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संयुक्त राष्ट्र की दो प्रमुख एजेंसियों संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) एवं संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने बाल विवाह रोकने हेतु 8 मार्च 2016 को एक नई पहल की घोषणा की। इस नई पहल को ‘यूएनएफपीए-यूनिसेफ ग्लोबल प्रोग्राम टू ऐक्सेलरेट एक्शन टू एंड चाइल्ड मैरिज’ नाम दिया गया है।
इस पहल के तहत यूएनएफपीए एवं यूनिसेफ ने संयुक्त रूप से वर्ष 2030 तक बाल विवाह रोकने और दुनियाभर की लाखों बच्चियों के अधिकारों की रक्षा करने के अग्रिम प्रयासों की दिशा में एक नई पहल शुरू करने की घोषणा की।
पहल के प्रमुख तथ्य:
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) और संयुक्त राष्ट्र के जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) के उपलक्ष्य पर इस पहल की घोषणा की।
इस घोषणा से बच्चियों को कम उम्र में शादी से रोकने व शादी कर चुकी अबोध बच्चियों को समर्थन देने की एक वैश्विक पहल के रूप में शुरू किया गया है। इसे विशेषकर अफ्रीका, एशिया और मध्य पूर्व सहित उन 12 देशों में शुरू किया जायेगा जिनमें बाल विवाह दर अधिक है।
इस नई पहल को 'यूएनएफपीए-यूनिसेफ ग्लोबल प्रोग्राम टू ऐक्सेलरेट एक्शन टू एंड चाइल्ड मैरिज' नाम दिया गया है। इस पहल का उद्देश्य अगले 15 वर्षो में परिवारों, समुदायों, सरकारों और युवा लोगों की मदद से बाल विवाह को खत्म करना है।
यूनिसेफ:
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ) की स्थापना का आरंभिक उद्देश्य द्वितीय विश्व युद्ध में नष्ट हुए राष्ट्रों के बच्चों को खाना और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना था। इसकी स्थापना संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने 11 दिसंबर, 1946 को की थी। 1953 में यूनीसेफ, संयुक्त राष्ट्र का स्थाई सदस्य बन गया। उस समय इसका नाम यूनाइटेड नेशंस इंटरनेशनल चिल्ड्रेंस फंड की जगह यूनाइटेड नेशन्स चिल्ड्रेंस फंड कर दिया गया।
इसका मुख्यालय न्यूयॉर्क में है। वर्तमान में इसके मुखिया एंथोनी लेक है। यूनीसेफ को 1965 में उसके बेहतर कार्य के लिए शांति के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 1989 में संगठन को इंदिरा गाँधी शांति पुरस्कार भी प्रदान किया गया था।
इसके 120 से अधिक शहरों में कार्यालय हैं और 190 से अधिक स्थानों पर इसके कर्मचारी कार्यरत हैं। वर्तमान में यूनीसेफ फंड एकत्रित करने के लिए विश्व स्तरीय एथलीट और टीमों की सहायता लेता है। यूनीसेफ का सप्लाई प्रभाग कार्यालय कोपनहेगन, डेनमार्क में है।
संयुक्त राष्ट्र की दो प्रमुख एजेंसियों संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) एवं संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने बाल विवाह रोकने हेतु 8 मार्च 2016 को एक नई पहल की घोषणा की। इस नई पहल को ‘यूएनएफपीए-यूनिसेफ ग्लोबल प्रोग्राम टू ऐक्सेलरेट एक्शन टू एंड चाइल्ड मैरिज’ नाम दिया गया है।
इस पहल के तहत यूएनएफपीए एवं यूनिसेफ ने संयुक्त रूप से वर्ष 2030 तक बाल विवाह रोकने और दुनियाभर की लाखों बच्चियों के अधिकारों की रक्षा करने के अग्रिम प्रयासों की दिशा में एक नई पहल शुरू करने की घोषणा की।
पहल के प्रमुख तथ्य:
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) और संयुक्त राष्ट्र के जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) के उपलक्ष्य पर इस पहल की घोषणा की।
इस घोषणा से बच्चियों को कम उम्र में शादी से रोकने व शादी कर चुकी अबोध बच्चियों को समर्थन देने की एक वैश्विक पहल के रूप में शुरू किया गया है। इसे विशेषकर अफ्रीका, एशिया और मध्य पूर्व सहित उन 12 देशों में शुरू किया जायेगा जिनमें बाल विवाह दर अधिक है।
इस नई पहल को 'यूएनएफपीए-यूनिसेफ ग्लोबल प्रोग्राम टू ऐक्सेलरेट एक्शन टू एंड चाइल्ड मैरिज' नाम दिया गया है। इस पहल का उद्देश्य अगले 15 वर्षो में परिवारों, समुदायों, सरकारों और युवा लोगों की मदद से बाल विवाह को खत्म करना है।
यूनिसेफ:
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ) की स्थापना का आरंभिक उद्देश्य द्वितीय विश्व युद्ध में नष्ट हुए राष्ट्रों के बच्चों को खाना और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना था। इसकी स्थापना संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने 11 दिसंबर, 1946 को की थी। 1953 में यूनीसेफ, संयुक्त राष्ट्र का स्थाई सदस्य बन गया। उस समय इसका नाम यूनाइटेड नेशंस इंटरनेशनल चिल्ड्रेंस फंड की जगह यूनाइटेड नेशन्स चिल्ड्रेंस फंड कर दिया गया।
इसका मुख्यालय न्यूयॉर्क में है। वर्तमान में इसके मुखिया एंथोनी लेक है। यूनीसेफ को 1965 में उसके बेहतर कार्य के लिए शांति के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 1989 में संगठन को इंदिरा गाँधी शांति पुरस्कार भी प्रदान किया गया था।
इसके 120 से अधिक शहरों में कार्यालय हैं और 190 से अधिक स्थानों पर इसके कर्मचारी कार्यरत हैं। वर्तमान में यूनीसेफ फंड एकत्रित करने के लिए विश्व स्तरीय एथलीट और टीमों की सहायता लेता है। यूनीसेफ का सप्लाई प्रभाग कार्यालय कोपनहेगन, डेनमार्क में है।
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