मध्यप्रदेश जलसंकट पर भारी पडे डांसर अंकल, शिवराज सिंह चौहान गदगद |
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- शिवराज जी भगवानरूपी जनता की सुध ले लो....
- जबलपुर में 5 दिन से पानी के लिए त्राहिमाम
- जलसंकट पर पत्रकार जहीर अंसारी का बेबाक लेख
जबलपुर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस बात से गदगद हैं कि विदिशा के रहवासी भोपाल में कार्यरत प्रोफ़ेसर संजीव श्रीवास्तव का डाँस आभाषी दुनिया और एलेक्ट्रोनिक मीडिया में घूम मचा रहा है। उन्होंने ट्वीट के ज़रिए यह बताने की कोशिश कि प्रदेश के पानी में कुछ ख़ास है।
शिवराज जी को ‘कुछ ख़ास पानी’ दिख गया मगर जीवन देने वाला पानी संकट नहीं दिख रहा है। प्रदेश की जीवन रेखा नर्मदा अपने उद्गम स्थल से लेकर कपिल धारा तक लगभग सूख सी गई है, यह उन्हें नहीं दिखा। उन्हें यह भी नहीं दिख रहा कि जबलपुर की आधी से अधिक आबादी हफ़्ते भर से पानी के लिए त्रहिमाम-त्रहिमाम कर रही। उन्हें यह भी नहीं पता कि डीज़ल के अभाव में टेंकरों से होने वाली जलापूर्ति प्रभावित हो गई। किसान सड़कों पर अपनी उपज फेंक रहे हैं। इन सब समस्याओं पर मामा जी ट्वीट क्यों नहीं कर रहे ? क्यों फ़ेसबुक पर पोस्ट डाल रहे हैं ?
अरे मामा जी यह वही जनता है जिसे आप भगवान कहा करते थे। आप कहते थे प्रदेश हमारा मंदिर है, जनता हमारी भगवान है और मैं उसका पुजारी। पुजारी जी अब आपको क्या हो गया। आपके बंगले पर एक टाइम पानी न आए तो पूरी सरकार आपके द्वार पर औंधे मुँह खड़ी हो जाएगी लेकिन जनता को हफ़्ते भर से पानी नहीं मिल रहा है। पीने, नहाने-धोने, कामकाज में लगने वाले पानी से मोहताज हो रही है। कूलर में पानी न होने से महिलायें और बच्चे इस भीषण गर्मी में कलप रहे हैं।
मामा जी आप ही की तरह नगर निगम की सत्ता पर आपकी पार्टी चौदह सालों से क़ाबिज़ है फिर भी आपको चिंता नहीं है। शहर के मुहाने से नर्मदा जी बह रही हैं उसके बावजूद शहर पानी को तरस रहा है। आप ही के मुख्यमंत्रित्व काल में एडीबी लोन की राशि से रमनगरा वाटर प्लांट खड़ा हुआ है। लगभग 141 करोड़ रुपए प्लांट और वाटर सप्लाई में ख़र्च हुए थे। ज़रा पता तो करवाइए कि किस ने इतना घटिया काम किया या करवाया। उसकी खाल उधेड़िए और उसकी फ़ोटो ट्वीट करिए। उन प्रशासनिक अधिकारियों के कान उमेठिए जिनकी लापरवाही से बार-बार पाइपलाईन का ज़्वाईंट उखड़ रहा है। साल में पाँच बार ऐसा हो चुका है। अपनी महापौर और आयुक्त से पूछिए ये सब क्या चल रहा है। हफ़्ते भर से शहर पानी की बूँद-बूँद को क्यों तरस रहा है ?
अपने संगठन से कहिए जाकर व्यवस्था का जायज़ा लें। चीन और पाकिस्तान पर कमेंट्स करने वालों से बोलिए कि जाकर जनता दर्द जाने और हक़ीक़त से आपको रुबरू करवाएँ। भोपाल से उच्च अधिकारियों और एक्सपर्ट की टीम भेजिए।
मामा जी आपकी इसी ख़ामोशी ने कांग्रेसियों को खड़े होने का मौक़ा दे दिया है। नगर निगम की अकर्मण्यता ने कांग्रेस और नागरिकों को उग्र बना दिया है। प्रशासनिक ढिलाई की वजह से ही कांग्रेस ने 3 जून को जबलपुर बंद का आह्वान कर दिया है।
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