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केन्द्रीय मंत्री उमा भारती के खिलाफ भोपाल सीजेएम भू भास्कर यादव की कोर्ट ने जमानती वारेंट गुरुवार को जारी कर दिया। यह वारंट आॅल इंडिया कांग्रेस कमेटी के महासचिव दिग्विजय सिंह द्वारा उमा भारती के खिलाफ दायर मानहानि के एक केस में जारी हुए हैं।मानहानि के मामले में केंद्रीय मंत्री उमा भारती के खिलाफ सीजेएम कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया हे।मानहानि मामले में केन्द्रीय मंत्री उमा भारती कोर्ट द्वारा कई बार समन जारी करने के बाद भी उपस्थित नहीं हो रही थीं। इसलिए कोर्ट ने उमा भारती के खिलाफ वारंट जारी किए हैं। इस मामले में दिग्विजय सिंह अपने बयान दर्ज करा चुके हैं, जबकि उमा भारती को कोर्ट अपने बयान दर्ज कराने के लिए कई बार समन जारी कर चुका है।
उमा भारती ने वर्ष 2003 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर अपने पद का दुरुपयोग कर 15 हजार करोड़ रुपए के घोटोल का आरोप लगाया था। इसी आरोप के खिलाफ दिग्विजय सिंह ने उमा भारती के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज किया था। पिछले दस साल से अधिक समय से चल रहे इस केस में पिछले मार्च में उमा भारती के वकील हरीश मेहता ने इस केस में उमा भारती और दिग्विजय सिंह के बीच राजीनामा करने की दरख्वास्त तत्कालीन सीजेएम पंकज सिंह माहेश्वरी की कोर्ट में भी लगाई थी।
इस दरख्वास्त के जवाब में सीजेएम ने पिछले 5 फरवरी को उमा भारती और दिग्विजय सिंह के वकीलों को आपसी राजीनामा कर केस खत्म करने के लिए कहा भी था। दिग्विजय और उमा भारती में मगर में कोई राजीनामा नहीं हो पाया। दिग्विजय सिंह ने इस मामले में अपने बयान दर्ज करा दिए हैं, जबकि उमा भारती को अपने बयान दर्ज कराना है।
केन्द्रीय मंत्री उमा भारती के खिलाफ भोपाल सीजेएम भू भास्कर यादव की कोर्ट ने जमानती वारेंट गुरुवार को जारी कर दिया। यह वारंट आॅल इंडिया कांग्रेस कमेटी के महासचिव दिग्विजय सिंह द्वारा उमा भारती के खिलाफ दायर मानहानि के एक केस में जारी हुए हैं।मानहानि के मामले में केंद्रीय मंत्री उमा भारती के खिलाफ सीजेएम कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया हे।मानहानि मामले में केन्द्रीय मंत्री उमा भारती कोर्ट द्वारा कई बार समन जारी करने के बाद भी उपस्थित नहीं हो रही थीं। इसलिए कोर्ट ने उमा भारती के खिलाफ वारंट जारी किए हैं। इस मामले में दिग्विजय सिंह अपने बयान दर्ज करा चुके हैं, जबकि उमा भारती को कोर्ट अपने बयान दर्ज कराने के लिए कई बार समन जारी कर चुका है।
उमा भारती ने वर्ष 2003 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर अपने पद का दुरुपयोग कर 15 हजार करोड़ रुपए के घोटोल का आरोप लगाया था। इसी आरोप के खिलाफ दिग्विजय सिंह ने उमा भारती के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज किया था। पिछले दस साल से अधिक समय से चल रहे इस केस में पिछले मार्च में उमा भारती के वकील हरीश मेहता ने इस केस में उमा भारती और दिग्विजय सिंह के बीच राजीनामा करने की दरख्वास्त तत्कालीन सीजेएम पंकज सिंह माहेश्वरी की कोर्ट में भी लगाई थी।
इस दरख्वास्त के जवाब में सीजेएम ने पिछले 5 फरवरी को उमा भारती और दिग्विजय सिंह के वकीलों को आपसी राजीनामा कर केस खत्म करने के लिए कहा भी था। दिग्विजय और उमा भारती में मगर में कोई राजीनामा नहीं हो पाया। दिग्विजय सिंह ने इस मामले में अपने बयान दर्ज करा दिए हैं, जबकि उमा भारती को अपने बयान दर्ज कराना है।
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