Saturday, September 10, 2016

भ्रष्टाचारी अफसरों के खिलाफ सख्ती का एलान

Toc News
भोपाल। मंगलवार को एक बैठक के दौरान प्रदेश के आला अफसर मुख्यमंत्री के एक सवाल पर बगले झांकने लगे। सीएम ने लोकायुक्त के छापों और भ्रष्टाचारियों के पकड़े जाने के बाद भी उन पर अभियोजन की कार्रवाई में हो देरी के बारे में पूछा था।

अकेले लोकायुक्त में ऐसे प्रकरणों की संख्या 400 से ज्यादा है, जो कार्रवाई की सिफारिश के बाद भी सालों से ठंडे बस्ते में पड़े हैं। 22 मामले तो ऐसे हैं जिनमें भ्रष्टाचार साबित होने के बाद भी अभियोजन की अनुमति नहीं मिली और संबंधित अफसर रिटायर हो गए।

मध्यप्रदेश इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड में हुए 714 करोड़ रुपए के घोटाले में फंसे एसीएस एसआर मोहंती की ही बात करें तो उनके खिलाफ चार्जशीट पेश करने के लिए ईओडब्ल्यू पांच साल से इजाजत का इंतजार कर रहा है। आलम ये है कि इस मामले में हो रही देरी को लेकर राजधानी के मोहम्मद रियाजुद्दीन ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका तक दायर कर दी थी।

इस पर कोर्ट ने सरकार से सवाल पूछा है, लेकिन सरकार अब तक जवाब भी नहीं दे पाई है। मोहंती अकेले ऐसे अधिकारी नहीं हैं, संगीन भ्रष्टाचार के आरोप वाले प्रदेश में तो कई अधिकारी आज भी मजे से नौकरी कर हैं।

इसलिए लटक जाते हैं मामले

लोकायुक्त सूत्रों के मुताबिक छापे की कार्रवाई के बाद पहले तो दस्तावेजों के परीक्षण और विभागीय जांच में ही डेढ़ से दो साल लग जाते हैं, इसके बाद जब आरोपी अधिकारी को अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया जाता है तो वे कमियां दिखाकर आवेदन पर आवेदन लगाते रहते हैं।

इससे मामला और ज्यादा लंबित होता जाता है। फिर शासन के नियमों के मुताबिक प्रकरण को विभागीय जांच के लिए भेजना होता है। ऐसा इसलिए कि यदि विभाग ने कोई राशि नकद खर्च करने के लिए संबंधित अफसर या कर्मचारी को दी हो तो उसके लेन-देन के दौरान किसी को गलत ढंग से न फंसा दिया जाए।

इसलिए मूल विभाग से अनुशंसा का नियम है। इस तरह मिलती है अनुमति विभाग से अनुमति के लिए लोकायुक्त चालान की प्रति विभाग को भेजता है तो संबंधित विभाग के पीएस पूरी फाइल पढ़ते हैं। इसके बाद 10 से 20 पेज में लिखे आरोप को पढ़कर अनुमति और अनुशंसा दी जाती है।

जानकारी के अनुसार पहले नियम था कि केवल चालान फाइल पर लिखा जाता था कि अनुशंसा की जाती है लेकिन इसे लेकर आरोपी के वकील आपत्ति लगाते थे कि विभाग बिना पढ़े ही अनुमति दे देते हैं। इससे केस कमजोर हो जाता था।

इन अफसरों के मामले भी लंबित

मयंक जैन : भ्रष्टाचार के आरोप के बाद लोकायुक्त ने छापा मारा। आय से अधिक संपत्ति मिली। मामला दर्ज हुआ। उन्हें सस्पेंड कर दिया गया लेकिन लोकायुक्त को अभी तक अभियोजन की अनुमति नहीं मिली।

बीके सिंह : आईएफएस बीके सिंह पर आय के अधिक संपत्ति के मामले में उज्जैन व भोपाल में लोकायुक्त ने छापा मारा था। मामला दर्ज हुआ और अभियोजन के लिए सरकार के पास आज भी लंबित।

