Saturday, September 10, 2016

मध्यप्रदेश में बन रहा है प्रशासनिक अराजकता का माहौल ?

अवधेश पुरोहित @ Toc News
भोपाल। वैसे लोकतंत्र में शासन चलाने के लिये चुने हुए जनप्रतिनिधियों की जवाबदेही होती है, भारतीय संविधान में नौकरशाही की भी अपनी एक भूमिका है और उसी भूमिका और अपने दायित्वों का निर्वाहन करने के लिये लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधियों की मंशा अनुसार नौकरशाह अपनी जवाबदारी का निर्वाहन करता है। 

भारतीय संविधान में देश के नौकरशाहों में विभागीय मंत्रियों के आदेशों और निर्देशों की अवहेलना और अनदेखी करना इस समय एक प्रवृत्ति सी बन गई है और इस प्रवृत्ति का यह आलम है कि यह अब सुरसा की तरह फैल गई है। वैसे एक स्वास्थ्य लोकतंत्र के लिए नौकरशाहों की यह प्रवृत्ति काफी खतरनाक भी साबित हो सकती है। हालांकि नौकरशाही भी इस देश के आम नागरिकों की तरह उनकी हैसियत होती है लोकतंत्र में किसी भी सरकार के कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार का पनपना और नौकरशाहों द्वारा गलत निर्णय लेना लोकतंत्र में जनता के लिए घातक साबित हो सकते हैं। ऐसे ही मुद्दे को लेकर मध्यप्रदेश में इन दिनों चारों ओर बहस सी चल पड़ी है और इस बहस में यह प्रमुख मुद्दा है कि प्रदेश की नौकरशाही में प्रशासनिक अराजकता का माहौल बनता जा रहा है यदि समय रहते इस पर पाबंदी नहीं लगाई गई तो इसके परिणाम घातक साबित हो कसते हैं,

मजे की बात यह है कि जहां एक ओर प्रदेश में प्रशासनिक अराजकता का माहौल बन रहा है तो वहीं चाल, चरित्र और चेहरे के नाम पर पहचानी जाने वाली भाजपा के विधायक और मंत्रियों के भी बोल बदलते जा रहे हैं, मजे की बात यह है कि राज्य में इस समय चारों ओर प्रदेश की  नौकरशाही को लेकर सत्ताधीशों से लेकर आमजनता और आम जनता से लेकर संघ तक इस मुद्दे को लेकर काफी चिंतित हैं तो वहीं विधायकों और मंत्रियों को बेलगाम अफसर कोई तवज्जो नहीं दे रहे हैं जिसके चलते ऐसेे माहौल में जब कभ मंत्रियों और विधायकों की प्रतिष्ठा पर बन आती है तो उनके बोल बिगडऩे लगते हैं, यही नहीं इस हालत में वह नौकरशाही के खिलाफ कुछ भी बोलते नजर आ रहे हैं।

प्रदेश में अफसरशाही को लेकर मंत्रियों, विधायकों जनप्रतिनिधियों के बिगड़े बोल के कारण राज्य के कर्मचारी कस्बे और जिलों से लेकर भोपाल तक इस बात का दबाव बनाने में लग जाते हैं , जिसकी वजह से मंत्री, विधायक या फिर जनप्रतिनिधि के साथ-साथ पार्टी के नेताओं पर प्रशासनिक अधिकारी इतना दबाव बनाते हैं कि आखिरकार उन्हें अपने श्रीमुख से बोले बोलों के लिये ख्ेाद तक व्यक्त करना पड़ता है, वैसे लोकतंत्र में जनता के द्वारा चुने गये जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारियों में तालमेल होना जरूरी है लेकिन पता नहीं वह क्या कारण है कि राज्य में पिछले कुछ दिनों से जहां प्रशासनिक अराजकता का माहौल बनता जा रहा है तो वहीं मंत्रियों, विधायकों और राज नेताओं के बोल भी बेपटरी होते जा रहे हैं।

