टिन नंबर की हेराफेरी बाले बिलों को पास कर,कर दिया लाखों का भुगतान
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छिंदवाड़ा-हमेशा से ही भ्रष्टाचार को लेकर सुर्ख़ियों में रहने बाला आरईएस विभाग में अब अलग किस्म का भ्रस्टाचार निकलकर सामने आया है।राज्य सूचना आयोग के आदेश के बाद मिली सम्पूर्ण जानकारियों में से प्राप्त एक मामले की जानकारी अनुसार उपसंभाग अमरवाड़ा के विकासखंड हर्रई में आरईएस विभाग के उपयंत्री और अधिकारियों ने निर्माण कार्यों के दौरान टिन नंबर की हेराफेरी बाले बिलों को पास कर धोखाधड़ी करते हुए संबंधितों को लाखों का भुगतान कर दिया।
प्राप्त जानकारी अनुसार वर्ष 2011-12 के दौरान आरईएस विभाग के द्वारा विकासखंड हर्रई में निर्मित 2 किमी की मोआरसानि से बालघोघरा एवं बालघोघरा से झिरपी सड़क के निर्माण में प्रयोग की गई अवैध मुरम के लिए हर्रई के ही जैन ट्रेडर्स को 4 बिलों के भुगतान के रूप में बड़ी हेराफेरी कर लगभग 1 लाख 10 हज़ार रुपये का भुगतान कर दिया।
यहां गौर करने लायक बात यह है कि निर्माण कार्य के दौरान जैन ट्रेडर्स हर्रई के द्वारा लगभग 1 लाख 10 हज़ार की जो मुरम विभाग को उपलब्ध कराई गई वो पूर्णतः अवैध उत्खनन कर एकत्र की गई थी क्योंकि जैन ट्रेडर्स के पास मुरम के उत्खनन और परिवहन के लिए न तो सम्बंधित विभाग का लायसन्स था और न ही कोई अनुमति थी।ये तो हो गई बात अवैध मुरम के प्रयोग की लेकिन इसका भुगतान प्राप्त करने के लिए जैन ट्रेडर्स के द्वारा जो 4 बिल आरईएस विभाग छिंदवाड़ा के तात्कालिक कार्यपालन यंत्री और उपसंभाग अमरवाड़ा के अनुबिभागीय अधिकारी को सौपें गए उन बिलों में अंकित टिन नंबर 23586603843 है।इसी टिन नंबर के बारे में कार्यालय वाणिज्यिक कर अधिकारी छिंदवाड़ा वृत्त 1 से प्राप्त जानकारी अनुसार उक्त टिन नंबर मोबाइल,कोल्डड्रिंकस,स्टेसनरी,डेली नीड्स,आइसक्रीम व् मोबाइल सिम के व्यवसाय हेतु पंजीकृत है।अब सवाल यह उठता है कि जैन ट्रेडर्स के द्वारा मटेरियल सप्लायर बन मुरम परिवहन के जो बिल उक्त टिन नंबर अंकित हुए विभाग को सौपे गए वो आखिर पास कैसे हो गए।निर्माण कार्य के दौरान प्राप्त सभी 4 बिलों को निर्माण कार्य का मूल्यांकन कर रहे सब इंजीनियर पी के कठाने द्वारा सही करार देते हुए सत्यापित कर भुगतान हेतु विभाग को सौप दिए गए और जैन ट्रेडर्स को सरलता पूर्वक चारों बिलों का भुगतान भी प्राप्त हो गया।जैन ट्रेडर्स हर्रई से प्राप्त सभी 4 बिलों का सही तरीके से सत्यापन न कर सब इंजीनियर पी के कठाने ने इस धोखाधड़ी में जैन ट्रेडर्स से सांठगांठ कर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाई है क्योंकि सब इंजीनियर की सम्पूर्ण जिम्मेदारी होती है कि वो सम्बंधित निर्माण कार्य का सूक्ष्मता और गहनता से मूल्यांकन करें और प्राप्त सभी बिलों की बारीकी से जांच कर भुगतान हेतु विभाग को सौपें।
👉🏻इसी प्रकार आरईएस विभाग के द्वारा छिंदवाड़ा के ही एक चर्चित और नामी ठेकेदार को भी उपयंत्री और अधिकारियों की सांठ गाँठ से लगभग 20 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया है।
इन दोनों ही मामलो की शिकायत जल्द ही विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को की जाने बाली है।
सावन पाल
