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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का एलजी ऑफिस में धरना राजनीतिक गलियारों में न केवल चर्चा का विषय बना हुआ है, बल्कि चार राज्यों के मुख्यमंत्री खुलकर उनके समर्थन में एक साथ खड़े हो गए। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू और केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन ने शनिवार को दिल्ली पहुंचकर केजरीवाल के मांगों को जायज ठहराया। इसे एक तरह से आगामी लोकसभा चुनाव की रणनीति से भी जोड़ा जा रहा है, जिसमें कांग्रेस पीछे छूटती दिख रही है।
तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव के गैर बीजेपी-गैर कांग्रेस गठबंधन की कवायद को तृणमूल की तरफ से भी समर्थन मिलता दिखता रहा है। ऐसे में केजरीवाल के समर्थन में ममता सहित इन चार सीएम की उपस्थिति एक तरह से गैर बीजेपी-गैर कांग्रेस गठबंधन की झलक देती भी दिखती है। आपको बता दें कि पिछले दिनों दिल्ली की राजनीति में लोकसभा चुनाव को लेकर आप और कांग्रेस में गठबंधन के कयास जोर-शोर से सुर्खियां बने थे। हालांकि कांग्रेस इसे नकारती रही।
इसके बावजूद आम आदमी पार्टी की चुप्पी से कहीं न कहीं गठबंधन की बात झलक रही थी। इस बीच चारों नेताओं ने शनिवार शाम दिल्ली के आंध्र भवन में मुलाकात की। मुलाकात को 2019 के चुनावों के लिए गैर कांग्रेसी मोर्चे के गठन की तैयारियों से भी जोड़कर भी देखा जा रहा है। हालांकि इस बारे में औपचारिक तौर कोई पुष्टि तो नहीं हुई, लेकिन दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के नेता पहले दिन से ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के धरने का विरोध कर रहे हैं।
इसे देखते हुए गैर कांग्रेसी मोर्चे के कयासों को बल मिला रहा है। प्रदेश कांग्रेस की तरफ से अजय माकन और पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने भी केजरीवाल के धरने को गलत बताया है। आप नेताओं ने भी कांग्रेस पर तंज कसते हुए बीजेपी की बी टीम करार दिया है।
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