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कन्नौज। यकीनन साइंस ने बहुत तरक्की कर ली है, लेकिन आज भी कई लोग अंधविश्वास की बेड़ियों से मुक्त नहीं हो पा रहे हैं। आज भी लोग अघोरियों और तांत्रिकों की ताकत पर विश्वास करते हैं और उनके चक्कर में पड़ जाते हैं। इसके पीछे अपनों का मोह या फिर कोई और संज्ञा दी जा सकती है। अब मामला कन्नौज का है, जहां डॉक्टरों ने एक शख्स को मृत घोषित कर दिया, लेकिन एक बाबा मृत युवक को जिंदा करने का दावा करता और कहता रहा कि वो अपने मंत्रों से मुर्दे में जान फूंक देगा।
मुर्दे को गोबर का लेप लगाता ग्रामीण।
नौजवान बेटे की मौत का मातम मनाया जा रहा था। गांव में सन्नाटा पसरा था, तभी एक बाबा आया और उसने मुर्दे को जिंदा करने की बात कही। लाल रंग का चोला, बड़ी-बड़ी दाढ़ी और लंबे केस वाले बाबा की बात सुनकर लोग सन्न रह गए। बाबा की बात के आगे डॉक्टर का डेथ सर्टिफिकेट, उसकी डिग्री, उसका तजुर्वा सब फेल हो गया।
मनीराम (मुर्दे को जिंदा करने का दावा करने वाला बाबा)
पूरा गांव बाबा के पीछे लग गया। मुर्दे को चद्दर से ढककर उस पर गोबर का लेप लगाया गया और फिर मंत्रों का उच्चारण शुरू हुआ। चीखते-चिल्लाते बाबा ने सैकड़ों मंत्र पढ़े, तरह-तरह के आडंवरों को पार करते हुए शव की खूब दुर्दशा की, लेकिन मुर्दा न एक इंच दाएं हुआ और न बाएं। ग्रामीण कभी मुर्दे को देखें तो बाबा के विकराल रूप को। आखिरकार मुर्दे में जान फूंकने वाले बाबा की भविष्यवाणी गलत साबित हुई। करीब 6 घंटे बाद मृतक का अंतिम संस्कार किया गया।
ऐसे हुई थी युवक की मौत
घटना सदर कोतवाली थाना क्षेत्र के अलियापुर गांव की है। गुरुवार रात को सोते वक्त सांप ने युवक को डस लिया। परिवार वाले पीड़ित को अस्पताल ले जाने की बजाय किसी तांत्रिक के पास लिए। झाड़फूंक करते-करते युवक का शरीर नीला पड़ गया। जब तक उसे अस्पताल लेकर पहुंचे तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
इसके एक और बाबा मनीराम ने तंत्र-मंत्र से मृतक को जिंदा करने का दावा किया। अंधविश्वास की चपेट में प्रधान सहित गांव के पूरे लोग थे, लेकिन मुर्दा जिंदा नहीं हो सका। करीब छह घंटे बाद परिवार वालों ने मृतक का अंतिम संस्कार किया।
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