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नई दिल्ली. नोटबंदी के ऐलान के बाद से ही बैंकों और एटीएम के बाहर लोगों की कतारें बदस्तूर जारी हैं। इस बीच सरकार ने साफ किया है कि राजनीतिक पार्टियां कुछ शर्तों के साथ पुरानी करंसी को अपने खातों में जमा करा सकती हैं और उन्हें इस पर आयकर से छूट मिलेगी।
वित्त सचिव अशोक लवासा ने बताया कि इनकम टैक्स ऐक्ट के तहत राजनीतिक पार्टियों को अपने खातों में कैश जमा करने की छूट है बशर्ते कि वह 20 हजार रुपये तक का चंदा कैश में ली हुईं हो और चंदा देने वाले शख्स का पूरा विवरण उनके पास हो।
सरकार ने साफ किया कि राजनीतिक दल अब चंदे के रूप में पुराने नोट नहीं ले सकते हैं। वित्त सचिव ने बताया कि सभी राजनीतिक पार्टियों को अपनी आय और मिले चंदों का हिसाब दुरुस्त रखना होगा। दूसरी तरफ राजस्व सचिव हंसमुख अढ़िया ने बताया, 'राजनीतिक दलों के खातों में अगर पैसे जमा हैं तो उन पर टैक्स नहीं लगेगा, लेकिन अगर यह किसी व्यक्ति के खाते में जमा होगा तो उस पर हमारी नजर रहेगी।
अगर कोई व्यक्ति अपने खाते में पैसे जमा कर रहा है तो हमें उसकी जानकारी मिलेगी।' गौरतलब है कि इनकम टैक्स ऐक्ट, 1961 के सेक्शन 13 ए के तहत आयकर से छूट मिली हुई है। राजनीतिक दलों के अलावा किसानों को भी आयकर से छूट मिली हुई है। किसानों को बिना PAN कार्ड के पुरानी करंसी जमा करने के लिए सेल्फ-डेक्लरेशन देना होगा कि उनकी सालाना आय 2.5 लाख रुपये से कम है। सेल्फ डेक्लरेशन नहीं देने वालों के लिए PAN कार्ड देना जरूरी होगा।
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