-आश्रम से पिछले समय भागी बालिकाओं ने काउंसलिंग के दौरान किया था खुलासा-पिता-पुत्री बने आरोपी,एक गिरफ्तार दूसरा फरार
TOC NEWS @ CRIME
शिवपुरी. शहर के फिजीकल क्षेत्र पटेलनगर में आज प्रात: उस समय हड़कंपपूर्ण स्थिति निर्मित हो गई जब यहां संचालित शकुंतला परमार्थ समिति के बाल आश्रम पर पुलिस, महिला सशक्तिकरण एवं बाल कल्याण समिति के संयुक्त दल ने छापामारी कार्यवाही को अंजाम दे डाला। यह कार्यवाही बाल आश्रम में रह चुकी बालिका द्वारा किये गये उस खुलासे के आधार पर की गई थी जिसमें बालिका ने सीडब्ल्यूसी की काउंसलिंग में बताया था कि बाल आश्रम में, बाल आश्रम की संचालिका एवं उनके पिता द्वारा पिछले लंबे समय से घिनौने कृत्य को अंजाम दिया जा रहा है।
पुलिस ने इस मामले में बीती रात बाल आश्रम संचालिका शैला अग्रवाल एवं उसके पिता के एन के अग्रवाल के खिलाफ गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर आज प्रात: छापामारी के दौरान शैला अग्रवाल को जहां गिरफ्तार कर लिया, वहीं उनका पिता के एन अग्रवाल खुद के ऊपर मामला दर्ज होने की भनक लगते ही रात के अंधेरे में फरार हो गया। आश्रम में मौजूद बालिकाओं को आश्रम से मुक्त कराकर शासकीय आदिम जाति कल्याण विभाग के छात्रावास में भेज दिया गया है। आज दोपहर बाद पुलिस ने शैला अग्रवाल को न्यायालय में पेश किया, जहां से इन्हें कल दोपहर 12 बजे तक के पुलिस रिमांड पर दिया है।
यह था मामला
शिवपुरी के पटेलनगर में शकुंतला परमार्थ समिति का बाल आश्रम संचालित है इस आश्रम का संचालन एड. शैला अग्रवाल द्वारा अपने घर में किया जाता था। शैला अग्रवाल के साथ घर में उनके पिता केएन अग्रवाल भी निवास करते थे। बाल आश्रम में नाबालिग बालिकाओं को रखा जाता था। आरोप है कि इन बालिकाओं से शैला अग्रवाल के पिता केएन अग्रवाल दुष्कृत्य, छेड़छाड़ एवं मारपीट जैसी घटनाओं को अंजाम देते थे और इस मामले में शैला अग्रवाल अपने पिता का पूरा साथ देती थी और बाल आश्रम में यह सबकुछ पिछले लंबे समय से चला आ रहा था।
इस तरह देते थे घटना को अंजाम
इस मामले के खुलासे के बाद पुलिस पूछताछ में बाल आश्रम में रहीं आधा दर्जन बालिकाओं ने अपने बयान दर्ज कराए। सूत्रों का कहना है कि बयानों में बालिकाओं ने बताया कि आश्रम में किस तरह से उनके साथ घिनौने कृत्यों को किया जाता था, बालिकाओं ने पुलिस को अपनी आप बीती सुनाते हुए आरोप लगाया है कि आश्रम की संचालिका इतनी क्रूर है कि वह उनकी आए दिन मारपीट करती थी तथा कभी-कभी तो वह गुस्से में उनके सिर को दीवार पर दे मारती थी और उसका पिता केएन अग्रवाल उन्हें रात्रि में दिए जाने वाले भोजन में नशीली दवा मिला देता था जिससे वह जल्द ही सो जाती थी और रात्रि में आरोपी उनके साथ दुष्कर्र्म की घटना को अंजाम देता था। बालिकाओं ने यह भी आरोप लगाया है कि रात में वे अलग स्थान पर सोती थी और सुबह जब उनकी नींद खुलती थी तो वह अपने आपको दूसरे कमरे में निर्वस्त्र पाती थीं,बालिकाओं ने यह भी बताया कि जब वह इस घटना की शिकायत संचालिका शैला अग्रवाल से करती थी तो वह उन्हें डराती धमकाती और उनकी मारपीट भी करती थी। जिससे आश्रम की सभी बालिकायें काफी भयभीत रहती थीं।
