कुकलाह और खमरिया में ग्रामीणों के साथ चर्चा की
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नरसिंहपुर,22 दिसम्बर 2016. कलेक्टर डॉ. आर.आर. भोंसले द्वारा जिले में नमामि देवि नर्मदे- नर्मदा सेवा यात्रा के पहले यात्रा पथ के ग्रामों का भ्रमण किया जा रहा है। इसी कड़ी में उन्होंने नमामि देवि नर्मदे- नर्मदा सेवा यात्रा के प्रवेश स्थल सुनेर नदी के पुल, ग्राम कुकलाह और ग्राम खमरिया- झांसीघाट का भ्रमण किया। उन्होंने ग्रामीणों के साथ नर्मदा सेवा यात्रा पर चर्चा की। उन्होंने ग्रामीणों से नर्मदा का संरक्षण करने, प्रदूषण मुक्त बनाने, घाटों को साफ- स्वच्छ रखने, किसी भी तरह की गंदगी नर्मदा में प्रवाहित नहीं होने, नर्मदा के दोनों किनारों पर वृक्षारोपण कर हरी चुनरी उढ़ाने, वृक्षों को नहीं काटने आदि विषयों पर विस्तार से चर्चा की।
भ्रमण में एस.डी.एम. मो. शाहिद खान, जिला समन्वयक म.प्र. जन अभियान परिषद जय नारायण शर्मा, उप संचालक कृषि जितेन्द्र सिंह, उप संचालक पशु चिकित्सा सेवायें डॉ. के.के. द्विवेदी, जिला आयुष अधिकारी डॉ. डी.के. मिश्रा, उप संचालक सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण महेन्द्र त्रिपाठी, कार्यपालन यंत्री पी.एच.ई. जे.के. राव, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर.पी. फौजदार, जिला कार्यक्रम अधिकारी एकीकृत बाल विकास सेवा श्वेता जाधव, अन्य विभागों के जिला अधिकारी और ग्रामीणजन मौजूद थे।
नर्मदा किनारे वाले गांवों में नर्मदा सेवा समिति गठित होंगी
कलेक्टर ने कहा कि नर्मदा किनारे वाले प्रत्येक ग्राम में नर्मदा सेवा समिति का गठन किया जा रहा है। इसमें सभी वर्गों तथा किसी भी उम्र के व्यक्ति शामिल हो सकते हैं, जिनकी नर्मदा सेवा कार्य में रूचि हो और नर्मदा सेवा के कार्य में समय दे सकते हों। ये समितियां नदी के संरक्षण, नदी के घाटों की साफ- सफाई और नर्मदा से जुड़े मसलों को देखेंगी। नर्मदा में किसी भी प्रकार की गंदगी प्रवाहित नहीं होना चाहिए। नर्मदा का जिले के सामाजिक एवं सांस्कृतिक विकास और आर्थिक समृद्धि में बहुत बड़ा योगदान है।
फलोद्यान लगाने वाले किसानों को 20 हजार रूपये प्रति हेक्टर अनुदान मिलेगा
भ्रमण के दौरान ग्राम कुकलाह में ग्रामीणों से चर्चा के दौरान जानकारी दी गई कि नर्मदा पर बने बरगी बांध से निकली नहरों के कारण गोटेगांव क्षेत्र में 35 हजार हेक्टर रकबे में सिंचाई होती है। सिंचाई होने से किसानों को लाभ पहुंचा है। उन्होंने कहा कि नर्मदा का प्रवाह अविरल बना रहे, इसके लिए आवश्यक है कि नर्मदा के दोनों किनारों पर एक किलोमीटर के दायरे में सघन वृक्षारोपण किया जाये। कलेक्टर ने कहा कि श्रद्धालुजन मां नर्मदा को कपड़े की चुनरी भेंट करते हैं। कपड़े की चुनरी के स्थान पर हरित चुनरी उढ़ाने के लिए वृक्षों का रोपण करें। उन्होंने कहा कि पीपल, बरगद, नीम, करंज जैसे वृक्ष लगाये जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा शासकीय भूमि पर वृक्षारोपण की योजना बनाई गई है। इसके अलावा निजी भूमि पर फलों के वृक्ष लगाने वाले कृषकों को 20 हजार रूपये प्रति हेक्टर अनुदान प्रतिवर्ष के मान से 3 वर्षों तक दिया जायेगा।
अपशिष्ट पूजन- सामग्री नर्मदा में प्रवाहित न करें
कलेक्टर डॉ. भोंसले ने ग्रामीणों से कहा कि अपशिष्ट पूजन- सामग्री, हवन सामग्री आदि नर्मदा में प्रवाहित न करें। इसके स्थान पर नर्मदा किनारे अपशिष्ट पूजन- सामग्री के विसर्जन हेतु बनाये जा रहे कुण्ड में विसर्जित करें। अपशिष्ट सामग्री नर्मदा के जल में विसर्जित करने से जल प्रदूषित होता है।
रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के स्थान पर जैविक खेती करें