छिंदवाड़ा
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छिंदवाड़ा-हमेशा से ही भ्रष्टाचार को लेकर सुर्ख़ियों में रहने बाला आरईएस विभाग में अब अलग किस्म का भ्रस्टाचार निकलकर सामने आया है।राज्य सूचना आयोग के आदेश के बाद मिली सम्पूर्ण जानकारियों में से प्राप्त एक मामले की जानकारी अनुसार उपसंभाग अमरवाड़ा के विकासखंड हर्रई में आरईएस विभाग के उपयंत्री और अधिकारियों ने निर्माण कार्यों के दौरान टिन नंबर की हेराफेरी बाले बिलों को पास कर धोखाधड़ी करते हुए संबंधितों को लाखों का भुगतान कर दिया।
प्राप्त जानकारी अनुसार वर्ष 2011-12 के दौरान आरईएस विभाग के द्वारा विकासखंड हर्रई में निर्मित 2 किमी की मोआरसानि से बालघोघरा एवं बालघोघरा से झिरपी सड़क के निर्माण में प्रयोग की गई अवैध मुरम के लिए हर्रई के ही जैन ट्रेडर्स को 4 बिलों के भुगतान के रूप में बड़ी हेराफेरी कर लगभग 1 लाख 10 हज़ार रुपये का भुगतान कर दिया।
यहां गौर करने लायक बात यह है कि निर्माण कार्य के दौरान जैन ट्रेडर्स हर्रई के द्वारा लगभग 1 लाख 10 हज़ार की जो मुरम विभाग को उपलब्ध कराई गई वो पूर्णतः अवैध उत्खनन कर एकत्र की गई थी क्योंकि जैन ट्रेडर्स के पास मुरम के उत्खनन और परिवहन के लिए न तो सम्बंधित विभाग का लायसन्स था और न ही कोई अनुमति थी।ये तो हो गई बात अवैध मुरम के प्रयोग की लेकिन इसका भुगतान प्राप्त करने के लिए जैन ट्रेडर्स के द्वारा जो 4 बिल आरईएस विभाग छिंदवाड़ा के तात्कालिक कार्यपालन यंत्री और उपसंभाग अमरवाड़ा के अनुबिभागीय अधिकारी को सौपें गए उन बिलों में अंकित टिन नंबर 23586603843 है।इसी टिन नंबर के बारे में कार्यालय वाणिज्यिक कर अधिकारी छिंदवाड़ा वृत्त 1 से प्राप्त जानकारी अनुसार उक्त टिन नंबर मोबाइल,कोल्डड्रिंकस,स्टेसनरी,डेली नीड्स,आइसक्रीम व् मोबाइल सिम के व्यवसाय हेतु पंजीकृत है।अब सवाल यह उठता है कि जैन ट्रेडर्स के द्वारा मटेरियल सप्लायर बन मुरम परिवहन के जो बिल उक्त टिन नंबर अंकित हुए विभाग को सौपे गए वो आखिर पास कैसे हो गए।निर्माण कार्य के दौरान प्राप्त सभी 4 बिलों को निर्माण कार्य का मूल्यांकन कर रहे सब इंजीनियर पी के कठाने द्वारा सही करार देते हुए सत्यापित कर भुगतान हेतु विभाग को सौप दिए गए और जैन ट्रेडर्स को सरलता पूर्वक चारों बिलों का भुगतान भी प्राप्त हो गया।जैन ट्रेडर्स हर्रई से प्राप्त सभी 4 बिलों का सही तरीके से सत्यापन न कर सब इंजीनियर पी के कठाने ने इस धोखाधड़ी में जैन ट्रेडर्स से सांठगांठ कर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाई है क्योंकि सब इंजीनियर की सम्पूर्ण जिम्मेदारी होती है कि वो सम्बंधित निर्माण कार्य का सूक्ष्मता और गहनता से मूल्यांकन करें और प्राप्त सभी बिलों की बारीकी से जांच कर भुगतान हेतु विभाग को सौपें।
👉🏻इसी प्रकार आरईएस विभाग के द्वारा छिंदवाड़ा के ही एक चर्चित और नामी ठेकेदार को भी उपयंत्री और अधिकारियों की सांठ गाँठ से लगभग 20 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया है।
इन दोनों ही मामलो की शिकायत जल्द ही विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को की जाने बाली है।
सावन पाल
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