विधायक ने मेरी बेटी को डॉक्टर बनाने के लिए पांच लाख मांगे थे। तीन लाख में खेत बेचा। दो लाख के बदले मेरी बेटी की आबरू लूटते रहे। ये सनसनीखेज आरोप जड़े मृत युवती की मां ने। बता दें कि पीस पार्टी के अध्यक्ष डॉ अय्यूब खां गैर इरादतन हत्या और दुषकर्म के मामले में फंसे हैं। मरने वाली लड़की की मां ने इस मामले में कुछ सनसनीखेज खुलासे किए हैं। पीड़िता की मां के मुताबिक पीस पार्टी के अध्यक्ष व मेंहदावल से विधायक डॉ. अय्यूब ने डॉक्टर बनाने के लिए पांच लाख रुपये की मांग की थी। इन पैसों के इंतजाम में युवती की मां ने आधा बीघा खेत ढाई लाख रुपये में बेचा।
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एक रिश्तेदार से 50 हजार रुपये उधार भी लिए। इस तरह तीन लाख रुपये डॉक्टर को ले जाकर दिया। डॉ. अय्यूब ने कहा था कि बाकी रुपये हम लगा देंगे। इन्ही दो लाख रुपये के बदले वह युवती के साथ दुष्कर्म करते रहे। यह आरोप युवती की मां ने लगाया।
युवती की मां ने बताया कि डॉ. अय्यूब विधायक होने के बाद अक्सर घर पर आते थे। हर बार बेटी की ही चर्चा करते थे। यही आश्वासन देते थे कि जल्द ही बिटिया डॉक्टर बन जाएगी। एक साल पहले बेटी गांव आई। उसी समय उसे अचानक पेट में दर्द हुआ। इसके बाद अचानक रक्तस्राव होने लगा। डॉक्टर को दिखाया गया। डॉक्टर ने बताया कि युवती को गर्भपात की दवा दी गई है। युवती ने इसके बाद पूरी कहानी मां को बताई।
एक महीने में पांच दिन ही शामिल हुई ट्रेनिंग में
डॉ. अय्यूब के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज होने के बाद सीओ अलीगंज डॉ. मीनाक्षी और इंस्पेक्टर नागेश मिश्रा सेवा नर्सिंग कॉलेज पहुंचे। वहां संस्थान के निदेशक डॉ. नीरज बोरा से बातचीत की। डॉ. बोरा ने बताया कि 2013 बैच के स्टूडेंट्स की दिसंबर में राम मनोहर लोहिया अस्पताल में ट्रेनिंग थी। यह ट्रेनिंग एक महीने तक चली। सभी स्टूडेंट्स को वहां सुबह आठ से शाम चार बजे तक प्रशिक्षण लेना था।
लेकिन वहां से जब रिपोर्ट आई तो उसमें युवती 25 दिन तक मौजूद नहीं थी। इस बाबत उससे पूछा भी गया लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया। कॉलेज के प्रिंसिपल ने उसकेसाथियों से भी पूछताछ की, पर किसी को पता नहीं कि वह एक महीने तक कहां पर रही। उन्होंने बताया कि युवती पढ़ाई में काफी कमजोर थी। हर साल वह किसी न किसी विषय में फेल हो जाती थी।
डॉ. बोरा ने बताया कि जनवरी से अब तक युवती सिर्फ दो दिन कॉलेज आई थी। 16 जनवरी को क्लास करने के बाद 19 जनवरी को आई। इस दिन उसकी तबियत ज्यादा खराब थी। डॉक्टरों ने जब जांच की तो उसे हेपेटाइटिस बी निकला। तत्काल डॉक्टरों ने उसे भर्ती कराया। इसके बाद उसके परिवारीजन घर लेकर चले गए।
हॉस्टल में डॉ. अय्यूब आते थे मिलने
पोस्टमार्टम हाउस पहुंची युवती की सहपाठियों ने बताया कि डॉ. अय्यूब अक्सर उसके हॉस्टल में आते थे। हमने कई बार उसके कमरे में उन्हें देखा। दोस्तों ने डॉ. अय्यूब के बारे में युवती को आगाह भी किया था। कहा था कि डॉक्टर ठीक आदमी नहीं है। इससे बच कर रहना। लेकिन वह उसके दबाव में रहती थी। दोस्तों ने बताया कि एक बार उसने दूरी बनाने का प्रयास किया तो आर्थिक स्थिति खराब हो गई।
युवती का पोस्टमार्टम देर शाम तीन डॉक्टरों के पैनल ने किया। डॉक्टरों के अनुसार युवती की किडनी, लीवर और लंग्स पूरी तरह काम करना बंद कर चुके थे। उसे कम से कम एक साल से यह बीमारी थी। डॉक्टरों ने बताया कि युवती को हेपेटाइटिस बी था। इसी दौरान उसे मासिक भी आ गया। इस कारण शरीर में खून की कमी हो गई। पोस्टमार्टम के बाद युवती का बिसरा, डीएनए और स्वाब सुरक्षित रख लिया गया है।
लोगों के सहयोग से शव ले गई मां
पोस्टमार्टम हाउस पर मौजूद लोगों ने बताया कि युवती के परिवारीजनों की आर्थिक स्थिति काफी खराब है। उनकेपास इतने रुपये नहीं थे कि शव को घर ले जा सकें। बिलखते परिवारीजनों को देख शव वाहन स्टैंड के ठेकेदार सूबेदार ने पूछताछ की। उसने एक गाड़ी का इंतजाम किया।
कुछ अन्य लोगों ने भी मदद की। इसके बाद वे शव घर ले जा सके। युवती के भाई ने इंस्पेक्टर चौक और मड़ियांव से सुरक्षा की गुहार भी लगाई। कहा, मेरे परिवार पर रास्ते में हमला हो सकता है। कम से कम दो पुलिसकर्मी सुरक्षा के लिए दिए जाएं। इंस्पेक्टर ने चुनाव का हवाला देते हुए फोर्स की कमी की बात कही। यह भी कहा कि रास्ते में कुछ नहीं होगा, मोबाइल पर लगातार संपर्क में रहना।
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