जिसकी वजह से राज्य में चारों ओर अराजकता का माहौल बना हुआ है, यही वजह है कि राज्य में पिछले कुछ दिनों से अफसर और कर्मचारी शासकीय योजनाओं का लाभ सही हितग्राही को न पहुंचाकर जनप्रतिनिधियों के दबाव में कुछ भी करन की प्रवृत्ति पनप रही है, जिसकी वजह से राज्य में चाहे आदिवासी बाहुल्य जले हों या अन्य जिले यहां के रहवासियों को ना तो समय पर राशन मिल पा रहा है और न ही किसानेां को लाख मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री तक यह दावा करने के बाद कि खसरा खतौनी उन्हेें मुफ्त दी जाएगी लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है तो वहीं  किसानों की भूमि के नामांतरण के मामले में पटवारी से लेकर तहसीलदार तक लक्ष्मी दर्शन के फेर में लगा रहता है, ऐसी स्थिति में जहां प्रदेश में प्रशासनिक अराजकता का माहौल बनता जा रहा है और मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों के बोल बिगड़ते जा रहे हैं।

तो वहीं कर्मचारियों के अपने बचाव के लिये कर्मचारी संगठनों में अपने कर्मचारिायों को बचाने के लिये दबाव की स्थिति भी निर्मित हो रही है। जिसकी वजह से प्रद ेश का माहौल बिगड़ता जा रहा है। राज्य में ऐसी भी निर्मित हुई है कि क र्मचारी संगठन के दबाव में ही भाजपा के प्रदेश संगठन के मुखिया नंदकुमार चौहान को भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा और तत्कालीन सीईओ पीसी शर्मा के बीच पार्टी दफ्तर में सुलह करानी पड़ी, तो वहीं सतना में बिजली बिल के मुद्दे को लेकर भाजपा विधायक शंकरलाल तिवारी द्वारा भी विद्युत विभाग अफसरों के दबाव में क्षमा याचना तक करनी पड़ी।

वैसे लोकतंत्र में अफसरों और कर्मचारियों को राजनीतिक से दूर रखने की परम्परा है, लेकिन पता नहीं राज्य में इस समय जनप्रतिनिधियों और अफसरों के बीच ऐसा घालमेल का दौर चला जिसके चलते अफसर और कर्मचारियों को राजनीति से दूर रहने की परम्परा लगभग शून्य सी हो गई है और अब राजनेता और अफसर एक ही घाट पर बैठकर शेर और बकरी की तरह गलबहैयां करते नजर आ रहे हैं। शायद यही वजह है कि राजनेताओं और कर्मचारियों व अधिकारियों की राजनीति से दूर रहने की परम्परा खत्म सी हो गई है, उसी वजह से ऐसा दिखाई देने लगा है कि राज्य में प्रशासनिक अराजकता का माहौल दिखाई दे रहा है।  

No comments:

Post a Comment

CCH ADD

CCH ADD
CCH ADD

dhamaal Posts

जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / रिपोर्टरों की आवश्यकता है

जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / रिपोर्टरों की आवश्यकता है

ANI NEWS INDIA

‘‘ANI NEWS INDIA’’ सर्वश्रेष्ठ, निर्भीक, निष्पक्ष व खोजपूर्ण ‘‘न्यूज़ एण्ड व्यूज मिडिया ऑनलाइन नेटवर्क’’ हेतु को स्थानीय स्तर पर कर्मठ, ईमानदार एवं जुझारू कर्मचारियों की सम्पूर्ण मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के प्रत्येक जिले एवं तहसीलों में जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / ब्लाक / पंचायत स्तर पर क्षेत्रीय रिपोर्टरों / प्रतिनिधियों / संवाददाताओं की आवश्यकता है।

कार्य क्षेत्र :- जो अपने कार्य क्षेत्र में समाचार / विज्ञापन सम्बन्धी नेटवर्क का संचालन कर सके । आवेदक के आवासीय क्षेत्र के समीपस्थ स्थानीय नियुक्ति।
आवेदन आमन्त्रित :- सम्पूर्ण विवरण बायोडाटा, योग्यता प्रमाण पत्र, पासपोर्ट आकार के स्मार्ट नवीनतम 2 फोटोग्राफ सहित अधिकतम अन्तिम तिथि 30 मई 2019 शाम 5 बजे तक स्वंय / डाक / कोरियर द्वारा आवेदन करें।
नियुक्ति :- सामान्य कार्य परीक्षण, सीधे प्रवेश ( प्रथम आये प्रथम पाये )

