Toc News
गढ़ा कोटा में 2 माह के वेतन में बंटे पुराने नोट
सागर। सागर जिले की गढ़ाकोटा नगर पालिका में कार्यरत लगभग 260 कर्मचारियों को नगर वेतन बांटने का ममला तूल पकड़ गया है। सभी नियमों को दरकिनार करते हुए यहा सभी कर्मचारियों को दो माह का वेतन नगद राशि के रूप में दे दिया गया। वह भी पुराने 500-1000 रुपये के नोट के रूप में।
प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव के गृहक्षेत्र गढ़ाकोटा की नगर पालिका ने इस काम को अंजाम दिया है। यह गंभीर मामला संज्ञान में आने के बाद से ही राज्य मंत्रालय सहित सियासी गलियारों में उथल-पुथल मची हुई है। अब इस पूरे मामले को दबाने की हर संभव कोशिश की जा रही है। जबकि समाचार पत्रों की सुर्खियां बन गया यह मामला अब भोपाल से दिल्ली का रुख कर रहा है।
सूत्रों की मानें तो गढ़ाकोटा नगर पालिका ने अपने यहां कार्यरत 260 से अधिक नियमित एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को डर दिखाकर पुराने नोट के रूप में दो माह अक्टूबर-नवंबर 2016 का वेतन लेने के लिए मजबूर किया है। इसकी आड़ में कतिपय प्रभावशाली लोगों ने अपनी काली कमाई को ठिकाने लगा दिया है और वेतन के रूप में आहरित नई करेंसी को अपने खजाने में वापस रख लिया है।
पुराने नोट देकर सभी कर्मचारियों को उनके खातों में जमा करने के लिए कह दिया गया। इस दौरान जिन कर्मचारियों ने आपत्ति उठायी उन्हें नौकरी अथवा अन्य डर दिखा दिया गया। लेकिन यह मामला अधिक देर तक छुप नहीं सका और जल्दी ही उजागर हो गया। अब नोटबंदी के केशलेस व्यवस्था की ओर अग्रसर हो रही व्यवस्था में इस गंभीर सुराख को लेकर समूचे तंत्र में हड़कंप मचा गया है, जबकि इसके जिम्मेदार प्रभावशाली व्यक्ति पूरे मामले को दबाने की हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं।
गढ़ा कोटा में 2 माह के वेतन में बंटे पुराने नोट
सागर। सागर जिले की गढ़ाकोटा नगर पालिका में कार्यरत लगभग 260 कर्मचारियों को नगर वेतन बांटने का ममला तूल पकड़ गया है। सभी नियमों को दरकिनार करते हुए यहा सभी कर्मचारियों को दो माह का वेतन नगद राशि के रूप में दे दिया गया। वह भी पुराने 500-1000 रुपये के नोट के रूप में।
प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव के गृहक्षेत्र गढ़ाकोटा की नगर पालिका ने इस काम को अंजाम दिया है। यह गंभीर मामला संज्ञान में आने के बाद से ही राज्य मंत्रालय सहित सियासी गलियारों में उथल-पुथल मची हुई है। अब इस पूरे मामले को दबाने की हर संभव कोशिश की जा रही है। जबकि समाचार पत्रों की सुर्खियां बन गया यह मामला अब भोपाल से दिल्ली का रुख कर रहा है।
सूत्रों की मानें तो गढ़ाकोटा नगर पालिका ने अपने यहां कार्यरत 260 से अधिक नियमित एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को डर दिखाकर पुराने नोट के रूप में दो माह अक्टूबर-नवंबर 2016 का वेतन लेने के लिए मजबूर किया है। इसकी आड़ में कतिपय प्रभावशाली लोगों ने अपनी काली कमाई को ठिकाने लगा दिया है और वेतन के रूप में आहरित नई करेंसी को अपने खजाने में वापस रख लिया है।
पुराने नोट देकर सभी कर्मचारियों को उनके खातों में जमा करने के लिए कह दिया गया। इस दौरान जिन कर्मचारियों ने आपत्ति उठायी उन्हें नौकरी अथवा अन्य डर दिखा दिया गया। लेकिन यह मामला अधिक देर तक छुप नहीं सका और जल्दी ही उजागर हो गया। अब नोटबंदी के केशलेस व्यवस्था की ओर अग्रसर हो रही व्यवस्था में इस गंभीर सुराख को लेकर समूचे तंत्र में हड़कंप मचा गया है, जबकि इसके जिम्मेदार प्रभावशाली व्यक्ति पूरे मामले को दबाने की हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं।
No comments:
Post a Comment