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जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायमूर्ति शांतुन केमकर की एकलपीठ ने बर्खास्त आईएएस अरविन्द जोशी को मेडिकल ग्राउंड पर सशर्त जमानत का लाभ दे दिया है। इसकी अवधि 1 माह होगी। इससे पूर्व 3 माह की सशर्त जमानत इलाज के सिलसिले में दी गई थी, जिसकी अवधि आगामी 7 मार्च को पूरी हो रही है। दरअसल, इसीलिए पहले से आवेदन करके सशर्त जमानत की अवधि में इजाफे की गुहार लगा दी गई। मामला आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप से संबंधित है। इस सिलसिले में लोकायुक्त ने प्रकरण कायम किया है। अरविन्द की पत्नी आईएएस टीनू जोशी को भी मामले में आरोपी बनाया गया है। लोकायुक्त की ओर से अधिवक्ता पंकज दुबे ने जमानत अर्जी का विरोध किया। उन्होंने दलील दी कि आरोपी प्रभावशाली है और इलाज के नाम पर जमानत लेकर तथ्यों को प्रभावित कर सकता है।
जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायमूर्ति शांतुन केमकर की एकलपीठ ने बर्खास्त आईएएस अरविन्द जोशी को मेडिकल ग्राउंड पर सशर्त जमानत का लाभ दे दिया है। इसकी अवधि 1 माह होगी। इससे पूर्व 3 माह की सशर्त जमानत इलाज के सिलसिले में दी गई थी, जिसकी अवधि आगामी 7 मार्च को पूरी हो रही है। दरअसल, इसीलिए पहले से आवेदन करके सशर्त जमानत की अवधि में इजाफे की गुहार लगा दी गई। मामला आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप से संबंधित है। इस सिलसिले में लोकायुक्त ने प्रकरण कायम किया है। अरविन्द की पत्नी आईएएस टीनू जोशी को भी मामले में आरोपी बनाया गया है। लोकायुक्त की ओर से अधिवक्ता पंकज दुबे ने जमानत अर्जी का विरोध किया। उन्होंने दलील दी कि आरोपी प्रभावशाली है और इलाज के नाम पर जमानत लेकर तथ्यों को प्रभावित कर सकता है।
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