#PayTMPM या FMCorporate ?
पलाश विश्वास
रिजर्व बैंक तो खैर दिवालिया है और शेर बाजार सांढ़ों और भालुओं के कब्जे में हैं।
काम धंधे,रोजगार,व्यवसाय वाणिज्य और उद्योग भी तबाह हैं।
बाजार में नकदी न होने की वजह से मक्खियों तक के भूखों मरने की नौबत है।
#PayTMPM कायदे कानून,संविधान और संसद से ऊपर है।#PayTMPMसंसद में मौन रहे और अब मीडिया पर एकाधिकार वर्चस्व के तहत मंकी बातें चौबीसों घंटे।
#PayTMPM ने पचास दिनों की मोहलत मांगी थी कि पचास दिन बाद भारतवर्ष की सरजमीं पर सुनहले दिन लैंड करने वाले थे।
राजधानी दिल्ली में कड़ाके की सर्दी है और तामपमान गिरता नजर आ रहा है और मंकी बातों की फुरसत में स्माग का अपडेट कहीं नजर नहीं आ रहा है ।शायद लैंडिग के कुहासा छंटने से पहले होने के आसार नहीं है।
क्या पता कि लैंडिंग हो गयी हो,ट्रैफिकवा ससुर शायद जाम हो या घने कुहासा में दिख ना रहे हों सुनहले दिन।जिन्हें दिख रहें हों वो कृपया दूसरों को दिखला दे।
30 दिसंबर के बाद हालात बदल जाने वाले थे।आज 26 दिसंबर है।क्रिसमस की खूब धूम रही है।आगे नया साल है।बाजार का हाल शापिंग मल है और कैशलैस लेनदेन में #PayTMPM के मुताबिक सैकड़ों गुणा इजाफा हो गया है।फिरभी संघ परिवार के सबसे घने समर्थक मुंबई में रामंदिर निर्माण के बाद भी सर धुन रहे हैं।
इतिहास परिषद के मुताबिक मोहनजोदोड़ो की डांसिंग गर्ल पार्वती हैं।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर हैः
Mohenjodaro ‘Dancing Girl’ is Parvati, claims ICHR journal
The author claims that the Dancing Girl is Parvati because “where there is Shiva, there should be Shakti”.
शिव के नटराज दर्शन के बारे में हम जानते हैं।उमा की तपस्या के बारे में हम बचपन से जान रहे थे।अब पार्वती मोहनजोदोड़ो और हड़प्पा में नाचती रही है,यह किस वेद पुराण में लिखा है ,हम नहीं जानते।
जाहिर है जो इतिहास नया लिख सकत हैं,चाहे तो वे वेद पुराण सारा नयका रचि सके हैं जैसे उनने मुक्त बाजारी हिंदुत्व रच दिया है।
जब मोहनजोदोड़ो में पार्वती जी नाच सकती हैं तो अयोध्या के बदले राममंदिर #PayTMPM के राजधर्म के मुताबिक मुंबई में बन गया तो रामभक्तों को तकलीफ क्यों है।घट घट में राम हैं।राम को अयोध्या में कैद करके रखना क्यों चाहते हैं।ऊपर से शिवाजी महाराज अरब सागर में भसान है।
अब संघ परिवार का कलेजा देख लीजिये कि एकमुश्त यूपी ,उत्तराखंड, मणिपुर,पंजाब जीत लेने का प्लान है।
बहुजनों को बल्कि #PayTMPM का आभार मानना चाहिए कि उनने साबित कर दिया है कि मूर्तिकला हमारी सांस्कृतिक विरासत है और मूर्ति निर्माण में हजारों करोड़ का जनधन खर्च करना कोई पाप नहीं है।मूर्ति निर्माण में बहन मायावती की उपलब्धियों पर लगा सारा कालिख धुल गया है।
इस बीच मनुस्मृति दहन भी खूब हो गया।सिर्फ कैश नहीं है।
न 30 दिसंबर के बाद कहीं कैश होना है क्योंकि #PayTMPM के मुताबिक इंडिया कैशलैस डिजिटल है।जाहिर है कि कतार में खड़े होने के बदले आप भी #PayTM कर रहे होंगे।जब #PayTMPM का कहा पूरा सच मान रहे हैं तो फिर क्यों रोते हैं कि बैंकों में पैसा नहीं है या एटीएम पर फिर वही नोकैश का बोर्ड लगा है।
कैशलैस होना है तो काहे का कैश?
#PayTMPM की मंकी बातें अब आबोहवा है।वही कायनात का ब्रह्मनाद है।
गड़बड़ी यह है कि #PayTMPM का सुरताल काटने पर आमादा हैं FMCorporate?
