श्री श्री रविशंकर के आर्ट ऑफ़ लिविंग के दिल्ली में होने वाले विश्व सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने 2.25 करोड़ रूपए दिए थे. एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार यह रकम श्री श्री रविशंकर के बंगलुरु स्थित 'व्यक्ति विकास केंद्र' नामक ट्रस्ट को पिछले साल दिसंबर में दी गयी थी. रिपोर्ट के मुताबिक महेश शर्मा के संस्कृति मंत्रालय ने ट्रस्ट को यह पैसा मंत्रालय की उस योजना के तहत दिया था जिसके जरिये सांस्कृतिक संस्थाओं को आर्थिक मदद मुहैय्या कराई जाती है.
रिपोर्ट में सवाल उठाया गया है कि जिस संस्था ने 2014 में 91 करोड़ और उससे पहले 100 करोड़ रूपए खर्च किये हों, उसपर सरकार ने यह मेहरबानी क्यों की? रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि एक सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए सरकार की और से ज्यादा से ज्यादा 15-20 लाख रूपए ही दिए जाते हैं तो फिर आर्ट ऑफ़ लिविंग को इतनी बड़ी मदद क्यों दी गई. उधर, केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा का कहना है कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है और सरकार हमेशा उन संस्थाओं की मदद करती है जो पर्यटन और संस्कृति को बढ़ावा देती हैं.
उधर, बुधवार को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने यमुना के किनारे हो रहे 'विश्व सांस्कृतिक कार्यक्रम' को सशर्त मंजूरी दे दी. एनजीटी ने पर्यावरण की क्षतिपूर्ति के तौर पर आर्ट ऑफ लिविंग पर 5 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है. साथ ही ट्रिब्यूनल ने संवैधानिक कार्यों का निर्वाह न करने के लिए डीडीए पर 5 लाख और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण विभाग पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.
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