Times of crime @ Vinay David
दिल्ली. प्रेस कांउसिल के निमयों को धता बताकर लंबे समय से अपनी मर्जी चलाता रहा मध्यप्रदेश जनसम्पर्क विभाग को नही पता की आखिर प्रेस कांउसिल द्वारा निर्धारित बायालोज क्या है जिसके आधार को ध्यान में रखते हुए व्यवस्था को संचालित किया जाना चाहिए,
प्रेस कांउसिल के प्रश्न पर जनसम्पर्क विभाग के अधिकारी एक दूसरे के मुंह ताकते नजर आये, कांउसिल सदस्यो ने समाचार पत्रों को विज्ञापन वितरण नीति की जानकारी मांगी कि विभाग द्वारा किस आधार पर विज्ञापन वितरण किया जाता है तो जबाव में जनसम्पर्क के अधिकारियों ने बताया की बजट के अनुसार विज्ञापन बांट देते है, कोई निर्धारित मापदण्ड नही है, जिस पर कांउसिल सदस्यों ने अापत्ति देते हुए स्पष्ट कहा नियम में दैनिक समाचार पत्रों को 50 प्रतिशत एवं बाकियों को 50 प्रतिशत का मापदण्ड तय है, जनसम्पर्क अधिकारियों ने अनविग्यता जाहिर करते हुए नियमों की जानकारी न होना स्वीकार किया. वही सीधे प्रेस कांउसिल को बताया कि इस तरह की कोई जानकारी विभाग को नही हैं, नाही कोई सूचना पत्र विभाग को मिला, इस पर कांउसिल ने पूरी जानकारी कांउसिल से लेकर जाने की सलाह दी.
ज्ञात हो कि प्रेस कांउसिल 16 मार्च 2016 को दिल्ली में विज्ञापन वितरण नीति में एकरुपता नही होने और मनमर्जी विज्ञापन वितरण पर एक प्रकरण में सुनवाई कर रहा था, प्रेस कांउसिल ने मध्यप्रदेश के जनसम्पर्क विभाव की कार्यप्रणाली पर सुधार करने की सलाह दी वही नियमों का विधिवत पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये.
दिल्ली. प्रेस कांउसिल के निमयों को धता बताकर लंबे समय से अपनी मर्जी चलाता रहा मध्यप्रदेश जनसम्पर्क विभाग को नही पता की आखिर प्रेस कांउसिल द्वारा निर्धारित बायालोज क्या है जिसके आधार को ध्यान में रखते हुए व्यवस्था को संचालित किया जाना चाहिए,
प्रेस कांउसिल के प्रश्न पर जनसम्पर्क विभाग के अधिकारी एक दूसरे के मुंह ताकते नजर आये, कांउसिल सदस्यो ने समाचार पत्रों को विज्ञापन वितरण नीति की जानकारी मांगी कि विभाग द्वारा किस आधार पर विज्ञापन वितरण किया जाता है तो जबाव में जनसम्पर्क के अधिकारियों ने बताया की बजट के अनुसार विज्ञापन बांट देते है, कोई निर्धारित मापदण्ड नही है, जिस पर कांउसिल सदस्यों ने अापत्ति देते हुए स्पष्ट कहा नियम में दैनिक समाचार पत्रों को 50 प्रतिशत एवं बाकियों को 50 प्रतिशत का मापदण्ड तय है, जनसम्पर्क अधिकारियों ने अनविग्यता जाहिर करते हुए नियमों की जानकारी न होना स्वीकार किया. वही सीधे प्रेस कांउसिल को बताया कि इस तरह की कोई जानकारी विभाग को नही हैं, नाही कोई सूचना पत्र विभाग को मिला, इस पर कांउसिल ने पूरी जानकारी कांउसिल से लेकर जाने की सलाह दी.
ज्ञात हो कि प्रेस कांउसिल 16 मार्च 2016 को दिल्ली में विज्ञापन वितरण नीति में एकरुपता नही होने और मनमर्जी विज्ञापन वितरण पर एक प्रकरण में सुनवाई कर रहा था, प्रेस कांउसिल ने मध्यप्रदेश के जनसम्पर्क विभाव की कार्यप्रणाली पर सुधार करने की सलाह दी वही नियमों का विधिवत पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये.
No comments:
Post a Comment