अवधेश पुरोहित @ टी ओ सी न्यूज
भोपाल। प्रदेश में दिग्विजय सिंह की कांग्रेसी सरकार के कुशासन से पीडि़त प्रदेश की जनता को भय, भूख और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन देने के वायदे के साथ ही भाजपा २००३ में सत्ता पर काबिज हुई सुश्री उमा भारती और बाबूलाल गौर के कार्यकाल जो कुछ ही समय चले यदि उनको छोड़ दिया जाए तो सत्ता की लम्बी पारी को शिवराज खेल रहे हैं तो वहीं उनके शासनकाल में भ्रष्टाचार का भी एक इतिहास लिखा जाएगा तो इसी शासनकाल में इस सदी का सबसे महाघोटाला व्यापमं भी दर्ज होगा मजे की बात यह है कि भ्रष्टाचार को अंजाम देने के लिए प्रदेश के भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ-साथ अधिकारियों और कर्मचारियों ने भ्रष्टाचार करने के नये-नये तरीके निकाल लिये हैं, एक समय था जब देश के प्रथम प्रधानमंत्री भ्रष्टाचार के मामले में कहा करते थे कि भ्रष्टाचारियों को खंभे पर टांग दिया जाए,
लेकिन उनके शासनकाल में यह नीति नहीं अपन ाई गई तो वहीं मप्र के मुख्यंत्री शिवराज सिंह चौहान अक्सर यह दावा किया करते हैं कि भ्रष्टाचारियों को बख्शा नहीं जाएगा तो वहीं इन्हीं दावों के बीच भ्रष्टाचारी अधिकारी भ्रष्टाचार के नये-नये तरीके खोज रहे हैं एक समय था जब प्रदेश के थानों और सरकारी कार्यालयों में गांधीजी का एक चित्र लगा दिखाई देता था जिसमें गांधी जी लाठी लिये पंजा दिखाते नजर आते थे, तो उस समय रिश्वत देने वालों से कहा करते थे कि गांधीजी के चित्र दिखाकर इशारा करते थे कि पांच से कम लेने का तो गांधी जी ही संदेश देते दिखाई दे रहे हैं तो वहीं भाजपा के नेता और कार्यकर्ता भ्रष्टाचार के मामले में इस तरह के बयान देते नजर आ रहे हैं और वह इस मामले में भी अपने आराध्य श्रीराम का सहारा लेने में भी नहीं चूक रहे हैं
भाजपाई यह कहते नजर आते हैं कि भ्रष्टाचार तो हमारे आराध्य भगवान राम के जमाने में भी था तभी तो उन्होंने विभीषण को लंका के राजा रावण के होते हुए भी उन्हें राजा बनाने का प्रलोभन और भ्रष्टाचार की पहल की थी और वह अपने इस बयान के साथ ही यह दावा करते नजर आते हैं कि भ्रष्टाचार तो भगवान राम के जमाने से ही चला आ रहा है, तो वहीं इस राज्य में भ्रष्टाचार का एक तरीका चंदाखोरी का अपनाया है और वह हर समय किसी न किसी आयोजन को लेकर चंदाखोरी करते नजर आते हैं चंदाखोरी के चलते ही प्रदेश में भाजपा में चंदामामाओं की एक बाढ़ सी आ गई है, लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के एक एक्शन को लेकर राज्य के भ्रष्टाचारियों में जो फार्मूला अपनाया है वह बड़ा ही रोचक है प्रदेश के राजनीतिक से जुड़े लोग और आम जनता अक्सर सभाओं में रैलियों में और मुख्यमंत्री अपने संबोधन के दौरान दिल पर हाथ रखकर अक्सर हाथों को हवा में लहराया करते हैं
तो मुख्यमंत्री की इस अदा को भ्रष्टाचार का एक फार्मूला बना लिया है और वह लोगों से यह कहते नजर आते हैं कि हमारे मुख्यमंत्री दिनरात यह कहते हैं कि जो भी करो दिल से करो चाहे वह विकास का काम हो या भ्रष्टाचार करने का अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा अपनाये जा रहे मुख्यमंत्री के इस अंदाज को भ्रष्टाचार करने के लिये अपनाई जा रही इस नई विधि की इन दिनों लोग चटकारे लेकर देखे जा रहे हैं मामला जो भी हो लेकिन यह सही है कि जिस तरह से पीने वालों को पीने का बहाना चाहिए ठीक उसी तर्ज पर भ्रष्टाचारियों ने मुख्यमंत्री के दिल पर हाथ रखकर उन्हें लहराने की इस अदा को भ्रष्टाचार का तरीका अपनाया है, वह भी अनोखा है देखना अब यह है कि और क्या-क्या मुख्यमंत्री की किन-किन अदाओं पर लोग किस तरह से अपनाते हैं।
