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S.k. Bhardwaj
पत्रिका समूह द्वारा तथ्यविहीन खबरें छापकर दिलीप सूर्यवंशी और शिवराज सिंह चौहान का चरित्र हनन कर ब्लैकमेल करने की साजिश हो सकती है
भोपाल। अन्तर्राज्यीय स्तर पर, समाज के अनेक समूहों में, शासकीय और अपने निजी मंचों पर, राष्ट्रीय त्यौहारों, विभिन्न आयोजनों में भारत की संस्कृति और सभ्यता में अपने जनहितकारी विचारों का अपने ही मुंह से ढिण्डोरा पीटने वाले तथाकथित समाज सेवी प्रचारक श्री गुलाब कोठारी और उनका समूह अपने निजी स्वार्थ की खातिर जनता को गुमराह कर रहे है। भ्रष्टाचारियों को अपने समूह में शामिल कर ऐन-केन प्रकेरण अपना स्वार्थ सिद्ध करने के हथकण्डे अपना रहे है।
भोपाल में जब पत्रिका समाचार पत्र का प्रकाशन किया तो स्वयं ने जनता को भरोसा दिलाया था कि हम हर वो खबर छापेंगें जिससे आम नागरिक को सच्चाई का अहसास होगा। शोक संदेश के प्रकाशन के लिए सिर्फ एक रूपया प्रकाशन शुल्क निर्धारित किया और कहा गया कि यह शोक संदेशों की राशि हम अपने लिए नही समाजहित में शमशानों में विस्तार एवं जनसुविधा पर खर्च करेंगें। इसके विपरीत पत्रिका समूह आज एक रूपया नही बल्कि पूरे 2000/- रूपये शोक संदेश प्रकाशन का बसूलता है। और राशि का उपयोग जनहित में नही स्वयं के संस्थान में करते है। पत्रिका समूह बिल्डरों,भ्रष्टाचारियों,समाज के शोषकों के साथ मिलकर विशुद्ध रूप से व्यापार कर रहे है । बह भी पत्रकारों कों बदनाम कर मीडिया की आड़ में । पहले कहते थे ,खबरे प्रकाशित करने से पहले निष्पक्ष होकर घटनाओ से जुड़े तथ्य एवं प्रमाणों को परखेंगें। अर्भी पत्रिका समाचार पत्र को अभी कुछ की वर्ष हुए है ,और इस अल्प समय में पत्रिका समूह एवं उसके कर्ताधर्ताओं ने हर वो कार्य किया है जो एक चलता फिरता छुटभैया फुटपाथ पर बैठ कर सामान बेचने वाला करता है। जिसका एक ही उद़ेश्य होता है ।
विना गारन्टी का घटिया सामान बेचकर ग्राहक को लुभावनी और मीठी-मीठी बातें करके झूठी कसमें खाकर ग्राहक की जेब से पैसा निकालना। ऐंसे अनेक उदाहरण भरे पड़े है जहां इन्होंने अपने समाचार पत्र में मनगढ़न्त समाचार प्रकाशित कर के समाज को गुमराह किया है। भ्रष्ट लोगो के साथ सांठ-गांठ कर लोगो को बदनाम किया है ,लोगो का चरित्र हनन किया है। ब्लैक मेल करने का प्रयास किया है। जिसमें सैफिया कालेज रोड पर कुछ दुकानदारों का मामला हो या शैहला मसूद हत्या काण्ड से जुड़े तथ्य हो या मंत्री श्रीलक्ष्मी कान्तशर्मा क ी गन के दस्तावेजों का मामाला हो या स्वास्थ्य विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों के साथ मिलकर मीडिया कर्मियों का चरित्र हनन कर प्रताडि़त करने का षडय़न्त्र हो। इस प्रकार की खबरों के प्रकाशन से पत्रिका समूह ने अपना एक मुकाम बना लिया है कि एक समझदार पाठक कोई भी समाचार पढने के बाद आज सहज भरोसा नही करता है। ऐसा ही एक निराधार तथ्यों से परे समाचार प्रकाशन का प्रकरण जानकारी में आया है।
भोपाल जिले के लोक निर्माण विभाग के अधीन बैरसिया संभाग में सेवारत सब इंजीनियर स्व.श्री रामेश्वर प्रसाद चतुर्वेदी की हुई 29 मार्च 2013 को संदेहास्पद मौत के प्रकाशन से संबंधित है। पत्रिका में प्रकाशित समाचार के अनुसार आरोपी ,षडय़न्त्रपूर्वक हत्या कारने वाला बाहुबली ठेकेदार भोपाल निवासी दिलीप बिल्डकॉन का स्वामी दिलीप सूर्यवंशी एवं उसके कारिन्दे है। समाचार स्व.