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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक एतिहासिक निर्णय में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को फस्र्ट (इंफार्मेशन रिपोर्ट एफआईआर) अपनी वेबसाइट पर चौबीस घण्टों के भीतर अपलोड करने के निर्देश दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दिए गए अपने निर्देशों में छापेमारी, महिला और बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों जैसे संवेदनशील मामलों में वेबसाइट पर एफआईआर अपलोड करने की छूट प्रदान की है। साथ ही दुर्गम इलाकों जहां इंटरनेट कनेक्टिविटी की प्रॉब्लम रहती है वहां लिमिट चौबीस घंटों की जगह 72 घंटों की रखी गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने यूथ बार एसोसिएशन आॅफ इंडिया की इस बारे में दायर याचिका पर यह निर्देश दिए हैं। विदित हो कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2015 में उत्तर प्रदेश पुलिस को अपनी वेबसाइट पर एफआईआर की कॉपी डालने का निर्देश दिया था। दिल्ली हाईकोर्ट ने भी सन 2010 में इसी तरह का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने एफआईआर अपलोड करने के पूरे देश में लागू करने के निर्देश दिए हैं।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक एतिहासिक निर्णय में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को फस्र्ट (इंफार्मेशन रिपोर्ट एफआईआर) अपनी वेबसाइट पर चौबीस घण्टों के भीतर अपलोड करने के निर्देश दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दिए गए अपने निर्देशों में छापेमारी, महिला और बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों जैसे संवेदनशील मामलों में वेबसाइट पर एफआईआर अपलोड करने की छूट प्रदान की है। साथ ही दुर्गम इलाकों जहां इंटरनेट कनेक्टिविटी की प्रॉब्लम रहती है वहां लिमिट चौबीस घंटों की जगह 72 घंटों की रखी गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने यूथ बार एसोसिएशन आॅफ इंडिया की इस बारे में दायर याचिका पर यह निर्देश दिए हैं। विदित हो कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2015 में उत्तर प्रदेश पुलिस को अपनी वेबसाइट पर एफआईआर की कॉपी डालने का निर्देश दिया था। दिल्ली हाईकोर्ट ने भी सन 2010 में इसी तरह का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने एफआईआर अपलोड करने के पूरे देश में लागू करने के निर्देश दिए हैं।
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