FMCorporate का बार बार कहना कि कैशलैस संभव नहीं है और दरअसल लैस कैश टार्गेट है।इस उलटबांसी से सारा कंफ्यूजन है।
#PayTMPM कहि रहे हैं कि बेनामी संपत्ति से भी कालधन वैसे ही निकालेंगे जैसा नकदी का सारा कालाधन वापस आया है।यह भी कहि रहे हैं कि फाइनेंसियल सेक्टर पर हाई टैक्स लगा देंगे।
अब तक अरबपतियों को 46 लाख करोड़ का कर्ज माफी हो गया है तो क्या,आम जनता के हर खाते में लाखों करोड़ जमा करवा देंगे।
नोटबंदी में फटेहाल लोगों के खाते में हजारों करोड़ की होने भी होने लगी है।बूंद बूंद से समुंदर बनता है।हर नागरिक इसीतरह अरबपति बनने वाला है।आयकर वाले न जाने क्यों ऐसे भाग्यशाली लोगों के खिलाफ नोटिस थमा रहे हैं।
#PayTMPM इस देश में इकलौते ईमानदार आदमी हैं।संसद संविधान लोकतंत्र की ऐसी की तैसी कर दी।रिजर्व बैंक को घास नहीं डाला।
#PayTMPM ने FMCorporate तक को नहीं पूछा।
देशशक्त स्वदेशी संघ परिवार की परवाह नहीं की।
अकेले दम सिर्फ छप्पन इंच की छाती के दम झोला छाप विशेषज्ञों को लेकर नोटबंदी कर दिखाई और सजा भी भुगतने को तैयार हैं अगर नोटबंदी फेल हो गयी।
अब आम जनता की मर्जी है कि यूपी,पंजाब,उत्तराखंड और मणिपुर में नोटबंदी पर मुहर लगाये या #PayTMPM को शूली पर टांग दें।
FMCorporate शुरु से बेताल राग साध रहे हैं।पहले ही कह दियो कि #PayTMPM के मजबूत कंधे हालात का जुआ ढोने को काफी है।अपना पल्ला झाड़ लिया है।
पालतू मीडिया को भी गोरखधंधा समझ में नहीं आ रहा है कि कौन सही कह रहा है।
अर्थव्यवस्था कैशलैस है कि लैसकैश है।
#PayTMPM कहि रहे हैं कि कैशलैस है।छप्पर फाड़ पुरस्कार की लाटरी बाबासाहेब के नाम निकार दियो है।
पण FMCorporate फिर वही राग तान रहे हैं कि कैशलैस असंभव है ।इकानामी दरअसल लैस कैश है।टैक्स रिफार्म के उलटबांसी रचि रहे हैं एकदम उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की तरह।
बाबा रामदेव भी अब कहि रहे हैं कि नोटबंदी में भारी घोटाला भयो है।
बाकी देश के बाकी नागरिक राष्ट्रद्रोही हैं।
FMCorporate,बाबा रामदेव,शिवसेना वगैरह वगैरह जो राजधर्म के खिलाफ बोल रहे हैं,उनके राष्ट्रद्रोह का क्या होना है,समझ से परे है।
बेहतर है कि ऐसे FMCorporate खारिज करके #PayTMPM खुदै रेल और आम बजट का नीमकरैला पेश करके इंडिया कैशलैस डिजिटल हिंदू राष्ट्र का महान एजंडा पूरा करें।
कल दिनभर नेट नहीं चला और आज भी दोपहर तक नेट गायब रहा।गांव देहात में नेटबाबू की कृपा का रहि,हम न जाने हैं।देश भक्त जनता जरुर ढाई फीसद कमीशन की परवाह न करके,साइबर फ्राड से बेपरवाह #PayTM में बिजी है या फिर मंकी बातों में ध्यान रमा है।
नेट न हुआ तो आंखों की पुतलियां हैं,उंगलियों की छाप हैं.काहे कैश का रोना है।सुंदर गोरे मुखड़ों का जुलूस चौबीसों घंटे कैशलैस अलाप रहे हैं।फिर रोवे काहे को.पहेली अबूझ है।
हमने आपातकाल का मीडिया देखा है।संपादकीय की इजाजत नहीं मिली तो का,संपादकीय पेज सेंसर कर दिया।सेंसर की कालिख के साथ छाप दिया।
भोपाल त्रासदी,आपरेशन ब्लू स्टार बाबरी विध्वंस और गुजरात नरसंहार में भी मीडिया का तेवर राष्ट्रद्रोही रहा है।
अब मीडिया गणवेश में है।मंकी बातों के अलावा कुछो नाही छाप रहे हैं।न कहि कुछ रहे हैं और न दिखावै कुछो है।
यह नये सिरे से अनुशासनपर्व है।
इस लावारिश लाटरी अर्थव्यवस्था का माई बाप कौन है?
#PayTMPM या FMCorporate?
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