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भारत को डिजिटल ट्रांजेक्शन की दिशा में ले जाने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है। इससे पहले 8 नवंबर 2016 को पीएम मोदी देश की जनता के सामने आए थे और ऐलान किया था कि 8 नवंबर की रात 12 बजे के बाद से देश भर में 500 और 1000 के पुराने नोट बैन कर दिए जाएंगे। इस ऐलान के बाद से देशभर में हड़कंप मच गया था। इसके बाद से कहा जा रहा है भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है। इस बीच एक और बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है। बताया जा रहा है किी ज20 फरवरी को एक बार फिर से बड़ा ऐलान हो सकता है। बताया जा रहा है कि रीटेल पेमेंट में डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार IndiaQR को 20 फरवरी को लाइव कर सकती है।
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दरअसल IndiaQR एक तरह का कॉमन कोड है। इस कॉमन कोड की मदद से डिजिटल ट्रांजेक्शन और भी ज्यादा आसान हो जाएगा। कहा जा रहा है कि इस कोड को देश की चार बड़ी कार्ड पेमेंट कंपनियों ने डेवलप किया है। आरबीआई यानी भारतीय रिजर्व बैंक के आदेशों के तहत नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया रुपेकार्ड को मास्टरकार्ड, वीजा और अमेरिकन एक्सप्रेस के साथ मिलकर चलाती है। ये डेबिट कार्ड इस्तेमाल करने वाले कस्टमर को अपने स्मार्टफोन के इस्तेमाल से रीटेल पेमेंट की इजाजत देता है। इसके साथ ही कहा जा रहा है कि ये देशभर में रिटेल मर्चेंट्स प्वाइंट्स पर डिजिटल पेमेंट और डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने की सरकार की मुहिम है। इसकी मदद से पीओएस मशीनों की कमी भी नहीं खलेगी।
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एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये पहला मौका होगा, जब सभी तमाम बड़ी पेमेंट कंपनियां डेटा फील्ड्स के साथ सिंगल क्यूआर कोड जनरेट करने के लिए एक साथ आ रही हैं। बताया जा रहा है कि 20 फरवरी को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया इस IndiaQR को लॉन्च करेगा। इसके पहले फेज में 5 से 8 बैंक लाइव होंगे। ये IndiaQR कोड बैंक के मोबाइल ऐप्लीकेशन पर काम करेगा। इसके तहत कस्टमर जब किसी स्टोर से कोई सामान खरीदेगा तो उसे अपना मोबाइल बैंकिंग ऐप खोलना होगा। इस क्यू आर कोड की मदद से मर्चेंट्स का क्यूआर कोड स्कैन करना होगा। इसके बाद वो रकम डालकर पेमेंट प्रोसेस कर सकते हैं।बताया जा रहा है कि इस कोड की सफलता के लिए बैंकों को मोबाइल एप्लीकेशन में ग्राहकों की डेबिट कार्ड डिटेल्स को इंटीग्रेट करना होगा।
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इसके अलावा सरकार की मुहिम है कि ज्यादा से ज्यादा मर्चेंट्स को इस दायरे में लाया जाएगा, जिससे ये स्कीम कामयाब हो सके। अब आपको बताते हैं कि आखिर IndiaQR काम कैसे करेगा। सबसे पहले ये जान लीजिए ये बैंकों के मोबाइल ऐप्स पर काम करेगा। इसके अलावा पेमेंट करने के लिए यूजर को स्मार्टफोन पर मोबाइल बैंकिंग ऐप खोलनी होगी। इसके बाद मर्चेंट का QR कोड स्कैन करना होगा।
इसके बाद अमाउंट डालकर पेमेंट की प्रोसेसिंग हो जाएगी। कुल मिलाकर कह सकते हैं कि हिंदुस्तान में 20 फरवरी को पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजक्ट लॉन्च हो रहा है। देखना ये है कि आगे चलकर IndiaQR किस तरह से देशभर में हिट होता है। माना जा रहा है कि सरकार लगातार डिजिटल ट्रांजेक्शन की दिशा में काम कर रही है और देश की अर्थव्यवस्था आगे चलकर कैशलेस हो सकती है।
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