VINAY G. DAVID |
भोपाल. 19 दिसंबर 2016 , नया वर्ष आ रहा है नई अधिमान्यता जारी होने का विघ्यापन प्रकाशित हो चुका है कुछ पुराने कार्ड अधिमान्यता रिनियुवल हो जायेगे, नॉकरी पेशा पत्रकार रह जायेगे।
बिडम्बना देखिये जो पत्रकार है उसे अधिमान्यता प्राप्त करने के लिए पापड़ बेलने पढ़ते है और वो चाह कर भी अछूते रहते है, सरकारी तंत्र में बैठे अधिकारी यही नीति तय करते है की पत्रकार अधिमान्यता के लिए आवेदन भी न भर पाए, और मीडिया संस्थान की तो छोड़ ही दो वो तो इनका भी बाप है जो अपने ही कर्मचारी को पत्रकार की श्रेणी से दूर रखता है, और अधिमान्यता से वंचित रखता है, अब कौन तय करे पत्रकार कौन है। सरकार मानती नहीं, संस्थान चाहकर भी नहीं मान सकता फिर पत्रकार को किस बात का मुगालता हो, बात पते की है हमे आगे होकर लड़ना होगा अपनी लड़ाई वर्ना शोषण तो होता रहेगा, आखिर कब तक पत्रकार शोषण का शिकार बनता रहेगा। क्या यह विचित्र बात नहीं की मध्यप्रदेश में केवल 2 फीसदी पत्रकार ही अधिमान्यता के पात्र है बाकि 98 फीसदी पत्रकार अधिमान्यता से वंचित।
आज पुरे माह मध्यप्रदेश के दौरे के बाद मंथन करने बैठा तो लगा यह चौथा स्तंभ का बहुत शोषण हो रहा है, दशा यह है की हम अपने पत्रकार साथी को न्याय भी नहीं दिल सकते। इसमें तंत्र की ही नहीं हमारी भी कमी है की हम एकसाथ न हो कर अपनी ही विरादरी को ही निपटने में लगे है, जिसका फायदा सरकारी तंत्र उठाकर हमारे लिए कोई सटीक योजना नहीं बनाता, जिले में पत्रकारों की स्थति सही है की कुछ कहा नहीं जा सकता और जनसंपर्क के अधिकारियों को कोई लेना देना नहीं। सब अपनी मर्जी के मालिक हो गये है।
मेरा पत्रकार साथियों से निवेदन हैं कम से कम स्वयं के लिए आगे आकर झंडा उठाये, एकजुट होकर शखनाद करें मुगालते से बाहर आकर सोचें कौन हैं पत्रकार,,,,,,
आपका
विनय डेविड
9893221036
9009844445
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