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भोपाल. लोक निर्माण विभाग में इतनी बड़ी गड़बड़ी के मामले में गुपचुप जांच चलती रही। इसके बाद भी सीआर नहीं मिली तो अधीक्षण यंत्री (प्रशासन) संजय खांडे ने एमपी नगर थाने में शिकायत दर्ज कराई। लेकिन फिलहाल इस मामले में पुलिस अब तक किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है। इधर लोक निर्माण विभाग में सब इंजीनियर्स की गोपनीय चरित्रावली का फोल्डर गायब होने के मामले में एक महिला लिपिक के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है।
बताया जाता है कि सीआर का फोल्डर इनके पास ही रखा गया था। पीड़ित सब इंजीनियर्स खुलकर तो इस मामले में बोलने से बच रहे हैं, लेकिन उनका आरोप है कि यह सब प्रमुख अभियंता कार्यालय की स्थापना शाखा से जुड़े कर्मचारियों की कारगुजारी है। नाम न छापने के अनुरोध पर एक सब इंजीनियर ने बताया कि एक बाबू ने उनके सामने कुछ मांग रखी थी, जो उन्होंने पूरी नहीं की तो फाइल गायब हो गई। उन्होंने बताया कि प्रमुख अभियंता कार्यालय की स्थापना शाखा से जुड़े कर्मचारियों का एक गुट है, जो इस तरह के धंधे में लिप्त रहता है। इन्हें वहां के एक कर्मचारी नेता का भी वरदहस्त प्राप्त है।
बताया जाता है कि विभाग में जल्द ही सब इंजीनियर से असिस्टेंट इंजीनियर पद के लिए विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) की बैठक होने वाली है। इसके विचारण क्षेत्र में इन 25 सब इंजीनियर्स के नाम भी आने थे। लेकिन सीआर उपलब्ध न होने की वजह से इनके नामों पर विचार ही नहीं हो पाएगा। ऐसी स्थिति में इनसे जूनियर सब इंजीनियर्स भी पदोन्नति पाने में सफल हो सकते हैं।
ये खबर DB Star में छपी है
अरेरा हिल्स स्थित लोक निर्माण विभाग का मुख्यालय |
भोपाल. लोक निर्माण विभाग में इतनी बड़ी गड़बड़ी के मामले में गुपचुप जांच चलती रही। इसके बाद भी सीआर नहीं मिली तो अधीक्षण यंत्री (प्रशासन) संजय खांडे ने एमपी नगर थाने में शिकायत दर्ज कराई। लेकिन फिलहाल इस मामले में पुलिस अब तक किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है। इधर लोक निर्माण विभाग में सब इंजीनियर्स की गोपनीय चरित्रावली का फोल्डर गायब होने के मामले में एक महिला लिपिक के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है।
बताया जाता है कि सीआर का फोल्डर इनके पास ही रखा गया था। पीड़ित सब इंजीनियर्स खुलकर तो इस मामले में बोलने से बच रहे हैं, लेकिन उनका आरोप है कि यह सब प्रमुख अभियंता कार्यालय की स्थापना शाखा से जुड़े कर्मचारियों की कारगुजारी है। नाम न छापने के अनुरोध पर एक सब इंजीनियर ने बताया कि एक बाबू ने उनके सामने कुछ मांग रखी थी, जो उन्होंने पूरी नहीं की तो फाइल गायब हो गई। उन्होंने बताया कि प्रमुख अभियंता कार्यालय की स्थापना शाखा से जुड़े कर्मचारियों का एक गुट है, जो इस तरह के धंधे में लिप्त रहता है। इन्हें वहां के एक कर्मचारी नेता का भी वरदहस्त प्राप्त है।
बताया जाता है कि विभाग में जल्द ही सब इंजीनियर से असिस्टेंट इंजीनियर पद के लिए विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) की बैठक होने वाली है। इसके विचारण क्षेत्र में इन 25 सब इंजीनियर्स के नाम भी आने थे। लेकिन सीआर उपलब्ध न होने की वजह से इनके नामों पर विचार ही नहीं हो पाएगा। ऐसी स्थिति में इनसे जूनियर सब इंजीनियर्स भी पदोन्नति पाने में सफल हो सकते हैं।
ये खबर DB Star में छपी है
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