Present by - toc news
भोपाल. नियमितीकरण की मांग को लेकर सोमवार सुबह बीजेपी कार्यालय पहुंचे अतिथि विद्वानों को बीजेपी कार्यकर्ताओं ने खदेड़ दिया। जब वे नहीं माने तो कार्यकर्ताओं ने पुलिसकर्मियों के साथ अतिथि विद्वानों की पिटाई कर दी।
इस दौरान महाविद्यालयीन अतिथि विद्वान संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष यश कुमार सिंह बेहोश हो गए। बाद में सभी अतिथि विद्वानों को हबीबगंज थाने ले जाया गया। यहां 16 अतिथि विद्वानों की गिरफ्तारी कर शाम को कोर्ट में पेश गया। कोर्ट से उन्हें मुचलके पर छोड़ दिया गया।
कॉलेजों में पढ़ाने वाले अतिथि विद्वान सोमवार सुबह गले में भाजपा का गमछा प्रदेश बीजेपी कार्यालय पहुंचे थे। सभी को भरोसा था कि पार्टी का झंडा बुलंद करने से उनकी बात सुनी जाएगी, लेकिन आधे घंटे के भीतर ही सब उलट गया। अतिथि विद्वान संघ का बैनर देख कार्यालय के अंदर से कुछ कार्यकर्ता बाहर आ गए।
उन्होंने सभी को बाहर जाने के लिए कहा तो अतिथि विद्वानों ने वंदेमातरम् और भारत माता की जय के नारे लगाने शुरू कर दिए। कार्यकर्ताओं और पुलिस ने उन्हें हटाना चाहा तो कुछ अतिथि विद्वान जमीन पर लेट गए। महिला अतिथि विद्वानों ने भी उन्हें पकड़ लिया। धक्का-मुक्की में संघ के उपाध्यक्ष यश कुमार सिंह बेहोश हो गए। इस बीच फर्श पर खून देख अतिथि विद्वान भावुक हो गए।
काफी देर तक सीएसपी जयंत सिंह राठौर, टीआई सुधीर अरजरिया व अन्य पुलिसकर्मियों की अतिथि विद्वानों से बहस होती रही। इसी कार्यालय के प्रभारी एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने एक अतिथि विद्वान को खदेड़ दिया। पुलिस ने बीच-बचाव करने की जगह अतिथि विद्वानों को गेट पर पकड़कर मारपीट की। आंदोलन की संयोजक डॉ. लीना दुबे ने बताया कि हम लोग 15-20 साल से नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं। कुछ की उम्र 55 साल की हो गई है, लेकिन उनकी कोई नहीं सुन रहा।
भोपाल. नियमितीकरण की मांग को लेकर सोमवार सुबह बीजेपी कार्यालय पहुंचे अतिथि विद्वानों को बीजेपी कार्यकर्ताओं ने खदेड़ दिया। जब वे नहीं माने तो कार्यकर्ताओं ने पुलिसकर्मियों के साथ अतिथि विद्वानों की पिटाई कर दी।
इस दौरान महाविद्यालयीन अतिथि विद्वान संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष यश कुमार सिंह बेहोश हो गए। बाद में सभी अतिथि विद्वानों को हबीबगंज थाने ले जाया गया। यहां 16 अतिथि विद्वानों की गिरफ्तारी कर शाम को कोर्ट में पेश गया। कोर्ट से उन्हें मुचलके पर छोड़ दिया गया।
कॉलेजों में पढ़ाने वाले अतिथि विद्वान सोमवार सुबह गले में भाजपा का गमछा प्रदेश बीजेपी कार्यालय पहुंचे थे। सभी को भरोसा था कि पार्टी का झंडा बुलंद करने से उनकी बात सुनी जाएगी, लेकिन आधे घंटे के भीतर ही सब उलट गया। अतिथि विद्वान संघ का बैनर देख कार्यालय के अंदर से कुछ कार्यकर्ता बाहर आ गए।
उन्होंने सभी को बाहर जाने के लिए कहा तो अतिथि विद्वानों ने वंदेमातरम् और भारत माता की जय के नारे लगाने शुरू कर दिए। कार्यकर्ताओं और पुलिस ने उन्हें हटाना चाहा तो कुछ अतिथि विद्वान जमीन पर लेट गए। महिला अतिथि विद्वानों ने भी उन्हें पकड़ लिया। धक्का-मुक्की में संघ के उपाध्यक्ष यश कुमार सिंह बेहोश हो गए। इस बीच फर्श पर खून देख अतिथि विद्वान भावुक हो गए।
काफी देर तक सीएसपी जयंत सिंह राठौर, टीआई सुधीर अरजरिया व अन्य पुलिसकर्मियों की अतिथि विद्वानों से बहस होती रही। इसी कार्यालय के प्रभारी एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने एक अतिथि विद्वान को खदेड़ दिया। पुलिस ने बीच-बचाव करने की जगह अतिथि विद्वानों को गेट पर पकड़कर मारपीट की। आंदोलन की संयोजक डॉ. लीना दुबे ने बताया कि हम लोग 15-20 साल से नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं। कुछ की उम्र 55 साल की हो गई है, लेकिन उनकी कोई नहीं सुन रहा।
No comments:
Post a Comment