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भारतीय पुलिस सेवा के 7 अधिकारी एडीजी से डीजी पद पर पदोन्नत होंगे। मुख्य सचिव बीपी सिंह की अध्यक्षता में शुक्रवार डीपीसी की बैठक हुई। इसमें 1986 बैच के साथ-साथ 1992, 1999, 2002, 2003 और 2004 बैच के अफसरों के प्रमोशन को मंजूरी मिल गई। वर्ष 2002 बैच में एक मात्र अधिकारी रघुवीर सिंह मीणा हैं। इनकी फाइल बंद ही रही। डीजी बनने वालों में 1986 बैच के अधिकारी आलोक कुमार पटेरिया, डॉ. एसके श्रीवास्तव, केएन तिवारी, आरके गर्ग, संजय राणा, अनिल कुमार तथा पुरुषोत्तम शर्मा शामिल हैं।
चूंकि स्पेशल डीजी ट्रेनिंग स्वर्ण सिंह 31 दिसंबर को रिटायर हो रहे हैं, इसलिए आलोक कुमार पटेरिया को डीजी बनाया जाएगा। 1992 बैच आईजी से एडीजी बनेगा। इसमें राजेश गुप्ता, पंकज श्रीवास्तव, आदर्श कटियार, डी श्रीनिवास, पवन कुमार श्रीवास्तव, मनीष शंकर शर्मा, जी अखेतो सेमा, डीसी सागर, जी. जनार्दन, एके सिंह तथा आरपी श्रीवास्तव शामिल हैं। वर्ष 1999 बैच डीआईजी से आईजी बनेगा। इन अफसरों में राकेश गुप्ता, दीपिका सूरी, निरंजन बी वायंगणकर, आईपी कुलश्रेष्ठ और आरएस कौल शामिल हैं। वर्ष 2002-03 बैच डीआईजी बनेगा तथा 2004 बैच को सलेक्शन ग्रेड मिलेगा। इसमें दो अफसरों अखिलेश झा तथा आनंद प्रकाश सिंह की फाइल बंद रखी गई है।
नान एसएएस से आईएएस की डीपीसी करने केंद्र की मनाही गैर राज्य प्रशासनिक सेवा (नान एसएएस) से भारतीय प्रशासनिक सेवा के दो पदों के चयन के लिए होने वाली डीपीसी के लिए केंद्र ने शुक्रवार को मना कर दिया है। राज्य सरकार की ओर से नान एसएएस से आईएएस में चयन के लिए विभिन्न विभागों से 10 अफसरों के नाम केंद्र सरकार को भेजे थे जिनमें से डीपीसी के बाद दो अफसरों का चयन आईएएस के लिए किया जाना था।
4 एडीजी, 2 आईजी और 10 डीआईजी बनेंगे डीपीसी होने के बाद अभी एडीजी के चार पद, आईजी के दो और डीआईजी के 10 पद रिक्त हैं। इसी तरह 17 सलेक्शन पोस्ट खाली हैं। सलेक्शन पोस्ट में 18 में से 16 अफसरों को डीपीसी के बाद प्रमोशन मिलेगा। इसलिए सभी को सलेक्शन ग्रेड मिल जाएगा। डीआईजी के 10 पदों की तुलना में 11 अधिकारियों की डीपीसी क्लियर हो गई है, इसलिए आरपी श्रीवास्तव को छोड़कर शेष पूरा बैच डीआईजी बन जाएगा। बाकी पदों के लिए सीनियारिटी के हिसाब से पोस्टिंग होगी।
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