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लखनऊ । पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अयूब खान के खिलाफ आखिरकार शनिवार को मड़ियांव थाने में दुष्कर्म, गैर इरादतन हत्या, धमकी व गालीगलौज की धाराओं में एफआइआर दर्ज कर ली गई। एसएसपी के आदेश पर युवती के भाई की तहरीर पर शनिवार को मामला दर्ज किया गया है।
उप्र के संतकबीर नगर निवासी युवती की हालत गंभीर होने पर गुरुवार को उसे केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था। शुक्रवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। तहरीर में युवती के भाई की ओर से कहा गया है कि 2012 में विधानसभा चुनाव में अपने लिए प्रचार करते हुए डॉ. अयूब खान संतकबीरनगर स्थित उसके घर आए थे। जहां युवती से कहा था कि तुम मेरे लिए प्रचार करो, अगर जीत जाऊंगा तो पढ़ाई के साथ नौकरी भी लगवा दूंगा।
प्रचार करवाने के लिए युवती को डॉ. अयूब कुछ दिन के लिए अपने साथ ले गए। जीतने के बाद डॉ. अयूब युवती का कॅरियर संवारने की बात कहकर लखनऊ लेकर चले गए। उसे लखनऊ स्थित एक कॉलेज में बीएससी नर्सिंग में दाखिला दिलाया। अयूब जब भी लखनऊ जाते युवती का जबरन यौन शोषण करते और मुंह खोलने पर जान से मारने की धमकी देते।
एक दिन युवती के पेट में अचानक तेज दर्द हुआ, जिस पर उसने डॉ. अयूब से कहा आप जो कृत्य कर रहे हैं, इससे मेरी तबीयत बिगड़ रही है। जिस पर अयूब ने इलाज के नाम पर युवती को टीबी समेत अन्य ऐसी गंभीर दवाएं देनी शुरू कर दीं, जो बीमारी उसे थी ही नहीं। कई महीने दवा चलने के बाद युवती की हालत और खराब हो गई। उसकी किडनी और लिवर भी खराब हो गया। जिसके बाद आरोपी ने युवती का इलाज बंद करके उससे दूरी बना ली। पास आने पर जान से मारने की धमकी दी।
पहले भी दर्ज हो चुका है दुष्कर्म का मुकदमा
डॉ. अयूब के खिलाफ 2012 में महानगर कोतवाली में एक जिला पंचायत महिला सदस्य ने दुष्कर्म, एससी-एसटी एक्ट समेत अन्य धाराओं में एफआइआर दर्ज कराई थी। जिस तरह 2017 के विधानसभा चुनाव के समय एफआइआर दर्ज हुई है, उसी तरह 2012 विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान एफआइआर हुई थी, लेकिन पहले के मुकदमे में अयूब पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगाते हुए पूरा मामला रफादफा कर दिया था। तत्कालीन एएसपी टीजी व मौजूदा एएसपी ट्रैफिक हबीबुल हसन का कहना है कि राजनीतिक कारणों से मुकदमा दर्ज कराया गया था, जो गलत था, इसलिए फाइनल रिपोर्ट लगाई गई थी।
चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं अयूब
- डॉ. अयूब संतकबीर नगर के खलीलाबाद विधानसभा सीट से पीस पार्टी के मौजूदा विधायक भी हैं। इधर, लखनऊ पुलिस का कहना है कि पूछताछ के लिए अयूब का पता लगाया जा रहा है। कुछ राजनीतिक पार्टियों के हस्तक्षेप के चलते 2012 में भी मेरे खिलाफ दुष्कर्म, धमकी, एसटी-एसटी एक्ट समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज हुआ था, जो विवेचना में गलत पाया गया। उसमें फाइनल रिपोर्ट लग गई थी। इस मामले में भी कुछ राजनीतिक पार्टियों की साजिश के चलते एफआइआर दर्ज हुई है, मुझ पर जो आरोप लगे हैं वो गलत हैं।
- डॉ. अयूब खान, पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष
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