भोपाल। प्रदेश में दिग्विजय सिंह की कांग्रेसी सरकार के कुशासन से पीडि़त प्रदेश की जनता को भय, भूख और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन देने के वायदे के साथ ही भाजपा २००३ में सत्ता पर काबिज हुई सुश्री उमा भारती और बाबूलाल गौर के कार्यकाल जो कुछ ही समय चले यदि उनको छोड़ दिया जाए तो सत्ता की लम्बी पारी को शिवराज खेल रहे हैं तो वहीं उनके शासनकाल में भ्रष्टाचार का भी एक इतिहास लिखा जाएगा तो इसी शासनकाल में इस सदी का सबसे महाघोटाला व्यापमं भी दर्ज होगा मजे की बात यह है कि भ्रष्टाचार को अंजाम देने के लिए प्रदेश के भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ-साथ अधिकारियों और कर्मचारियों ने भ्रष्टाचार करने के नये-नये तरीके निकाल लिये हैं, एक समय था जब देश के प्रथम प्रधानमंत्री भ्रष्टाचार के मामले में कहा करते थे कि भ्रष्टाचारियों को खंभे पर टांग दिया जाए,
लेकिन उनके शासनकाल में यह नीति नहीं अपन ाई गई तो वहीं मप्र के मुख्यंत्री शिवराज सिंह चौहान अक्सर यह दावा किया करते हैं कि भ्रष्टाचारियों को बख्शा नहीं जाएगा तो वहीं इन्हीं दावों के बीच भ्रष्टाचारी अधिकारी भ्रष्टाचार के नये-नये तरीके खोज रहे हैं एक समय था जब प्रदेश के थानों और सरकारी कार्यालयों में गांधीजी का एक चित्र लगा दिखाई देता था जिसमें गांधी जी लाठी लिये पंजा दिखाते नजर आते थे, तो उस समय रिश्वत देने वालों से कहा करते थे कि गांधीजी के चित्र दिखाकर इशारा करते थे कि पांच से कम लेने का तो गांधी जी ही संदेश देते दिखाई दे रहे हैं तो वहीं भाजपा के नेता और कार्यकर्ता भ्रष्टाचार के मामले में इस तरह के बयान देते नजर आ रहे हैं और वह इस मामले में भी अपने आराध्य श्रीराम का सहारा लेने में भी नहीं चूक रहे हैं
भाजपाई यह कहते नजर आते हैं कि भ्रष्टाचार तो हमारे आराध्य भगवान राम के जमाने में भी था तभी तो उन्होंने विभीषण को लंका के राजा रावण के होते हुए भी उन्हें राजा बनाने का प्रलोभन और भ्रष्टाचार की पहल की थी और वह अपने इस बयान के साथ ही यह दावा करते नजर आते हैं कि भ्रष्टाचार तो भगवान राम के जमाने से ही चला आ रहा है, तो वहीं इस राज्य में भ्रष्टाचार का एक तरीका चंदाखोरी का अपनाया है और वह हर समय किसी न किसी आयोजन को लेकर चंदाखोरी करते नजर आते हैं चंदाखोरी के चलते ही प्रदेश में भाजपा में चंदामामाओं की एक बाढ़ सी आ गई है, लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के एक एक्शन को लेकर राज्य के भ्रष्टाचारियों में जो फार्मूला अपनाया है वह बड़ा ही रोचक है प्रदेश के राजनीतिक से जुड़े लोग और आम जनता अक्सर सभाओं में रैलियों में और मुख्यमंत्री अपने संबोधन के दौरान दिल पर हाथ रखकर अक्सर हाथों को हवा में लहराया करते हैं
तो मुख्यमंत्री की इस अदा को भ्रष्टाचार का एक फार्मूला बना लिया है और वह लोगों से यह कहते नजर आते हैं कि हमारे मुख्यमंत्री दिनरात यह कहते हैं कि जो भी करो दिल से करो चाहे वह विकास का काम हो या भ्रष्टाचार करने का अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा अपनाये जा रहे मुख्यमंत्री के इस अंदाज को भ्रष्टाचार करने के लिये अपनाई जा रही इस नई विधि की इन दिनों लोग चटकारे लेकर देखे जा रहे हैं मामला जो भी हो लेकिन यह सही है कि जिस तरह से पीने वालों को पीने का बहाना चाहिए ठीक उसी तर्ज पर भ्रष्टाचारियों ने मुख्यमंत्री के दिल पर हाथ रखकर उन्हें लहराने की इस अदा को भ्रष्टाचार का तरीका अपनाया है, वह भी अनोखा है देखना अब यह है कि और क्या-क्या मुख्यमंत्री की किन-किन अदाओं पर लोग किस तरह से अपनाते हैं।
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