ऐसे हुआ खुलासा
बताया जाता है कि अशोकनगर सीडब्ल्यूसी ने दो बालिकाओं को शिवपुरी भेजा था जिनकी काउंसलिंग भी शिवपुरी होना थी। सीडब्ल्यूसी शिवपुरी द्वारा इन दोनों बालिकाओं को शकुंतला परमार्थ समिति के बाल आश्रम में भेज दिया गया था। बताया जाता है कि बाल आश्रम में पहुंचने के बाद यहां चल रहे दैहिक शोषण को जब इन दोनों बालिकाओं ने देखा तो इनकी रूह कांप उठी और दोनों बालिकाएं अक्टूबर माह के प्रारंभ में रात्रि के समय बाल आश्रम से भाग गई थीं। लगभग 13 दिन बाद जब ये दोनों बालिकाएं वापस लौटकर आईं तो बाल संरक्षण अधिकारी सरिता शुक्ला पत्नी पंकज शुक्ला, उमा मिश्रा के समक्ष इनकी काउंसलिंग हुई जिसमें इन दोनों बालिकाओं ने बाल आश्रम में बालिकाओं के साथ चल रहे दैहिक शोषण का खुलासा किया। काउंसलिंग के बाद एक बालिका को उसके परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया जबकि दूसरी बालिका को वापस बाल आश्रम में ही भेज दिया गया।
शैला अग्रवाल ने पूरे मामले पर पर्देदारी का किया था प्रयास
बाल आश्रम में बालिकाओं का चल रहा दैहिक शोषण का गंभीर मामला सामने आने के बाद सीडब्ल्यूसी ने अन्य बालिकाओं को भी काउंसलिंग के लिए सीडब्ल्यूसी के समक्ष लाने के लिए बाल आश्रम संचालिका शैला अग्रवाल को पत्र लिखा था। सूत्र बताते है कि शैला अग्रवाल ने पत्र मिलने के बाद भी बालिकाओं को सीडब्ल्यूसी के समक्ष न ले जाते हुए सिर्फ इस पत्र का जबाव मात्र देकर पूरे मामले को ढंकने का भरपूर प्रयास किया था। सूत्रों का कहना तो यहाँ तक है कि सीडब्ल्यूसी ने मामले की गंभीरता को भांपते हुए बाल आश्रम संचालिका को पुन: पत्र खिलने के साथ-साथ बालिकाओं को सीडब्ल्यूसी के समक्ष आने तक के लिए वाहन भी उपलब्ध कराया तब कहीं जाकर बालिकाओं को सीडब्ल्यूसी में लाया गया और उनसे पूछताछ की जा सकी। पूछताछ में लगभग आधा दर्जन बालिकाओं ने अपना दैहिक शोषण होने की बात बताई। जिन पीडि़त बालिकाओं से पूछताछ की गई उनकी उम्र 10 वर्ष से लेकर साढ़े 17 वर्ष तक बताई जा रही है।
आलाधिकारियों के संज्ञान में लाया गया मामला
काउंसलिंग के बाद जो घिनौने कृत्य की घटना सामने आई उसकी संपूर्ण जानकारी सीडब्ल्यूसी ने कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव, एसपी मो. युसुफ कुर्रेशी, उप संचालक ग्वालियर श्री तोमर एवं महिला सशक्तिकरण अधिकारी ओपी पाण्डेय को दी। बताया जाता है कि अधिकारी द्वय ने इस मामले की गंभीरता को भांपते हुए पूरे मामले की बारीकी से जाँच कराई और राजधानी तक के अधिकारियों को पूरी घटना से अवगत कराया और बीती रात बाल आश्रम संचालिका शैला अग्रवाल एवं उनके पिता केएन अग्रवाल के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कर लिया गया।
