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29 मार्च 2016 को हरीश रावत की याचिका पर उत्तराखण्ड हाई कोर्ट ने एक अहम् फैसला देते हुवे 31 मार्च को विधानसभा में बहुमत साबित करने के निर्देश दिए। साथ ही माननीय कोर्ट ने 9 बागियों को भी बहुमत परिक्षण में भाग लेने के निर्देश दिये। परन्तु 9 बागियों के वोट को अलग रखने को भी कहा गया। विधानसभा में हाई कोर्ट का ऑब्जर्वर भी रहेगा मौजूद। 04 अप्रैल 2016 को अगली सुनवाई होगी।
इससे पूर्व 18 मार्च 2016 को उत्तराखण्ड विधानसभा में हुई उठापठक और कोंग्रेस के 09 बागी और 26 बीजेपी विधायकों ने राज्यपाल को हस्ताक्षर कर हरीश रावत सरकार को अल्पमत में बताते हुवे भंग करने की मांग की। उसके बाद उत्तराखण्ड के राज्यपाल ने हरीश रावत को 28 मार्च को बहुमत साबित करने का समय दिया। परन्तु बहुमत साबित करने से 1 दिन पूर्व ही केंद्र सरकार ने उत्तराखण्ड में राष्ट्रपति शासन लगा दिया और उसी दिन उत्तराखण्ड विधानसभा के स्पीकर ने 09 कांग्रेसी बागी विधायकों की सदस्यता समाप्त कर दी थी।
इससे कुछ प्रमुख बातें जो अब तक समझ आयी -
1) राष्ट्रपति शासन स्थगित।
2) हरीश रावत आज भी मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड हैं।
3) बागियों के वोट अलग रखे जायेंगे तो 61 वोटों में हरीश रावत के पास बहुमत।
4) अगर 09 बागी सदन में कांग्रेस के खिलाफ वोट देते हैं तो उनकी सदस्य्ता ख़त्म हो जायेगी क्योंकि कोर्ट में मामला विचाराधीन है।
5) अगर 09 बागी सदन में अनुपस्थित रहते हैं तो भी हरीश सरकार।
6) अगर 09 बागी सदन में वोट नहीं देते है तो शायद सदस्यता बच सकती है, परन्तु हरीश सरकार ही रहेगी।
29 मार्च 2016 को हरीश रावत की याचिका पर उत्तराखण्ड हाई कोर्ट ने एक अहम् फैसला देते हुवे 31 मार्च को विधानसभा में बहुमत साबित करने के निर्देश दिए। साथ ही माननीय कोर्ट ने 9 बागियों को भी बहुमत परिक्षण में भाग लेने के निर्देश दिये। परन्तु 9 बागियों के वोट को अलग रखने को भी कहा गया। विधानसभा में हाई कोर्ट का ऑब्जर्वर भी रहेगा मौजूद। 04 अप्रैल 2016 को अगली सुनवाई होगी।
इससे पूर्व 18 मार्च 2016 को उत्तराखण्ड विधानसभा में हुई उठापठक और कोंग्रेस के 09 बागी और 26 बीजेपी विधायकों ने राज्यपाल को हस्ताक्षर कर हरीश रावत सरकार को अल्पमत में बताते हुवे भंग करने की मांग की। उसके बाद उत्तराखण्ड के राज्यपाल ने हरीश रावत को 28 मार्च को बहुमत साबित करने का समय दिया। परन्तु बहुमत साबित करने से 1 दिन पूर्व ही केंद्र सरकार ने उत्तराखण्ड में राष्ट्रपति शासन लगा दिया और उसी दिन उत्तराखण्ड विधानसभा के स्पीकर ने 09 कांग्रेसी बागी विधायकों की सदस्यता समाप्त कर दी थी।
इससे कुछ प्रमुख बातें जो अब तक समझ आयी -
1) राष्ट्रपति शासन स्थगित।
2) हरीश रावत आज भी मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड हैं।
3) बागियों के वोट अलग रखे जायेंगे तो 61 वोटों में हरीश रावत के पास बहुमत।
4) अगर 09 बागी सदन में कांग्रेस के खिलाफ वोट देते हैं तो उनकी सदस्य्ता ख़त्म हो जायेगी क्योंकि कोर्ट में मामला विचाराधीन है।
5) अगर 09 बागी सदन में अनुपस्थित रहते हैं तो भी हरीश सरकार।
6) अगर 09 बागी सदन में वोट नहीं देते है तो शायद सदस्यता बच सकती है, परन्तु हरीश सरकार ही रहेगी।
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