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कामेच्छा यदि किसी भी व्यक्ति में सामान्य लेवल से कम होती है तो जीवन में उसके लिए कई परेशानियां पैदा हो जाती हैं।
लिबिडो नामक हार्मोन कामेच्छा बढ़ाने वाला ही एक हार्मोन होता हैं और मानव के अंदर में इसकी कमी होने से ही कामेच्छा की कमी हो जाती है।
एक्यूप्रेशर थेरैपी के दो ऐसे प्वाइंट बता रहें हैं जिसको पुश करने यानी दबाने से आप अपने लिबिडो हार्मोन की मात्रा को बढ़ा सकते हैं और इस तरह से आप अपनी कामेच्छा की कमी को दूर कर सकते हैं। महिलाओं की शिकायत यह रहती है कि रजोनिवृत्ति के बाद उनकी कामेच्छा कम हो जाती है ऐसा सिर्फ वजाइना के सूखेपन के कारण होता है, जिसके पीछे लिबिडो की कमी ही होती है।
1. स्टमक प्वाइंट: पेट में नाभि के स्थान पर अपने हाथ की अंगुलियों से 4 से 5 मिनट तक थोड़ा पुश करते रहें और इसी प्रकार करते हुए नाभि से 2 अंगुली नीचे के स्थान पर जाए।
2. किडनी प्वाइंट: लिबिडो हार्मोन के लिए भी यह किडनी प्वाइंट बहुत ज्यादा हेल्पफुल रहता है। इस एंगल पॉइंट पर आप हल्के से अपनी अंगुलियों के पोरो से पुश करें।
कामेच्छा यदि किसी भी व्यक्ति में सामान्य लेवल से कम होती है तो जीवन में उसके लिए कई परेशानियां पैदा हो जाती हैं।
लिबिडो नामक हार्मोन कामेच्छा बढ़ाने वाला ही एक हार्मोन होता हैं और मानव के अंदर में इसकी कमी होने से ही कामेच्छा की कमी हो जाती है।
एक्यूप्रेशर थेरैपी के दो ऐसे प्वाइंट बता रहें हैं जिसको पुश करने यानी दबाने से आप अपने लिबिडो हार्मोन की मात्रा को बढ़ा सकते हैं और इस तरह से आप अपनी कामेच्छा की कमी को दूर कर सकते हैं। महिलाओं की शिकायत यह रहती है कि रजोनिवृत्ति के बाद उनकी कामेच्छा कम हो जाती है ऐसा सिर्फ वजाइना के सूखेपन के कारण होता है, जिसके पीछे लिबिडो की कमी ही होती है।
1. स्टमक प्वाइंट: पेट में नाभि के स्थान पर अपने हाथ की अंगुलियों से 4 से 5 मिनट तक थोड़ा पुश करते रहें और इसी प्रकार करते हुए नाभि से 2 अंगुली नीचे के स्थान पर जाए।
2. किडनी प्वाइंट: लिबिडो हार्मोन के लिए भी यह किडनी प्वाइंट बहुत ज्यादा हेल्पफुल रहता है। इस एंगल पॉइंट पर आप हल्के से अपनी अंगुलियों के पोरो से पुश करें।
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