कलेक्टर डॉ. आर.आर. भोंसले ने ग्रामीणों के साथ चर्चा करते हुए कहा कि खेतों में जो रासायनिक उर्वरक और कीटनाशकों का उपयोग किया जाता है, वह नालों और सहायक नदियों से होते हुए नर्मदा में प्रवाहित होता है। इससे नर्मदा के जल की गुणवत्ता प्रभावित होती है। उन्होंने जैविक खेती करने के लिए किसानों को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि जैविक कृषि उत्पादों की मांग दिनों- दिन बढ़ रही है। जैविक कृषि उत्पादों का अधिक मूल्य मिलता है। यदि किसान जैविक खेती करते हैं तो उन्हें लाभ होगा। यात्रा के दौरान ऐसे किसानों से जो रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों को छोड़ना चाहते हैं और जैविक खेती करना चाहते हैं, उनसे संकल्प पत्र भरवाये जायेंगे।
जिला समन्वयक म.प्र. जन अभियान परिषद जय नारायण शर्मा ने बताया कि नमामि देवि नर्मदे- नर्मदा सेवा यात्रा जिले में 2 जनवरी को प्रात: 11 बजे प्रवेश करेगी। प्रवेश द्वार पर स्वागत केवल नर्मदा ध्वज का होगा। इस अवसर पर जनप्रतिनिधि, शासकीय अधिकारी- कर्मचारी और आसपास के गांव के ग्रामीणजन बड़ी संख्या में मौजूद रहेंगे। इसके बाद यात्रा ग्राम कुकलाह पहुंचेगी। ग्राम कुकलाह में यात्रियों का स्वागत किया जायेगा। शाला भवन कुकलाह में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।
यहां जनसंवाद कार्यक्रम भी रखा गया है। इसके बाद दोपहर 3 बजे यात्रा खमरिया के लिए प्रस्थान करेगी। खमरिया पहुंचने पर यात्रा का महिलाओं द्वारा कलश लेकर स्वागत किया जायेगा। यहां खेलकूद का आयोजन भी किया जायेगा। ग्राम खमरिया में नर्मदा सेवा यात्रियों के विश्राम की व्यवस्था हाई स्कूल में रहेगी। इसके अलावा नर्मदा भक्तों ने भी अपने यहां नर्मदा यात्रियों को ठहराने का आग्रह किया है। उनके आग्रह पर यात्रियों को उनके निवास पर ठहराया जायेगा। नर्मदा यात्रियों के ठहरने के लिए अच्छे इंतजाम रहेंगे। खमरिया में रात्रि विश्राम के पश्चात यात्रा झांसीघाट के लिए रवाना होगी।
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नरसिंहपुर,22 दिसम्बर 2016. कलेक्टर डॉ. आर.आर. भोंसले द्वारा जिले में नमामि देवि नर्मदे- नर्मदा सेवा यात्रा के पहले यात्रा पथ के ग्रामों का भ्रमण किया जा रहा है। इसी कड़ी में उन्होंने नमामि देवि नर्मदे- नर्मदा सेवा यात्रा के प्रवेश स्थल सुनेर नदी के पुल, ग्राम कुकलाह और ग्राम खमरिया- झांसीघाट का भ्रमण किया। उन्होंने ग्रामीणों के साथ नर्मदा सेवा यात्रा पर चर्चा की। उन्होंने ग्रामीणों से नर्मदा का संरक्षण करने, प्रदूषण मुक्त बनाने, घाटों को साफ- स्वच्छ रखने, किसी भी तरह की गंदगी नर्मदा में प्रवाहित नहीं होने, नर्मदा के दोनों किनारों पर वृक्षारोपण कर हरी चुनरी उढ़ाने, वृक्षों को नहीं काटने आदि विषयों पर विस्तार से चर्चा की।
भ्रमण में एस.डी.एम. मो. शाहिद खान, जिला समन्वयक म.प्र. जन अभियान परिषद जय नारायण शर्मा, उप संचालक कृषि जितेन्द्र सिंह, उप संचालक पशु चिकित्सा सेवायें डॉ. के.के. द्विवेदी, जिला आयुष अधिकारी डॉ. डी.के. मिश्रा, उप संचालक सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण महेन्द्र त्रिपाठी, कार्यपालन यंत्री पी.एच.ई. जे.के. राव, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर.पी. फौजदार, जिला कार्यक्रम अधिकारी एकीकृत बाल विकास सेवा श्वेता जाधव, अन्य विभागों के जिला अधिकारी और ग्रामीणजन मौजूद थे।
नर्मदा किनारे वाले गांवों में नर्मदा सेवा समिति गठित होंगी
कलेक्टर ने कहा कि नर्मदा किनारे वाले प्रत्येक ग्राम में नर्मदा सेवा समिति का गठन किया जा रहा है। इसमें सभी वर्गों तथा किसी भी उम्र के व्यक्ति शामिल हो सकते हैं, जिनकी नर्मदा सेवा कार्य में रूचि हो और नर्मदा सेवा के कार्य में समय दे सकते हों। ये समितियां नदी के संरक्षण, नदी के घाटों की साफ- सफाई और नर्मदा से जुड़े मसलों को देखेंगी। नर्मदा में किसी भी प्रकार की गंदगी प्रवाहित नहीं होना चाहिए। नर्मदा का जिले के सामाजिक एवं सांस्कृतिक विकास और आर्थिक समृद्धि में बहुत बड़ा योगदान है।
