इलाहाबाद। 23 फरवरी को चौथे चरण की जिन विधान सभा सीटों पर मतदान हुआ उनमें इलाहाबाद की मेजा सीट भी शामिल है। ग्रामीण क्षेत्र की इस सीट से एक महिला बीजेपी उम्मीदवार इन दिनों चर्चा में है। ये महिला है नीलम करवरिया, जो पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रही हैं, बल्कि पहली बार ही राजनीति में कदम रखा है।
नीलम के पति उदयभान करवरिया इलाहाबाद की ही बारा सीट से बीजेपी से ही विधायक रह चुके हैं। उदयभान करवरिया के बड़े भाई यानी नीलम करवरिया के जेठ कपिलमुनि फूलपुर से बीएसपी सांसद रहे हैं और छोटे भाई सूरज भान बीएसपी से एमएलसी रहे हैं, लेकिन ये तीनों भाई पिछले एक साल से हत्या के एक मामले में जेल में हैं। पहले ये तीनों ही नैनी जेल में बंद थे, लेकिन कुछ शिकायतें मिलने के बाद चुनाव से ठीक पहले इन्हें मिर्ज़ापुर की जेल में शिफ्ट कर दिया गया।
करवरिया बंधुओं के दबदबे को देख बीजेपी ने दिया टिकट
नीलम करवरिया बताती हैं, राजनीतिक षड्यंत्र के तहत मेरे घर के सभी पुरुषों को जेल में बंद किया गया है और हम लोगों को भी परेशान किया जा रहा है। पुरुषों के जेल में होने के बावजूद वो कैसे चुनावी प्रबंधन करती हैं, इस सवाल के जवाब में नीलम कहती हैं कि प्रबंधन तो कार्यकर्ता करते हैं और वो सब उनके साथ हैं।
तीनों भाइयों के जेल में बंद होने के बाद बीजेपी के कुछ बड़े नेताओं की सिफारिश और करवरिया बंधुओं के कथित राजनीतिक दबदबे को देखते हुए बीजेपी ने उदयभान की पत्नी नीलम को यहां से टिकट दिया है। यहां उनका मुकाबला सपा के रामसेवक पटेल और बीएसपी के एसके मिश्रा से है।
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