डॉ. डीएन शर्मा : एग्रीकल्चर डायरेक्टर रहते हुए डॉ. डीएन शर्मा के घर लोकायुक्त का छापा पड़ा था। आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज हुआ लेकिन कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई। आखिरकार वे रिटायर हो गए।

राघव चंद्रा : गृह निर्माण मंडल के आयुक्त रहते समय भ्रष्टाचार के आरोप लगे। मामला अभी न्यायालय में विचाराधीन है।

पीयूष त्रिवेदी : तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति पद पर काबिज हैं। व्यापमं फर्जीवाड़े के आरोप इन पर लगे। गलत नियुक्ति को लेकर कई शिकायतें।

बीके मंदोरिया : गंजबासौदा के तहसीलदार रहते हुए बीके मंदोरिया पर 50 हजार रुपए की रिश्वत लेने का आरोप। शासन ने निलंबित करने की जगह उनका भोपाल तबादला कर दिया।

रमाकांत तिवारी : प्रमुख सचिव पीडब्ल्यूडी प्रमोद अग्रवाल के नाम पर एसडीओ अनिल मिश्रा और असिस्टेंट इंजीनियर आरपी शुक्ला से रिश्वत मांगने का आरोप।

डॉ. अजीत श्रीवास्तव : आईएफएस डॉ अजीत श्रीवास्तव द्वारा 55 लाख रुपए की रिश्वत मांगने का ऑडियो आया। उनका सिर्फ तबादला किया। मामले की विभागीय जांच चल रही है।

एएन मित्तल : स्वास्थ्य संचालक रहते हुए इन पर भी भ्रष्टाचार का आरोप लगा। लोकायुक्त ने छापे मारे तो लाखों रुपए नकद और संपत्ति मिली। मामले में उन्हें सस्पेंड किया गया।

ये हैं लंबित मामले

राजस्व विभाग 146 सामान्य प्रशासन 25 नगरीय निकाय 16 पंचायत विभाग 45 सहकारिता 49
s@d_news

इनका कहना है

हमारी तरफ देर नहीं होती है। छापे की कार्रवाई के बाद अभियोजन की अनुमति के लिए संबंधित विभागों को प्रकरण भेज दिया जाता है। अब ये सरकार को देखना होगा की उनकी आंतरिक व्यवस्था कैसी है। सरकार को अपने संसाधन बढ़ाने चाहिए, ताकि इस तरह के मामलों में देरी न हो।

-यूसी माहेश्वरी, उप लोकायुक्त, मध्यप्रदेश

No comments:

Post a Comment

CCH ADD

CCH ADD
CCH ADD

dhamaal Posts

जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / रिपोर्टरों की आवश्यकता है

जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / रिपोर्टरों की आवश्यकता है

ANI NEWS INDIA

‘‘ANI NEWS INDIA’’ सर्वश्रेष्ठ, निर्भीक, निष्पक्ष व खोजपूर्ण ‘‘न्यूज़ एण्ड व्यूज मिडिया ऑनलाइन नेटवर्क’’ हेतु को स्थानीय स्तर पर कर्मठ, ईमानदार एवं जुझारू कर्मचारियों की सम्पूर्ण मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के प्रत्येक जिले एवं तहसीलों में जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / ब्लाक / पंचायत स्तर पर क्षेत्रीय रिपोर्टरों / प्रतिनिधियों / संवाददाताओं की आवश्यकता है।

कार्य क्षेत्र :- जो अपने कार्य क्षेत्र में समाचार / विज्ञापन सम्बन्धी नेटवर्क का संचालन कर सके । आवेदक के आवासीय क्षेत्र के समीपस्थ स्थानीय नियुक्ति।
आवेदन आमन्त्रित :- सम्पूर्ण विवरण बायोडाटा, योग्यता प्रमाण पत्र, पासपोर्ट आकार के स्मार्ट नवीनतम 2 फोटोग्राफ सहित अधिकतम अन्तिम तिथि 30 मई 2019 शाम 5 बजे तक स्वंय / डाक / कोरियर द्वारा आवेदन करें।
नियुक्ति :- सामान्य कार्य परीक्षण, सीधे प्रवेश ( प्रथम आये प्रथम पाये )

