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मध्यप्रदेश के रायसेन जिले की एक अदालत ने निवेशकों के साथ कथित धोखाधडी से जुडे मामले में आज राज्य सरकार के मंत्री गोपाल भार्गव के पुत्र अभिषेक भार्गव को 50 हजार के मुचलके और 20 लाख की एफ डी जमा करने के निर्देश पर जमानत दे दी।
अदालत ने कल अभिषेक भार्गव समेत तीन लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। उसी के संबंध में अभिषेक भार्गव आज अदालत में पेश हुए थे। जिले की चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमती तृप्ति शर्मा ने जमानत दी।
सागर जिले के गढाकोटा निवासी अभिषेक भार्गव श्रद्धा सबूरी कमोडिटीज प्राइवेट लिमिटेड नाम की वित्तीय कंपनी के संचालक मंडल में प्रबंधक की हैसियत से कार्यरत हैं। उनके साथ ही हरियाणा राज्य के सिरसा निवासी पंकज कुमार और हरियाणा के ही दीपक गावा नाम के व्यक्तियों के खिलाफ वारंट जारी किया गया था। अदालत ने इन तीनों के खिलाफ दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 319 के तहत प्रस्तुत आवेदन पर वारंट जारी किया।
प्रकरण के सिलसिले में अधिवक्ता विजय धाकड़ ने बताया कि रायसेन में बसंत उपाध्याय नाम का व्यक्ति श्रद्धा सबूरी कमोडिटीज प्राइवेट लिमिटेड नाम की वित्तीय कंपनी में कर्मचारी की हैसियत से कार्यरत था। वह निवेशकों से धनराशि लेता और उसे काफी अधिक दर के अनुरूप ब्याज समेत वापस करने की बात करता था। इस तरह उसने अनेक निवेशकों से रूपए जमा कर लिए। कुछ समय पहले यह कार्यालय बंद हो गया। इसके बाद मामले की शिकायत पुलिस से की गयी।
इस मामले के साक्षी राजेश कुमार और विन्ध्येश्वरी नायक ने अपने कथनों में यह स्पष्ट किया कि मुख्य आरोपी बसंत उपाध्याय के द्वारा कंपनी के नाम से कार्यालय खोलकर इसी कंपनी के कर्मचारी की हैसियत से निवेशकों की राशि कंपनी के नाम पर निवेशित करायी। मुख्य आरोपी बसंत उपाध्याय पहले ही गिरफ्तार हो चुका है। इस मामले की सुनवायी के लिए अगली तिथि आगामी 19 अक्टूबर तय की गयी है।
मध्यप्रदेश के रायसेन जिले की एक अदालत ने निवेशकों के साथ कथित धोखाधडी से जुडे मामले में आज राज्य सरकार के मंत्री गोपाल भार्गव के पुत्र अभिषेक भार्गव को 50 हजार के मुचलके और 20 लाख की एफ डी जमा करने के निर्देश पर जमानत दे दी।
अदालत ने कल अभिषेक भार्गव समेत तीन लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। उसी के संबंध में अभिषेक भार्गव आज अदालत में पेश हुए थे। जिले की चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमती तृप्ति शर्मा ने जमानत दी।
सागर जिले के गढाकोटा निवासी अभिषेक भार्गव श्रद्धा सबूरी कमोडिटीज प्राइवेट लिमिटेड नाम की वित्तीय कंपनी के संचालक मंडल में प्रबंधक की हैसियत से कार्यरत हैं। उनके साथ ही हरियाणा राज्य के सिरसा निवासी पंकज कुमार और हरियाणा के ही दीपक गावा नाम के व्यक्तियों के खिलाफ वारंट जारी किया गया था। अदालत ने इन तीनों के खिलाफ दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 319 के तहत प्रस्तुत आवेदन पर वारंट जारी किया।
प्रकरण के सिलसिले में अधिवक्ता विजय धाकड़ ने बताया कि रायसेन में बसंत उपाध्याय नाम का व्यक्ति श्रद्धा सबूरी कमोडिटीज प्राइवेट लिमिटेड नाम की वित्तीय कंपनी में कर्मचारी की हैसियत से कार्यरत था। वह निवेशकों से धनराशि लेता और उसे काफी अधिक दर के अनुरूप ब्याज समेत वापस करने की बात करता था। इस तरह उसने अनेक निवेशकों से रूपए जमा कर लिए। कुछ समय पहले यह कार्यालय बंद हो गया। इसके बाद मामले की शिकायत पुलिस से की गयी।
इस मामले के साक्षी राजेश कुमार और विन्ध्येश्वरी नायक ने अपने कथनों में यह स्पष्ट किया कि मुख्य आरोपी बसंत उपाध्याय के द्वारा कंपनी के नाम से कार्यालय खोलकर इसी कंपनी के कर्मचारी की हैसियत से निवेशकों की राशि कंपनी के नाम पर निवेशित करायी। मुख्य आरोपी बसंत उपाध्याय पहले ही गिरफ्तार हो चुका है। इस मामले की सुनवायी के लिए अगली तिथि आगामी 19 अक्टूबर तय की गयी है।
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