मुंबई| बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) चुनाव में किसी को भी बहुमत न मिलने के बाद महापौर पद के लिए उद्धव ठाकरे की शिवसेना को समर्थन देने के मुद्दे पर कांग्रेस में शनिवार को मतभेद पैदा हो गया।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महासचिव तथा वरिष्ठ कांग्रेसी नेता गुरुदास कामत ने बीएमसी में शिवसेना को किसी भी तरह के समर्थन के प्रति ‘कड़ा विरोध’ जताया।
कामत ने कड़े शब्दों में लिखे गए एक बयान में कहा, “हम दोनों भगवा पार्टियों से उनकी विभाजनकारी नीतियों के खिलाफ लड़ते रहे हैं और अगर हमने उनके साथ गठबंधन का प्रयास किया, तो जनता हमें कभी माफ नहीं करेगी।”
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, “मैंने अपनी राय से कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को भी अवगत करा दिया है। बीएमसी में शिवसेना के समर्थन के लिए मैं किसी भी चर्चा पर कड़ा विरोध जताता हूं, चाहे वह गठबंधन के लिए हो या अप्रत्यक्ष समर्थन के लिए हो।”
उन्होंने कहा कि शिवसेना तथा भाजपा अपनी समस्याओं का समाधान खुद करें और इस प्रक्रिया में “उन्हें और सत्ता की उनकी भूख को बेनकाब किया जाए।”
कामत का विरोध ऐसे समय में सामने आया है, जब एक दिन पहले महाराष्ट्र कांग्रेस में कथित तौर पर इस तरह की चर्चा हुई है कि यदि बीएमसी महापौर पद के लिए शिवसेना-भाजपा में समझौता नहीं हो पाता है तो इस पद के लिए शिवसेना का समर्थन किया जाना चाहिए।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महासचिव तथा वरिष्ठ कांग्रेसी नेता गुरुदास कामत ने बीएमसी में शिवसेना को किसी भी तरह के समर्थन के प्रति ‘कड़ा विरोध’ जताया।
कामत ने कड़े शब्दों में लिखे गए एक बयान में कहा, “हम दोनों भगवा पार्टियों से उनकी विभाजनकारी नीतियों के खिलाफ लड़ते रहे हैं और अगर हमने उनके साथ गठबंधन का प्रयास किया, तो जनता हमें कभी माफ नहीं करेगी।”
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, “मैंने अपनी राय से कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को भी अवगत करा दिया है। बीएमसी में शिवसेना के समर्थन के लिए मैं किसी भी चर्चा पर कड़ा विरोध जताता हूं, चाहे वह गठबंधन के लिए हो या अप्रत्यक्ष समर्थन के लिए हो।”
उन्होंने कहा कि शिवसेना तथा भाजपा अपनी समस्याओं का समाधान खुद करें और इस प्रक्रिया में “उन्हें और सत्ता की उनकी भूख को बेनकाब किया जाए।”
कामत का विरोध ऐसे समय में सामने आया है, जब एक दिन पहले महाराष्ट्र कांग्रेस में कथित तौर पर इस तरह की चर्चा हुई है कि यदि बीएमसी महापौर पद के लिए शिवसेना-भाजपा में समझौता नहीं हो पाता है तो इस पद के लिए शिवसेना का समर्थन किया जाना चाहिए।
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