पारिश्रमिक :- पारिश्रमिक क्षेत्रिय स्तरीय योग्यतानुसार। ( पांच अंकों मे + )

कार्य :- उम्मीदवार को समाचार तैयार करना आना चाहिए प्रतिदिन न्यूज़ कवरेज अनिवार्य / विज्ञापन (व्यापार) मे रूचि होना अनिवार्य है.
आवश्यक सामग्री :- संसथान तय नियमों के अनुसार आवश्यक सामग्री देगा, परिचय पत्र, पीआरओ लेटर, व्यूज हेतु माइक एवं माइक आईडी दी जाएगी।
प्रशिक्षण :- चयनित उम्मीदवार को एक दिवसीय प्रशिक्षण भोपाल स्थानीय कार्यालय मे दिया जायेगा, प्रशिक्षण के उपरांत ही तय कार्यक्षेत्र की जबाबदारी दी जावेगी।
पता :- ‘‘ANI NEWS INDIA’’
‘‘न्यूज़ एण्ड व्यूज मिडिया नेटवर्क’’
23/टी-7, गोयल निकेत अपार्टमेंट, प्रेस काम्पलेक्स,
नीयर दैनिक भास्कर प्रेस, जोन-1, एम. पी. नगर, भोपाल (म.प्र.)
मोबाइल : 098932 21036


क्र. पद का नाम योग्यता
1. जिला ब्यूरो प्रमुख स्नातक
2. तहसील ब्यूरो प्रमुख / ब्लाक / हायर सेकेंडरी (12 वीं )
3. क्षेत्रीय रिपोर्टरों / प्रतिनिधियों हायर सेकेंडरी (12 वीं )
4. क्राइम रिपोर्टरों हायर सेकेंडरी (12 वीं )
5. ग्रामीण संवाददाता हाई स्कूल (10 वीं )

SUPER HIT POSTS

TIOC

''टाइम्स ऑफ क्राइम''

''टाइम्स ऑफ क्राइम''


23/टी -7, गोयल निकेत अपार्टमेंट, जोन-1,

प्रेस कॉम्पलेक्स, एम.पी. नगर, भोपाल (म.प्र.) 462011

Mobile No

98932 21036, 8989655519

किसी भी प्रकार की सूचना, जानकारी अपराधिक घटना एवं विज्ञापन, समाचार, एजेंसी और समाचार-पत्र प्राप्ति के लिए हमारे क्षेत्रिय संवाददाताओं से सम्पर्क करें।

http://tocnewsindia.blogspot.com




यदि आपको किसी विभाग में हुए भ्रष्टाचार या फिर मीडिया जगत में खबरों को लेकर हुई सौदेबाजी की खबर है तो हमें जानकारी मेल करें. हम उसे वेबसाइट पर प्रमुखता से स्थान देंगे. किसी भी तरह की जानकारी देने वाले का नाम गोपनीय रखा जायेगा.
हमारा mob no 09893221036, 8989655519 & हमारा मेल है E-mail: timesofcrime@gmail.com, toc_news@yahoo.co.in, toc_news@rediffmail.com

''टाइम्स ऑफ क्राइम''

23/टी -7, गोयल निकेत अपार्टमेंट, जोन-1, प्रेस कॉम्पलेक्स, एम.पी. नगर, भोपाल (म.प्र.) 462011
फोन नं. - 98932 21036, 8989655519

किसी भी प्रकार की सूचना, जानकारी अपराधिक घटना एवं विज्ञापन, समाचार, एजेंसी और समाचार-पत्र प्राप्ति के लिए हमारे क्षेत्रिय संवाददाताओं से सम्पर्क करें।





Followers

toc news