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भोपाल. बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के अनुसार समस्त विवाह सेवा प्रदाता जैसे-प्रिन्टिंग प्रेस, हलवाई, केटरर, धर्मगुरू, समाज के मुखिया, बैण्ड वाला, घोड़े वाला, ब्यूटी पार्लर, टेन्ट हाउस, ट्रांसपोर्ट व अन्य सेवा प्रदाताओं से अपील की गई कि वे किसी भी विवाह में अपनी सेवायें देने से पहले सुनिश्चित कर लें कि कहीं वे बाल विवाह में तो अपनी सेवायें नहीं दे रहे है।
सेवा प्रदाताओं से अपील की गई कि वे बाल विवाह में अपनी सेवायें न दें। अन्यथा वे भी बाल विवाह में मदद के दोषी माने जायेंगें और उनके विरूद्ध भी आपराधिक प्रकरण दर्ज कर लिया जायेगा।
इस संबंध में समस्त सेवा प्रदाताओं से अपील की गई है कि वे विवाह पत्रिका प्रिन्ट करने के पूर्व उम्र संबंधित प्रमाण-पत्र प्राप्त कर परीक्षण कर लें और बालक के 21 वर्ष या उससे अधिक व बालिका के 18 वर्ष या उससे अधिक होने के उपरांत ही सेवाये प्रदाय करेंगे। प्रिंटिंग प्रेस द्वारा मुद्रित की जा रही विवाह पत्रिका में वर-वधु की विवाह पत्रिका में वर वधु की उम्र लिखना अनिवार्य है।
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