रचार-प्रसार का जिम्मा संभाल रहे ऋषि सारस्वत की याचिका पर अदालत ने बाबा रामदेव सहित संस्थान के तीन पदाधिकारियों पर परिवाद दर्ज कर लिया है।
अदालत ने मामले में अब 7 अप्रैल तारीख नियत करते हुए याची ऋषी सारस्वत को बयान दर्ज करने के लिए तलब किया है। इस याचिका में बाबा व प्रबंधन के अन्य अधिकारियों पर वेतन न देने व धमकी देने का आरोप है।
गोंडा के गांव तारापुर निवासी ऋषि सारस्वत ने अधिवक्ता सरदार मुकेश सैनी के माध्यम से दायर याचिका में कहा था कि देशभक्ति व राष्ट्रभक्ति के आवरण से अभिभूत होकर उसने पतंजलि संस्थान में वर्ष 2010 में सेवाएं देना शुरू कर दिया।
उसे जिले में संस्थान व उसकी शाखाओं के प्रचार-प्रसार का जिम्मा मिला और 50 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन मिलना तय हुआ। इसके बाद से उसके कार्य से संस्थान को लाखों रुपये सालाना का मुनाफा हुआ। मगर उसे आज तक वेतन नहीं मिला। इसके बाद वह कई बार हरिद्वार गया
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