पारिश्रमिक :- पारिश्रमिक क्षेत्रिय स्तरीय योग्यतानुसार। ( पांच अंकों मे + )

कार्य :- उम्मीदवार को समाचार तैयार करना आना चाहिए प्रतिदिन न्यूज़ कवरेज अनिवार्य / विज्ञापन (व्यापार) मे रूचि होना अनिवार्य है.
आवश्यक सामग्री :- संसथान तय नियमों के अनुसार आवश्यक सामग्री देगा, परिचय पत्र, पीआरओ लेटर, व्यूज हेतु माइक एवं माइक आईडी दी जाएगी।
प्रशिक्षण :- चयनित उम्मीदवार को एक दिवसीय प्रशिक्षण भोपाल स्थानीय कार्यालय मे दिया जायेगा, प्रशिक्षण के उपरांत ही तय कार्यक्षेत्र की जबाबदारी दी जावेगी।
पता :- ‘‘ANI NEWS INDIA’’
‘‘न्यूज़ एण्ड व्यूज मिडिया नेटवर्क’’
23/टी-7, गोयल निकेत अपार्टमेंट, प्रेस काम्पलेक्स,
नीयर दैनिक भास्कर प्रेस, जोन-1, एम. पी. नगर, भोपाल (म.प्र.)
मोबाइल : 098932 21036


क्र. पद का नाम योग्यता
1. जिला ब्यूरो प्रमुख स्नातक
2. तहसील ब्यूरो प्रमुख / ब्लाक / हायर सेकेंडरी (12 वीं )
3. क्षेत्रीय रिपोर्टरों / प्रतिनिधियों हायर सेकेंडरी (12 वीं )
4. क्राइम रिपोर्टरों हायर सेकेंडरी (12 वीं )
5. ग्रामीण संवाददाता हाई स्कूल (10 वीं )

SUPER HIT POSTS

TIOC

''टाइम्स ऑफ क्राइम''

''टाइम्स ऑफ क्राइम''


23/टी -7, गोयल निकेत अपार्टमेंट, जोन-1,

प्रेस कॉम्पलेक्स, एम.पी. नगर, भोपाल (म.प्र.) 462011

Mobile No

98932 21036, 8989655519

किसी भी प्रकार की सूचना, जानकारी अपराधिक घटना एवं विज्ञापन, समाचार, एजेंसी और समाचार-पत्र प्राप्ति के लिए हमारे क्षेत्रिय संवाददाताओं से सम्पर्क करें।

http://tocnewsindia.blogspot.com




यदि आपको किसी विभाग में हुए भ्रष्टाचार या फिर मीडिया जगत में खबरों को लेकर हुई सौदेबाजी की खबर है तो हमें जानकारी मेल करें. हम उसे वेबसाइट पर प्रमुखता से स्थान देंगे. किसी भी तरह की जानकारी देने वाले का नाम गोपनीय रखा जायेगा.
हमारा mob no 09893221036, 8989655519 & हमारा मेल है E-mail: timesofcrime@gmail.com, toc_news@yahoo.co.in, toc_news@rediffmail.com

''टाइम्स ऑफ क्राइम''

23/टी -7, गोयल निकेत अपार्टमेंट, जोन-1, प्रेस कॉम्पलेक्स, एम.पी. नगर, भोपाल (म.प्र.) 462011
फोन नं. - 98932 21036, 8989655519

किसी भी प्रकार की सूचना, जानकारी अपराधिक घटना एवं विज्ञापन, समाचार, एजेंसी और समाचार-पत्र प्राप्ति के लिए हमारे क्षेत्रिय संवाददाताओं से सम्पर्क करें।





Followers

toc news