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भोपाल. इनकम टैक्स विभाग की टीम ने मंगलवार सुबह बीजेपी के नेता और महानगर कोऑपरेटिव बैंक के संस्थापक अध्यक्ष सुशील वासवानी के 8 ठिकानों पर छापे मारे। छापों की कार्रवाई अभी जारी है। आयकर विभाग के सूत्रों के मुताबिक सुशील वासवानी और उनका परिवार महानगर बैंक के जरिए ब्लैक मनी को वाइट करने का काम कर रहा था।
प्राथमिक जानकारी में यह पता लगा है कि वासवानी परिवार के पास करोड़ों रुपये की अवैध संपत्ति है। फिलहाल आयकर विभाग ने अधिकृत रूप से कोई जानकारी नही दी है। राज्य सड़क परिवहन निगम में बस कन्डक्टर से अपना करियर शुरू करने वाले सुशील वासवानी बीजेपी के रसूखदार नेता हैं। वे संघ से भी जुड़े हुए हैं।
इस समय वासवानी और उनका परिवार अरबों की संपत्ति का मालिक है। फर्श से अर्श तक के सफर में वासवानी ने बहुत जल्दी ऊंचाई हासिल की है। उन्होंने महानगर सहकारी बैंक की स्थापना की थी। अभी उनकी पत्नी इसकी अध्यक्ष हैं।
इस बैंक के संचालक मंडल में शिवराज मंत्रिमंडल के वरिष्ठ सदस्य उमाशंकर गुप्ता और संघ के वरिष्ठ सदस्य शशिभाई सेठ के नाम भी हैं। आयकर सूत्रों के मुताबिक यह जानकारी मिली थी कि महानगर कोऑपरेटिव बैंक के जरिए बड़े पैमाने पर पुराने नोट बदले गए हैं। आरोप यह भी हैं कि मोटी रकम लेकर बैंक के संचालकों ने काला पैसा सफेद किया है। इनकम टैक्स के अधिकारी लंबे समय से वासवानी और उनके परिजनों पर नजर रखे हुये थे। मंगलवार सुबह 8 टीमों ने 8 जगह पर एक साथ कार्रवाई शुरू की।
प्राथमिक जांच में जो जानकारी सामने आयी है उसके मुताबिक सुशील वासवानी और उसका परिवार कई अरब की सम्पत्ति के मालिक हैं। राज्य सरकार के राज्य सहकारी आवास संघ के अध्यक्ष रहे सुशील वासवानी पर आवास संघ में हेराफेरी करने के आरोप भी लगे थे लेकिन उनके रसूख और ऊंची पहुंच के चलते उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नही हुई थी।
इस बीच संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी शशिभाई सेठ ने यह माना है कि सुशील वासवानी से उनके करीबी रिश्ते हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि वासवानी के कारोबार से उनका कोई लेना-देना नही हैं। सेठ इस समय संघ की विद्या भारती शाखा का काम देख रहे हैं। वे संघ द्वारा संचालित शारदा विहार स्कूल की समिति के चेयरमैन भी हैं। वासवानी के यहां छापों के बाद बीजेपी के उन नेताओं में खलबली मच गयी है जिन्होंने पिछले 40 दिन में बड़े पैमाने पर काला धन सफेद करवाया है।
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