चतुर्वेदी के परिजनों का आरोप लगाना बताकर उनके हवाले से प्रकाशित की गयी है। समाचार में प्रकाशित किया गया है कि कुछ समय पूर्व दिलीप विल्डकॉन द्वारा बनायी गयी लहारपुर से खेजड़ा परिहार तक की सडुक के निर्माण में अनियमितता बरती गयी थी जिसे स्व. चतुर्वेदी ने उखड़वादिया था। यह पूरा समाचार मृतक स्व. चतुर्वेदी के परिजनों के हवाले से प्रकाशित की गयी है। इस खबर से इतना भूचाल आया कि मीडिया जगत का हर व्यक्ति उस खबर को फॉलो करने की कोशिश करने में लग गया चूकि खबर में म.प्र. के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को भी परोक्ष रूप से आरोपी बनाने का प्रयास किया गया तो राजनीति भी चालू हो गयी ,राजनीतिक पार्टिया भी पत्रिका समाचार पत्र पढ़कर अपनी अपनी प्रतिक्रिया देने लगीं। मुख्यमंत्री और उनके नजदीकी दिलीप सूर्यवंशी के नाम घटना में आने के बाद हमारी भी जिज्ञासा हुई कि कुछ समझा जाय। तो हमने भी जानकारी जुटायी तो हम स्तब्ध रह गये ।
पत्रिका समूह ने जैसा समाचार प्रकाशित कर समाज में एक संदेश दिया है वह विल्कुल झूठा एवं मनगढ़न्त है। समाचार मृतक के परिजनों के हवाले से प्रकाशित की है। जबकि मृतक के परिजन और स्वयं पत्नी ने मुख्यमंत्री को शिकायत कर जांच कराने का आवेदन देती है उसमें जो आरोपी है ,डब्लू,नन्दू,और जावेद शकील। उस आवेदन में कहीं भी दिलीप सूर्यवंशी का नाम नही है। यही नही 12 अप्रैल को श्रीमती किरन चतुर्वेदी पत्नी स्व.श्री रामेश्वर चतुर्वेदी ने एक पत्र पत्रिका के प्रकाशक एवं मुद्रक श्री गजराज भण्डारी को भी प्रकाशित खबर का खण्डन करने एवं असली दोषियों को बचाने का आरोप लगाते हुए लिखा है। इसके बावजूद भी पुन: एवं निरन्तर खबरें कई दिनों तक दिलीप सूर्यवंशी एवं मुख्यमंत्री को टारगेट कर प्रकाशित की गयी है। दूसरा पक्ष है लोक निर्माण विभाग का सरकारी रिकार्ड । हमारे कार्यालय को मिले रिकार्ड अनुसार जिस मार्ग के निर्माण का समाचार में हवाला दिया गया है, लहारपुर से खेजड़ा परिहार इस 13.80 किमी लम्बे मार्ग के निर्माण के लिए टेण्डर 21 अक्टूबर 2005 को बुलाये गये थे । मै.दिलीप विल्डर की निम्रतर दर होने पर उसे 09 जनवरी 2006 को विभाग द्वारा कार्यादेश जारी कर दिये गये। अनुबन्ध एवं शर्त अनुसार दिनांक 30 जुलाई 2007 को ठेकेदार ने कार्य पूर्ण कर दिया। और विभाग का प्रमाण पत्र हासिल कर लिया।
निर्माण की शर्त अनुसार तीन वर्ष की परफॉरमेन्स गारन्टी 3 वर्ष की थी । वह गारण्टी भी 30 जुलाई 2007 क ो समाप्त हो गयी। वित्त वर्ष 2006-7 के बाद से घटना दिनांक तक दिलीप विल्डर भोपाल को न कोई कार्य मिला और नही कोई शेष कार्य है।अब यहां एक शंका होती है जिस ठेकेदार का 6-7 वर्षो से ठेके का कोई काम नही ,कोई शेष नही तो विवाद किस बात का वह भी इतनी बड़ी दुश्मनी का रूप लेले कि ठेकेदार एक जिम्मेदार अधिकारी की हत्या करा दे। और सबसे बड़ी बात मृतक ही पत्नी के विरोध के बावजूद परिवार का हवाला देकर खबरे बना कर सनसनी फैलाना । इससे पत्रिका समूह की मंशा स्पष्ट होती है कि इनका समाचार की सत्यता और मीडिया जगत की इज्जत से कोई सरोकार नही , बल्कि इन कूटरचित समाचारों के माध्यम से समाज में सनसनी फैलाना लोगो का चरित्र हनन करना और अपने व्यापार का बिस्तार करना है।
इस समाचार के संबन्ध में जब हमने मीडिया के बरिष्ठ लोगो से चर्चा की तो इनमें से अधिकांश लोग इस प्रकार के समाचारों के प्रकाशन से असहमत है। आइसना के अध्यक्ष श्री अवधेश भार्गव जी इस अपनी प्रतिक्रिया में कहते है कि पत्रिका समूह संस्थान को अपनी जिम्मेदारी एवं दायित्व का निर्वहन नि:स्वार्थ रूप से करना चाहिये इससे पत्रिका समूह ही नही समूचे पत्रकार जगत की विश्वसनीयता का प्रश्र है।
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