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भोपाल. राजधानी भोपाल में कब्जाधारियों ने अपने बाप की बपौती समझ रखी है जहां मर्जी होती है कब्जा कर लिया जाता है, यह खेल खुलेआम चल रहा है प्रेस काम्पलेक्स एमपी नगर जोन 1 में बीडीए भोपाल के कार्यालय के सामने. यहा पर कुछ वर्षो पहले कुछ शेड आवंटन किया गया था, जहां पर कई प्रकार की दुकाने संचालित थी यहां गेरैज फोटोकापी की दुकाने चल रही थी,
भोपाल. राजधानी भोपाल में कब्जाधारियों ने अपने बाप की बपौती समझ रखी है जहां मर्जी होती है कब्जा कर लिया जाता है, यह खेल खुलेआम चल रहा है प्रेस काम्पलेक्स एमपी नगर जोन 1 में बीडीए भोपाल के कार्यालय के सामने. यहा पर कुछ वर्षो पहले कुछ शेड आवंटन किया गया था, जहां पर कई प्रकार की दुकाने संचालित थी यहां गेरैज फोटोकापी की दुकाने चल रही थी,
इन दुकानों के सामने 50 – 60 फीट जमीन पार्किग हेतु छोड़ी गई थी. उस जमीन पर सभी दुकानदारों ने कब्जा कर दुकानों के शेड को सड़क तक बड़ा दिया और दुकान लगा ली. इन दुकानदारों के कब्जे की वजह से इनकी पार्किग सड़क पर होने लगी जिस वजह से हर समय यहा जाम की स्थिति बन जाती है, अकसर शाम को आफिस की छुट्टी के समय घंटों तक जाम लग जाता है.
इस कब्जे में प्रशासन की मिलीभगत की होने की चर्चा गर्म है वही हर माह रिश्वत रुपी प्रसाद प्रशासनिक अधिकारी को पहुंच रहा है जिस कारण इन कब्जेधारियों के हौसले बुलंद है. कब्जेधारियों की और प्रशासन आंखे बंद रखी है शासन को चाहिए अधिकारियों के खिलाफ जो कब्जा करवाने में सहयोगी उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही कर अापराधिक मामला दर्ज करवाया जावे.
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