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जबलपुर | 18-जून-2018. समाधान एक दिन तत्काल सेवा के प्रति प्राधिकृत अधिकारियों के लापरवाह रवैए से क्षुब्ध कलेक्टर श्रीमती छवि भारद्वाज ने सभी प्राधिकृत अधिकारियों को आगाह किया है कि आम लोगों को तत्काल सेवा मुहैया कराने के मकसद से आरंभ की गई इस व्यवस्था के प्रति प्राधिकृत अधिकारियों द्वारा बरती जा रही लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने साफ तौर पर चेतावनी दी कि ऐसे मामलों में तत्काल प्राधिकृत अधिकारी के निलम्बन की कार्यवाही की जाएगी।
श्रीमती भारद्वाज आज यहां प्राधिकृत अधिकारियों की बैठक में बोल रहीं थीं। उन्होंने कहा कि कई कारण बताओ नोटिस जारी किए जाने के बावजूद सम्बन्धित प्राधिकृत अधिकारियों के रवैए में कोई सुधार परिलक्षित नहीं हुआ है। इस स्थिति के मद्देनजर कड़े कदम उठाए जाना अपरिहार्य हो गया है। कलेक्टर ने प्राधिकृत अधिकारियों एसएडीओ पनागर, सीईओ पनागर और सीएमओ पनागर की निहायत खराब परफॉर्मेंस को लेकर सख्त नाराजगी का इजहार किया। एसएडीओ पनागर रश्मि परसाई के गैरमौजूद होने पर उप संचालक कृषि एस.के.निगम को तलब कर कलेक्टर ने इस बारे में जानकारी ली। सम्बन्धित के दो माह से मेडिकल अवकाश पर होने के बारे में बताए जाने पर श्रीमती भारद्वाज ने इस सम्बन्ध में जरूरी पड़ताल किए जाने के निर्देश दिए।
बैठक में श्रीमती भारद्वाज ने सीडीपीओ गढ़ा के लगभग हमेशा छुट्टी पर रहने को लेकर कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास मनीष शर्मा से कैफियत तलब की कि आखिर उक्त अधिकारी को इतनी छुट्टियां किस प्रकार मंजूर की जाती हैं। उन्होंने सीईओ पनागर की कार्यप्रणाली पर भी ऐतराज जताया। कलेक्टर ने कहा कि लोक सेवा केन्द्र गढ़ा की परफॉर्मेंस पूरे प्रदेश में सबसे गई-गुजरी है। उन्होंने गढ़ा के प्राधिकृत अधिकारी सहित सभी सम्बन्धितों को खड़ा कर उनसे इस बारे में जवाब तलब किया। दिए गए स्पष्टीकरण को सिरे से खारिज करते हुए कलेक्टर ने कहा कि अगर आप सभी काम कर रहे हैं तो समाधान केवल 70 फीसदी ही क्यों नजर आ रहा है। हालाकि कलेक्टर ने कुण्डम केन्द्र की कार्यप्रणाली को सराहा। साथ ही नगर निगम के जोनल अधिकारियों द्वारा तत्परतापूर्वक काम किए जाने को लेकर भी संतोष व्यक्त किया। श्रीमती भारद्वाज ने कहा कि तहसीलदारों को भी केन्द्र पर उनकी ड्यूटी के दिन केन्द्र में पहुंचकर समाधान की कार्यवाही करनी होगी।
रूकेंगी दो वेतन-वृद्धियां
कलेक्टर श्रीमती भारद्वाज ने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी कि यदि प्राधिकृत अधिकारियों ने अपने काम-काज में सुधार नहीं किया और निराकरण 95 फीसदी से कम रहा तो प्राधिकृत अधिकारियों की दो-दो वेतन-वृद्धियां तत्काल प्रभाव से रोक दी जाएंगी। उन्होंने प्रदेश में सबसे नीची पायदान पर रहे गढ़ा और मझौली के प्राधिकृत अधिकारियों की दो-दो वेतन-वृद्धियां रोके जाने हेतु प्रस्ताव प्रस्तुत किए जाने के भी निर्देश दिए। खास तौर पर सीएमओ पनागर के कामकाज से खफा कलेक्टर ने कहा कि अब उन्हें नोटिस नहीं बल्कि दो वेतन-वृद्धियां रोके जाने का आदेश थमाया जाएगा। कलेक्टर ने साफ तौर पर कहा कि किसी भी प्राधिकृत अधिकारी के अवकाश पर जाने पर यह उस अधिकारी का व्यक्तिगत दायित्व होगा कि वे वैकल्पिक अधिकारी की व्यवस्था करें।
कलेक्टर ने इस बात पर जोर दिया कि अगर लोगों के काम उसी दिन पूरे नहीं होते तो समाधान एक दिन व्यवस्था का मकसद ही नाकाम हो जाता है। ऐसे में यह जरूरी है कि उसी दिन कम से कम 95 प्रतिशत निराकरण हर हाल में किया जाए। इससे कम निराकरण होने पर जिम्मेदार अधिकारी के विरूद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।
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