स्टे नहीं हटने तक फैकल्टी की नियमित भर्ती करना होगा मुश्किल
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भोपाल (नप्र)। फैकल्टी की कमी से जूझ रहे एम्स को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अगले तीन महीने में कम से कम 50 फीसदी फैकल्टी के पद भरने के निर्देश दिए हैं। लेकिन एम्स में फैकल्टी की नियुक्तियों पर आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट का स्टे लगा है। जब तक यह स्टे नहीं हटता, तब तक एम्स को फैकल्टी की नियमित भर्ती करना बहुत मुश्किल होगा।
एम्स के मेडिसिन विभाग के फैकल्टी डॉ. रजनीश जोशी ने जबलपुर हाईकोर्ट में एम्स में आरक्षण को लेकर एक याचिका लगा रखी है, जिस पर हाईकोर्ट ने स्टे दिया हुआ है। इस काफी लंबा समय हो गया है, लेकिन एम्स प्रबंधन ने इसे वैकेट (हटाने) की कोशिशें नहीं कीं। बताया जा रहा है कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय हाईकोर्ट के स्टे को लेकर नाराज है।
तीन महीने में भरना है कम से कम 125 पद
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अगले तीन महीने में कम से कम 50 फीसदी पद भरे जाने के निर्देश दिए हैं। एम्स में कंसल्टेंट के 307 स्वीकृत पद हैं। अभी केवल 58 पद भरे हुए हैं। इस तरह करीब 250 पद अभी भी खाली पड़े हैं। यदि 50 फीसदी भरे जाएं तो एम्स को अगले तीन महीने में 125 पद भरने होंगे। ऐसा तभी संभव हो पाएगा, जब कोर्ट में स्टे समाप्त हो जाए।
बिना कंसल्टेंट हो रही भारी परेशानी
एम्स में इस वक्त कंसल्टेंट की भारी कमी है। इससे गायनिकोलॉजी में डिलेवरी शुरू नहीं हो पा रही है। ट्रामा व इमरजेंसी शुरू होने में भी दुश्वारियां आ रही हैं। कंसल्टेंट नहीं होने से कार्डियोलॉजी, कार्डियकसर्जरी व नेफ्रोलॉजी जैसे विभाग शुरू नहीं हो पा रहे हैं। अस्पताल में बिस्तरों की संख्या बढ़ाने में भी समस्या आ रही है।
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हम स्टे वैकेट कराने का प्रयास करेंगे। साथ ही मंत्रालय को भी सूचित कर देंगे कि मामला न्यायालय में विचाराधीन है।
डॉ. नितिन नागरकर, डायरेक्टर, एम्स भोपाल
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भोपाल (नप्र)। फैकल्टी की कमी से जूझ रहे एम्स को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अगले तीन महीने में कम से कम 50 फीसदी फैकल्टी के पद भरने के निर्देश दिए हैं। लेकिन एम्स में फैकल्टी की नियुक्तियों पर आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट का स्टे लगा है। जब तक यह स्टे नहीं हटता, तब तक एम्स को फैकल्टी की नियमित भर्ती करना बहुत मुश्किल होगा।
एम्स के मेडिसिन विभाग के फैकल्टी डॉ. रजनीश जोशी ने जबलपुर हाईकोर्ट में एम्स में आरक्षण को लेकर एक याचिका लगा रखी है, जिस पर हाईकोर्ट ने स्टे दिया हुआ है। इस काफी लंबा समय हो गया है, लेकिन एम्स प्रबंधन ने इसे वैकेट (हटाने) की कोशिशें नहीं कीं। बताया जा रहा है कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय हाईकोर्ट के स्टे को लेकर नाराज है।
तीन महीने में भरना है कम से कम 125 पद
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अगले तीन महीने में कम से कम 50 फीसदी पद भरे जाने के निर्देश दिए हैं। एम्स में कंसल्टेंट के 307 स्वीकृत पद हैं। अभी केवल 58 पद भरे हुए हैं। इस तरह करीब 250 पद अभी भी खाली पड़े हैं। यदि 50 फीसदी भरे जाएं तो एम्स को अगले तीन महीने में 125 पद भरने होंगे। ऐसा तभी संभव हो पाएगा, जब कोर्ट में स्टे समाप्त हो जाए।
बिना कंसल्टेंट हो रही भारी परेशानी
एम्स में इस वक्त कंसल्टेंट की भारी कमी है। इससे गायनिकोलॉजी में डिलेवरी शुरू नहीं हो पा रही है। ट्रामा व इमरजेंसी शुरू होने में भी दुश्वारियां आ रही हैं। कंसल्टेंट नहीं होने से कार्डियोलॉजी, कार्डियकसर्जरी व नेफ्रोलॉजी जैसे विभाग शुरू नहीं हो पा रहे हैं। अस्पताल में बिस्तरों की संख्या बढ़ाने में भी समस्या आ रही है।
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हम स्टे वैकेट कराने का प्रयास करेंगे। साथ ही मंत्रालय को भी सूचित कर देंगे कि मामला न्यायालय में विचाराधीन है।
डॉ. नितिन नागरकर, डायरेक्टर, एम्स भोपाल
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