इन धाराओं में दर्ज हुआ मामला
बाल आश्रम में बालिकाओं के चल रहे दैहिक शोषण आरोपो के हुए खुलासे के बाद कोतवाली पुलिस ने महिला सशक्तिकरण की संरक्षण अधिकारी सरिता शुक्ला पत्नि पंकज शुक्ला की रिपोर्ट पर से बालगृह संचालिका शैला अग्रवाल एवं उसके पिता के.एन अग्रवाल के खिलाफ भादवि की धारा 376, 354, 506, 190, 323, 120 बी, 3,4,5,6,7,8,9, 10 लैगिक अपराधों से बालक बालिकाओं का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया। वहीं दूसरी ओर महिला बाल विकास विभाग ने समिति का रजिस्ट्रेशन भी निरस्त कर दिया है।
कौन है के.एन अग्रवाल
शकुंतला परमार्थ समिति का गठन माधवराव सिंधिया महाविद्यालय में कर्ई वर्षो तक कॉमर्स संकाय में प्राध्यापक रहे के.एन अग्रवाल की पुत्री एड. शैला अग्रवाल ने अपनी दिवंगत माँ के नाम पर किया था।आरोप है कि समिति की आड़ में शैला अग्रवाल ने अनाथ आश्रम, बालगृह और शिशु गृह भी संचालित किए। जिनके माध्यम से शासकीय योजनाओं का लाभ समिति की संचालिका लेती रही और धीरे-धीरे कर के.एन अग्रवाल और उसकी पुत्री ने एक बड़ा साम्रराज्य खड़ा कर लिया और इसके बाद इस अनैतिक और घिनौने कृत्य का खेल शुरू हुआ। आरोप है कि आश्रम में रहने वाली मासूम बच्चियों को सेवानिवृत्त प्रो. केएन अग्रवाल ने अपनी हवस का शिकार बनाना शुरू कर दिया। लेकिन अपनी लम्बी पहुंच के चलते आश्रम पर कोई कार्र्रवाई नहीं हो पा रही थी।
एक पुलिस अधिकारी भी जांच के घेरे में
पटेल नगर में संचालित अनाथ आश्रम पर चल रहे अनैैतिक कृत्य के आरोपो को लेकर पुलिस ने संचालिका को उसके निवास स्थान से गिरफ्तार कर लिया है वहीं उसके पिता की तलाश भी शुरू कर दी है। इसी के साथ पुलिस ने अन्य बिन्दुओं पर भी जांच शुरू कर दी है,जिसमें शिवपुरी में पूर्व में पदस्थ एक पुलिस अधिकारी सहित कुछ कथित नेताओं पर भी शक की सुर्ई घूमती दिखाई दे रही है। इस मामले में एक अधिकारी पर भी कार्यवाही की गाज गिरती दिखाई दे तो आश्चर्य न होगा।
👉पूर्व में आश्रम की बालिका ने की थी आत्महत्या
यह आश्रम उस समय विवादों के घेरे में आ गया था जब चार वर्ष पूर्व निक्की नाम की एक बालिका ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी, बताया जाता है कि आश्रम संचालिका शैला अग्रवाल के प्रभाव के कारण उक्त मामले को दवा दिया गया था। इसके बाद कर्ई बार आश्रम से बच्चियों के भागने की घटनायें भी हुई लेकिन उस समय भी पुलिस और प्रशासन ने कोर्ई कार्र्रवार्ई नहीं की, लेकिन हाल ही में दो बालिकाओं के आश्रम से भागने के बाद मामले को बाल कल्याण समिति ने अपने संज्ञान में लिया और वहां जांच पड़ताल शुरू की जिसमें आश्रम की आड़ में संचालित इस अनैतिक कृत्य का खुलासा हुआ।
