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टीम के सदस्यों की क्षमता बढ़ाकर ही अच्छा परिणाम प्राप्त किया जा सकता है - कलेक्टर
रीवा | 06-जनवरी-2017 विजन 2018 अंतर्गत टीम बिल्डिंग संबंधी राजस्व अधिकारियों की एक दिवसीय कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए कलेक्टर राहुल जैन ने कहा कि टीम के सदस्यों की क्षमता बढ़ाकर ही अच्छा परिणाम पाया जा सकता है, टीम बनाने की भावना से व्यक्तित्व का भी निखार होता है।
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कलेक्टर ने कहा कि शासकीय कार्यक्षेत्र में किसी भी मुखिया को उसकी टीम चयन करने का अधिकार नहीं होता, उसे मिली हुई टीम के सदस्यों से ही प्रशिक्षण देते हुए मनोबल बढ़ाकर अपेक्षित परिणाम मिल सकता है। मुखिया को अपने टीम के सदस्यों की जिम्मेदारी लेनी चाहिए व उन्हें धैर्य के साथ सुनते हुए कौशल सुधारकर कार्य करने हेतु प्रोत्साहित भी करना चाहिए। उन्होंने कहा कि टीम बिल्डिंग का तात्पर्य ही टीम को बनाना है ताकि वह अपेक्षाओं में खरा उतर सके। कलेक्टर ने अपने उद्बोधन में कहा कि पद को दरकिनार करते हुए बेहतर मुखिया बनते हुए अनुभव को प्राथमिकता देकर कार्यकुशलता बढ़ाने का काम करना चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति में सीखने की ललक हो व विचारधारा को सकारात्मक सोच के साथ कार्य व्यवहार में लाना भी मुखिया का दायित्व है।
कार्यशाला के उद्देश्य के विषय में बताते हुए अपर कलेक्टर डा. श्रीकांत पाण्डेय ने कहा कि आपसी सामंजस्य के साथ सुदृढ़ टीम सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शन देते हुए लक्ष्य की प्राप्ति कर सकती है। अतः स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के साथ आपसी समन्वय व संवाद स्थापित करते हुए प्रशासन में लक्ष्य की प्राप्ति की जा सकती है। सुशासन का सही अर्थ है आम आदमी के कदमों की आहट से प्रशासन के दरवाजे खुल जाय। प्रदेश के मुख्यमंत्री जी भी सुशासन हेतु तत्पर हैं।
विषय विशेषज्ञ के तौर पर उपस्थित अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. ए.के. श्रीवास्तव ने कहा कि तनाव कम करके व समय के व्यवस्थापन से किसी भी कार्य को आसानी से किया जा सकता है। किसी कार्य के लिये थोड़ा तनाव आवश्यक है मगर अत्यधिक तनाव शरीर के लिये घातक होता है। शारीरिक श्रम, योग, ध्यान भी तनाव कम करने में मददगार होता है। टीम बिल्डिंग व टीम लीडरशिप के विषय में जानकारी देते हुए अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के एमबीए. विभाग के विभागाध्यक्ष डा. अतुल पाण्डेय ने कहा कि टीम का लीडर वह है जो जानता है कि सही रास्ता क्या है व उस पर अपनी टीम को कैसे चलाना है।
ऊर्जा के साथ दूसरे के विषय में सोचते हुए संयमित व्यवहार रखकर सकारात्मक सोच से खुद पर आत्मविश्वास से किसी भी कार्य को आसानी से किया जा सकता है। सामूहिक भावना से प्रत्येक व्यक्ति की क्षमता को समझते हुए लक्ष्य की प्राप्ति की जा सकती है। इस अवसर पर बद्रिका ग्रुप के प्रबंध संचालक सुनील सिंह ने कहा कि टीम के लीडर संवेदनशील होकर अपने अधीनस्थों के प्रति सकारात्मक सोच रखते हुए जिम्मेदारी का वहन कर किसी भी लक्ष्य को पाने में सफल हो सकता है। जीवन में अच्छे परिणाम का चयन कर मनोवृत्ति के साथ यदि टीम भावना से काम किया जाय तो सार्थक परिणाम आयेंगे।
इस अवसर पर उपस्थित अधिकारियों ने समूह बनाकर मानसिक क्विज भी खेले व आपस में विचार-विमर्श किया। कार्यशाला में अनुविभागीय अधिकारी एस. कृष्ण चैतन्य, के.पी. पाण्डेय, कमलेश पाण्डेय, ए.के. सिंह, नीलमणि अग्निहोत्री, श्रीमती माला त्रिपाठी, डिप्टी कलेक्टर कमलेश पुरी, एसएलआर. रवि श्रीवास्तव, प्रशिक्षण प्रभारी उपसंचालक रोजगार अनिल दुबे, कार्यपालन यंत्री पीएचई. पंकजराव गोरखेड़े, सहायक संचालक पिछड़ा वर्ग सी.एल. सोनी सहित तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार उपस्थित थे।
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