फलोद्यान लगाने वाले किसानों को 20 हजार रूपये प्रति हेक्टर अनुदान मिलेगा
भ्रमण के दौरान ग्राम कुकलाह में ग्रामीणों से चर्चा के दौरान जानकारी दी गई कि नर्मदा पर बने बरगी बांध से निकली नहरों के कारण गोटेगांव क्षेत्र में 35 हजार हेक्टर रकबे में सिंचाई होती है। सिंचाई होने से किसानों को लाभ पहुंचा है। उन्होंने कहा कि नर्मदा का प्रवाह अविरल बना रहे, इसके लिए आवश्यक है कि नर्मदा के दोनों किनारों पर एक किलोमीटर के दायरे में सघन वृक्षारोपण किया जाये। कलेक्टर ने कहा कि श्रद्धालुजन मां नर्मदा को कपड़े की चुनरी भेंट करते हैं। कपड़े की चुनरी के स्थान पर हरित चुनरी उढ़ाने के लिए वृक्षों का रोपण करें। उन्होंने कहा कि पीपल, बरगद, नीम, करंज जैसे वृक्ष लगाये जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा शासकीय भूमि पर वृक्षारोपण की योजना बनाई गई है। इसके अलावा निजी भूमि पर फलों के वृक्ष लगाने वाले कृषकों को 20 हजार रूपये प्रति हेक्टर अनुदान प्रतिवर्ष के मान से 3 वर्षों तक दिया जायेगा।
अपशिष्ट पूजन- सामग्री नर्मदा में प्रवाहित न करें
कलेक्टर डॉ. भोंसले ने ग्रामीणों से कहा कि अपशिष्ट पूजन- सामग्री, हवन सामग्री आदि नर्मदा में प्रवाहित न करें। इसके स्थान पर नर्मदा किनारे अपशिष्ट पूजन- सामग्री के विसर्जन हेतु बनाये जा रहे कुण्ड में विसर्जित करें। अपशिष्ट सामग्री नर्मदा के जल में विसर्जित करने से जल प्रदूषित होता है।
रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के स्थान पर जैविक खेती करें
कलेक्टर डॉ. आर.आर. भोंसले ने ग्रामीणों के साथ चर्चा करते हुए कहा कि खेतों में जो रासायनिक उर्वरक और कीटनाशकों का उपयोग किया जाता है, वह नालों और सहायक नदियों से होते हुए नर्मदा में प्रवाहित होता है। इससे नर्मदा के जल की गुणवत्ता प्रभावित होती है। उन्होंने जैविक खेती करने के लिए किसानों को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि जैविक कृषि उत्पादों की मांग दिनों- दिन बढ़ रही है। जैविक कृषि उत्पादों का अधिक मूल्य मिलता है। यदि किसान जैविक खेती करते हैं तो उन्हें लाभ होगा। यात्रा के दौरान ऐसे किसानों से जो रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों को छोड़ना चाहते हैं और जैविक खेती करना चाहते हैं, उनसे संकल्प पत्र भरवाये जायेंगे।
जिला समन्वयक म.प्र. जन अभियान परिषद जय नारायण शर्मा ने बताया कि नमामि देवि नर्मदे- नर्मदा सेवा यात्रा जिले में 2 जनवरी को प्रात: 11 बजे प्रवेश करेगी। प्रवेश द्वार पर स्वागत केवल नर्मदा ध्वज का होगा। इस अवसर पर जनप्रतिनिधि, शासकीय अधिकारी- कर्मचारी और आसपास के गांव के ग्रामीणजन बड़ी संख्या में मौजूद रहेंगे। इसके बाद यात्रा ग्राम कुकलाह पहुंचेगी। ग्राम कुकलाह में यात्रियों का स्वागत किया जायेगा। शाला भवन कुकलाह में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।
यहां जनसंवाद कार्यक्रम भी रखा गया है। इसके बाद दोपहर 3 बजे यात्रा खमरिया के लिए प्रस्थान करेगी। खमरिया पहुंचने पर यात्रा का महिलाओं द्वारा कलश लेकर स्वागत किया जायेगा। यहां खेलकूद का आयोजन भी किया जायेगा। ग्राम खमरिया में नर्मदा सेवा यात्रियों के विश्राम की व्यवस्था हाई स्कूल में रहेगी। इसके अलावा नर्मदा भक्तों ने भी अपने यहां नर्मदा यात्रियों को ठहराने का आग्रह किया है। उनके आग्रह पर यात्रियों को उनके निवास पर ठहराया जायेगा। नर्मदा यात्रियों के ठहरने के लिए अच्छे इंतजाम रहेंगे। खमरिया में रात्रि विश्राम के पश्चात यात्रा झांसीघाट के लिए रवाना होगी।
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