Toc News
कश्मीर के उरी में आर्मी बेस पर हमले के बाद अब समय आ गया है कि पाकिस्तान को उसकी हरकतों के लिए सबक सिखाया जा सके। भारत को पाकिस्तान जाने वाली सिंधु इलाके की नदियों का पानी रोक देना चाहिए। इससे पाकिस्तान के बड़े इलाके में अकाल पड़ जाएगा और वो घुटने टेकने को मजबूर हो जाएगा। इस प्रकार प्रधानमंत्री को इस समय कूट नीति से काम लेना चाहिए।
उक्त उदगार पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव ने एक कार्यक्रम के दौरान कही। श्री यादव ने बताया कि भारत, पाकिस्तान के साथ की गयी सिंधु जल संधि को समाप्त कर देगा, जो पाक पर परमाणु बम गिराने के समान होगा। पिछले कुछ समय से पाकिस्तान यह आरोप लगाता रहा है कि भारत इस संधि की शर्तों को तोडक़र उसे पूरा पानी नहीं दे रहा है। जबकि सच्चाई यह है कि इस संधि की वजह से जम्मू-कश्मीर में कोई भी बड़ी पनबिजली परियोजना नहीं लग पा रही है। इसी कारण से जम्मू कश्मीर में आर्थिक गतिविधियां लगभग ठप पड़ी हुई हैं, जिसका नतीजा आतंकवाद के रूप में सामने आ रहा है। इस समझौते के तहत भारत, पाकिस्तान को अपने इलाके से होते हुए जाने वाली सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों का 80 फीसदी पानी देता है।
भारत को इन नदियों के सिर्फ 20 फीसदी पानी के इस्तेमाल की इजाज़त है। इसके अलावा उस समय भारत ने पाकिस्तान को सौ करोड़ रूपये भी दिए थे।
कैप्टेन अजय सिंह यादव ने बताया कि पूरे देश की जनता में रोष है कि पाकिस्तान एक के बाद एक आतंकी हमला करता जा रहा है। आज के दिन हरियाणा, पंजाब समेत कई राज्यों में शायद ही कोई ऐसा गांव होगा जिसमें शहीदी स्मारक न बना हो। इसके बावजूद पाकिस्तान को सबक नही सिखाया जा रहा है।
अब प्रधानमंत्री को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तरह निर्णय लेना चाहिए और पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब देना चाहिए। जिस प्रकार इंदिरा गांधी जी ने बांगलादेश को आजाद कराया था, उसी प्रकार अब प्रधानमंत्री को बलूचिस्तान, गिलकित व सिंध को आजाद कराना चाहिए। पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी ने भी 1965 में पाकिस्तान को धमकी दी थी कि यदि वह अपनी हरकतों से बाज नही आएगा तो पानी रोक दिया जाएगा। इसी तरह अब वह समय आ गया है कि पाकिस्तान जाने वाली सिंधु इलाके की नदियों का पानी रोक दिया जाए।
कश्मीर के उरी में आर्मी बेस पर हमले के बाद अब समय आ गया है कि पाकिस्तान को उसकी हरकतों के लिए सबक सिखाया जा सके। भारत को पाकिस्तान जाने वाली सिंधु इलाके की नदियों का पानी रोक देना चाहिए। इससे पाकिस्तान के बड़े इलाके में अकाल पड़ जाएगा और वो घुटने टेकने को मजबूर हो जाएगा। इस प्रकार प्रधानमंत्री को इस समय कूट नीति से काम लेना चाहिए।
उक्त उदगार पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव ने एक कार्यक्रम के दौरान कही। श्री यादव ने बताया कि भारत, पाकिस्तान के साथ की गयी सिंधु जल संधि को समाप्त कर देगा, जो पाक पर परमाणु बम गिराने के समान होगा। पिछले कुछ समय से पाकिस्तान यह आरोप लगाता रहा है कि भारत इस संधि की शर्तों को तोडक़र उसे पूरा पानी नहीं दे रहा है। जबकि सच्चाई यह है कि इस संधि की वजह से जम्मू-कश्मीर में कोई भी बड़ी पनबिजली परियोजना नहीं लग पा रही है। इसी कारण से जम्मू कश्मीर में आर्थिक गतिविधियां लगभग ठप पड़ी हुई हैं, जिसका नतीजा आतंकवाद के रूप में सामने आ रहा है। इस समझौते के तहत भारत, पाकिस्तान को अपने इलाके से होते हुए जाने वाली सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों का 80 फीसदी पानी देता है।
भारत को इन नदियों के सिर्फ 20 फीसदी पानी के इस्तेमाल की इजाज़त है। इसके अलावा उस समय भारत ने पाकिस्तान को सौ करोड़ रूपये भी दिए थे।
कैप्टेन अजय सिंह यादव ने बताया कि पूरे देश की जनता में रोष है कि पाकिस्तान एक के बाद एक आतंकी हमला करता जा रहा है। आज के दिन हरियाणा, पंजाब समेत कई राज्यों में शायद ही कोई ऐसा गांव होगा जिसमें शहीदी स्मारक न बना हो। इसके बावजूद पाकिस्तान को सबक नही सिखाया जा रहा है।
अब प्रधानमंत्री को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तरह निर्णय लेना चाहिए और पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब देना चाहिए। जिस प्रकार इंदिरा गांधी जी ने बांगलादेश को आजाद कराया था, उसी प्रकार अब प्रधानमंत्री को बलूचिस्तान, गिलकित व सिंध को आजाद कराना चाहिए। पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी ने भी 1965 में पाकिस्तान को धमकी दी थी कि यदि वह अपनी हरकतों से बाज नही आएगा तो पानी रोक दिया जाएगा। इसी तरह अब वह समय आ गया है कि पाकिस्तान जाने वाली सिंधु इलाके की नदियों का पानी रोक दिया जाए।
No comments:
Post a Comment