स्कूल की ऑनलाइन निगरानी करने वाला पहला जिला बना बालाघाट
Toc News @ bhopal
भोपाल : शासकीय शालाओं की शिक्षण और अन्य व्यवस्था की निगरानी के लिये अब संचार के आधुनिक साधन, तकनीक और इंटरनेट का उपयोग किया जा रहा है। प्रदेश के बालाघाट जिले ने इस दिशा में अपने कदम बढ़ाये हैं। जिला कलेक्टर श्री व्ही. किरण गोपाल की पहल पर एन्ड्रायड मोबाइल पर चलने वाला 'शाला दर्पण' एप बनाया गया है। एप की सहायता से अन्य विभाग के अधिकारियों द्वारा जिले के हाई एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों की शिक्षण व्यवस्था पर निगरानी रखी जा रही है। इस तरह की व्यवस्था करने वाला बालाघाट मध्यप्रदेश में पहला जिला बन गया है।
एन्ड्रायड मोबाइल के गूगल प्ले स्टोर में जाकर इस एप को मोबाइल पर डाउनलोड किया जा सकेगा। डाउनलोड के बाद पंजीकरण की बटन पर क्लिक करना होगा। इसमें अधिकारी को अपना नाम, पदनाम और मोबाइल नम्बर देना होगा। जानकारी देने के बाद जिला कार्यालय की वेबसाइट में मोबाइल नम्बर रजिस्टर्ड होगा तथा उसे एक हाई या हायर सेकेण्डरी स्कूल आवंटित कर दिया जायेगा। अधिकारी को शाला आवंटित होने पर उसे अपने कार्यों के अलावा आकस्मिक रूप से कभी भी शाला दर्पण एप में शिक्षक के नाम के सामने उपस्थित, अनुपस्थित या शाला से बाहर वाले बटन पर टिक करना होगा। अधिकारी को मोबाइल पर ही एप में बच्चों की प्रवेश संख्या, पुस्तकों, साइकिल एवं गणवेश राशि के वितरण की जानकारी भरनी होगी।
घर बैठे नहीं हो पायेगा शाला का निरीक्षण
अधिकारी घर बैठे ही यह जानकारी नहीं भर सकेंगे। इसके लिये एप को जीपीएस से लेस किया गया है। किस स्थान से जानकारी भरी गयी है, उसकी जानकारी भी एप देगा। अधिकारी को शाला के निरीक्षण के साथ ही वहाँ का एक फोटो भी लेना होगा। अधिकारी एप के अपलोड बटन पर क्लिक कर निरीक्षण के दौरान एकत्रित की गयी जानकारी अपलोड कर सकेगा, जो जिला कार्यालय की वेबसाइट पर दिखने लगेगी। वेबसाइट पर अधिकारी द्वारा किये गये निरीक्षण का विश्लेषण करने के साथ ही कमी पाये जाने पर उसे दूर करने के उपाय किये जा सकेंगे। एप से निरीक्षण की इस व्यवस्था से शिक्षकों की समय पर उपस्थिति सुनिश्चित होने के साथ ही पढ़ाई भी बेहतर होने लगेगी।
123 ने करवाया पंजीयन
जिले में 221 हाई एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल हैं। अब तक 123 अधिकारी ने अपने मोबाइल में इस एप को इंस्टाल कर लिया है। उन्हें एक-एक शाला भी आवंटित कर दी गयी है
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भोपाल : शासकीय शालाओं की शिक्षण और अन्य व्यवस्था की निगरानी के लिये अब संचार के आधुनिक साधन, तकनीक और इंटरनेट का उपयोग किया जा रहा है। प्रदेश के बालाघाट जिले ने इस दिशा में अपने कदम बढ़ाये हैं। जिला कलेक्टर श्री व्ही. किरण गोपाल की पहल पर एन्ड्रायड मोबाइल पर चलने वाला 'शाला दर्पण' एप बनाया गया है। एप की सहायता से अन्य विभाग के अधिकारियों द्वारा जिले के हाई एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों की शिक्षण व्यवस्था पर निगरानी रखी जा रही है। इस तरह की व्यवस्था करने वाला बालाघाट मध्यप्रदेश में पहला जिला बन गया है।
एन्ड्रायड मोबाइल के गूगल प्ले स्टोर में जाकर इस एप को मोबाइल पर डाउनलोड किया जा सकेगा। डाउनलोड के बाद पंजीकरण की बटन पर क्लिक करना होगा। इसमें अधिकारी को अपना नाम, पदनाम और मोबाइल नम्बर देना होगा। जानकारी देने के बाद जिला कार्यालय की वेबसाइट में मोबाइल नम्बर रजिस्टर्ड होगा तथा उसे एक हाई या हायर सेकेण्डरी स्कूल आवंटित कर दिया जायेगा। अधिकारी को शाला आवंटित होने पर उसे अपने कार्यों के अलावा आकस्मिक रूप से कभी भी शाला दर्पण एप में शिक्षक के नाम के सामने उपस्थित, अनुपस्थित या शाला से बाहर वाले बटन पर टिक करना होगा। अधिकारी को मोबाइल पर ही एप में बच्चों की प्रवेश संख्या, पुस्तकों, साइकिल एवं गणवेश राशि के वितरण की जानकारी भरनी होगी।
घर बैठे नहीं हो पायेगा शाला का निरीक्षण
अधिकारी घर बैठे ही यह जानकारी नहीं भर सकेंगे। इसके लिये एप को जीपीएस से लेस किया गया है। किस स्थान से जानकारी भरी गयी है, उसकी जानकारी भी एप देगा। अधिकारी को शाला के निरीक्षण के साथ ही वहाँ का एक फोटो भी लेना होगा। अधिकारी एप के अपलोड बटन पर क्लिक कर निरीक्षण के दौरान एकत्रित की गयी जानकारी अपलोड कर सकेगा, जो जिला कार्यालय की वेबसाइट पर दिखने लगेगी। वेबसाइट पर अधिकारी द्वारा किये गये निरीक्षण का विश्लेषण करने के साथ ही कमी पाये जाने पर उसे दूर करने के उपाय किये जा सकेंगे। एप से निरीक्षण की इस व्यवस्था से शिक्षकों की समय पर उपस्थिति सुनिश्चित होने के साथ ही पढ़ाई भी बेहतर होने लगेगी।
123 ने करवाया पंजीयन
जिले में 221 हाई एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल हैं। अब तक 123 अधिकारी ने अपने मोबाइल में इस एप को इंस्टाल कर लिया है। उन्हें एक-एक शाला भी आवंटित कर दी गयी है
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