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भोपाल. 1980 में सीहोर विधानसभा से निर्वाचित होकर विपक्ष के नेता बने थे श्री पटवा। पूर्व मुख्यमंत्री एवं मध्यप्रदेश की राजनीती के शिखर पुरुष श्री सुन्दर लाल पटवा हमारे बीच नही रहे।92 वर्षीय श्री पटवा का निधन मंगलवार रात्रि को हो हार्ट अटैक आने के कारण हो गया।मालूम हो की श्री पटवा का सीहोर से गहरा नाता रहा।श्री पटवा 1980 में सीहोर विधानसभा से निर्वाचित होकर सदन में पहुचे और विपक्ष के नेता बने।श्री पटवा के निधन पर भावपूर्ण श्रधांजलि।
सार्वजनिक एवं राजनैतिक जीवन का संक्षिप्त विकास क्रम :
941 से इन्दौर राज्य प्रजा मण्डल एवं 1942 से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से सम्बद्ध. 1947 से 1951 तक संघ प्रचारक एवं 1948 से संघ आंदोलन में सात माह जेल यात्रा. 1951 से जनसंघ के सक्रिय कार्यकर्ता. 1957 से 1967 तक विधान सभा सदस्य एवं विरोधी दल के मुख्य सचेतक. 1967 से 1974 तक जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष. संचालक, राज्य सहकारी बैंक एवं राज्य सहकारी विपणन संघ. प्रदेश जनसंघ के कोषाध्यक्ष. ब्रिटेन के 1974 के आम चुनावों का अध्ययन तथा गणमान्य लोगों से भेंट. 1975 में म.प्र. जनसंघ के महामंत्री. 27 जून, 1975 से 28 जनवरी, 1977 तक आपातकाल में मीसा में निरूद्ध. जनता पार्टी कार्य समिति के सदस्य. 1977 में विधान सभा सदस्य निर्वाचित होकर 20 जनवरी, 1980 से 17 फरवरी, 1980 तक प्रदेश के मुख्यमंत्री. 1980 में सीहोर से विधान सभा सदस्य निर्वाचित होकर भा.ज.पा. के नेता एवं सदन में विरोधी दल के नेता. विधान सभा की विभिन्न समितियों के सदस्य तथा लोक लेखा समिति के सभापति. 1980 में तीन माह तक संयुक्त राज्य अमेरिका का भ्रमण एवं राष्ट्रपति चुनाव का अनुभव प्राप्त किया. 1985 में पुन: विधान सभा सदस्य चुने गए तथा लोक लेखा समिति के सभापति एवं सामान्य प्रयोजन समिति के सदस्य रहे. 1986 से भा.ज.पा. के प्रदेशाध्यक्ष. वर्ष 1989 में हुए अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन के अवसर पर 'विधान गौरव' की उपाधि से सम्मानित.
भोपाल. 1980 में सीहोर विधानसभा से निर्वाचित होकर विपक्ष के नेता बने थे श्री पटवा। पूर्व मुख्यमंत्री एवं मध्यप्रदेश की राजनीती के शिखर पुरुष श्री सुन्दर लाल पटवा हमारे बीच नही रहे।92 वर्षीय श्री पटवा का निधन मंगलवार रात्रि को हो हार्ट अटैक आने के कारण हो गया।मालूम हो की श्री पटवा का सीहोर से गहरा नाता रहा।श्री पटवा 1980 में सीहोर विधानसभा से निर्वाचित होकर सदन में पहुचे और विपक्ष के नेता बने।श्री पटवा के निधन पर भावपूर्ण श्रधांजलि।
सार्वजनिक एवं राजनैतिक जीवन का संक्षिप्त विकास क्रम :
941 से इन्दौर राज्य प्रजा मण्डल एवं 1942 से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से सम्बद्ध. 1947 से 1951 तक संघ प्रचारक एवं 1948 से संघ आंदोलन में सात माह जेल यात्रा. 1951 से जनसंघ के सक्रिय कार्यकर्ता. 1957 से 1967 तक विधान सभा सदस्य एवं विरोधी दल के मुख्य सचेतक. 1967 से 1974 तक जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष. संचालक, राज्य सहकारी बैंक एवं राज्य सहकारी विपणन संघ. प्रदेश जनसंघ के कोषाध्यक्ष. ब्रिटेन के 1974 के आम चुनावों का अध्ययन तथा गणमान्य लोगों से भेंट. 1975 में म.प्र. जनसंघ के महामंत्री. 27 जून, 1975 से 28 जनवरी, 1977 तक आपातकाल में मीसा में निरूद्ध. जनता पार्टी कार्य समिति के सदस्य. 1977 में विधान सभा सदस्य निर्वाचित होकर 20 जनवरी, 1980 से 17 फरवरी, 1980 तक प्रदेश के मुख्यमंत्री. 1980 में सीहोर से विधान सभा सदस्य निर्वाचित होकर भा.ज.पा. के नेता एवं सदन में विरोधी दल के नेता. विधान सभा की विभिन्न समितियों के सदस्य तथा लोक लेखा समिति के सभापति. 1980 में तीन माह तक संयुक्त राज्य अमेरिका का भ्रमण एवं राष्ट्रपति चुनाव का अनुभव प्राप्त किया. 1985 में पुन: विधान सभा सदस्य चुने गए तथा लोक लेखा समिति के सभापति एवं सामान्य प्रयोजन समिति के सदस्य रहे. 1986 से भा.ज.पा. के प्रदेशाध्यक्ष. वर्ष 1989 में हुए अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन के अवसर पर 'विधान गौरव' की उपाधि से सम्मानित.
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