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नई दिल्ली (27 सितंबर) :उरी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्ते बेहद निचले स्तर पर आ गए हैं। दोनों ही सीमाओं पर इस तनाव की झलक भी साफ देखी जा सकती है। यही वजह है कि कुछ दिन पहले पाकिस्तान ने युद्ध की स्थिति में अपने हाईवे पर जेट विमानों को उतारने का अभ्यास किया था। अब भारत भी कुछ ऐसा ही करने जा रहा है।
- दरअसल, बढ़ते तनाव के बीच भारत भी अपनी तैयारियों को एक मुकाम देने में लग गया है। इसके अंतर्गत पश्चिम एयर कमांड को हाईअलर्ट पर रहने की सलाह दी गई है। इसके अलावा जम्मू कश्मीर से लेकर बीकानेर एयरबेस तक के सभी 18 एयरबेस पर बड़ी डिफेंस एक्सरसाइज का भी अभ्यास किया जाएगा, जो 30 सितंबर तक चलेगा।
- युद्ध की सूरत में इंडियन एयरफोर्स की भूमिका को देखते हुए इसको काफी अहम भी माना जा रहा है। इसके तहत एयर डिफेंस, ग्राउंड डिफेंस और हवाई गश्त का अभ्यास किया जाएगा। यह एक्सरसाइज चार दिनों तक चलेगी। इसी तरह की एक्सरसाइज उरी हमले से एक सप्ताह पहले भी की गई थी।
- इसकी जानकारी देते हुए एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना था कि मौजूदा तनाव के दौर मेंं भारत हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठ सकता है। हमें भी हर वक्त तैयार रहने की जरूरत है। उनका कहना था कि यदि पाकिस्तान के आसमान में सीमा से करीब एफ-16 उड़ान भरेंगे तो हम भी शांत नहीं बैठना चाहते हैं।
- एयर फोर्स के अभ्यास के दौरान हर वक्त चौकसी के लिए इजरायल के मानवरहित विमान को तैनात किया जाएगा। इसके अलावा श्रीनगर, लेह, थोएस, अवंतिपुर से अंबाला, अमृतसर, हलवारा और नल एयरबेस को चौकस रखा जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनोंं रक्षा मंत्री समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की थी। इसमें सीमा पर सुरक्षा लड़ाई की स्थिति में हमारी तैयारियों का जायजा भी लिया गया था।
- इसके बाद पश्चिम एयर कमांड के चीफ एयर मार्शल एसबी देव ने कई एयरबेस का दौरा भी किया था और सिक्योरिटी को रिव्यू किया था। इसके अलावा पश्चिमी कमांड के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल सुरिंदर सिंह ने भी जम्मू कश्मीर और पठानकोट का दौरा कर मौजूदा हालात का जायजा लिया था। इसमें उन्होंने सेना के सभी अधिकारियों को हर वक्त हाई अलर्ट पर रहने के साथ साथ शॉर्ट नोटिस पर मौजूद रहने को भी कहा था।
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