👉आत्महत्या मामले की खुलेगी फाईल: एसपी
एपी मो. यूसुफ कुर्रेशी ने मामले को लेकर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि आज सुबह पुलिस ने बाल कल्याण समिति की शिकायत के बाद पटेल नगर में संचालित बालगृह में चलने वाले अनैतिक कृत्य का पर्दाफाश किया है। जिसमें आश्रम की संचालिका शैला अग्रवाल की गिरफ्तारी की गई वहीं दूसरे आरोपी केएन अग्रवाल की तलाश की जा रही है। पुलिस आश्रम से जुड़े हर तथ्य पर पैनी नजर रखे हुए हैं। वहीं कुछ वर्ष पूर्व आश्रम में एक बालिका द्वारा आत्महत्या करने के मामले की फाईल भी खोली जा रही है। जिसमें नए सिरे से जांच की जाएगी।
शहर के नागरिकों ने इनका जताया आभार
शिवपुरी में संचालित शकुंतला परमार्थ समिति के बाल आश्रम से पूर्व में भी कई बार बालिकाएं भाग चुकी थीं और एक मामले में तो यहां पर बालिका ने आत्महत्या भी कर ली थी, लेकिन इन घटनाओं के समय शिवपुरी में पदस्थ रहे एसपी, कलेक्टर सहित अन्य अधिकारी, कर्मचारियों ने मामले की बारीकियों में जाना उचित नहीं समझा,लेकिन दो बच्चियों के भागने के बाद वर्तमान में पदस्थ अधिकारियों ने इस मामले को जिस गंभीरता से लेते हुए,छानबीन करवाई जिससे एक बड़ा खुलासा हुआ है, इस बात को लेकर तमाम शिवपुरी के नागरिकों ने कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव, एसपी मो. युसुफ कुर्रेशी, बाल संरक्षण आयोग जिनेन्द्र जैन, महिला सशक्तिकरण अधिकारी ओपी पाण्डेय,एसडीओपी जीडी शर्मा,कोतवाली टीआई संजय मिश्रा,महिला सेल प्रभारी आराधना डेविस सहित इस कार्यवाही में सहभागिता निभाने वाले कर्मचारियों, अधिकारियों का साधुवाद ज्ञापित किया है।
इनका कहना है
अन्य कई जगह पर इस तरह के जो मामले सामने आये थे उनमें हमारे द्वारा कड़ी कार्यवाही कराई गई है यह उसी का परिणाम है कि उन कार्यवाहियों को देखते हुए बालिकाओं ने आपबीती सुनाई और आज यहां यह कार्यवाही संस्थित हुई है।
राघवेन्द्र शर्मा
प्रदेश अध्यक्ष, बाल आयोग मप्र शासन
इनका कहना है
बच्चियों के बाल आश्रम से भागने के बाद,यह पूरा मामला हमारे सामने आया था हमने मामले की गंभीरता को भांपते हुए बाहर से दो स्वतंत्र काउंसर बुलाये थे जिनके द्वारा पूरे मामले की जांच पड़ताल की गई, मामला सही पाये जाने पर आज इस कार्यवाही को अंजाम दिया गया है।
ओपी श्रीवास्तव
कलेक्टर शिवपुरी
इसे भी पढ़ें - अमीरों से ज्यादा गरीबों के घर पैदा होती हैं बेटियां- शिवराज
इसे भी पढ़ें - राजीव गांधी हत्याकांड की फाइल क्या फिर खुलेगी? तय करेगा सुप्रीम कोर्ट
TOC NEWS को हर जिले, तहसील में रिपोर्टर, संवाददाता की आवश्यकता हैं रिपोर्टर, संवाददाता बनने के लिए संपर्क करें : -
9893221036 , 9009844445