TOC NEWS
भोपाल। स्टेट फार्मेसी कौन्सिल मध्यप्रदेश द्वारा आठवीं पास कर अनुभव के आधार पर बनाए गए रजिस्र्टड़ फार्मेसिस्टो के ओनलाइन रिन्यूवल रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी है। इस निर्णय के कारण पुराने रजिस्र्टड़ फार्मेसिस्टो के योग्यता हायर सैकेड्री, मैट्रिक अथवा दसवीं उर्तीण कर अंकसूची रिन्यूवल के दौरान ओनलाइन में बाध्यता जारी कर दी है। वर्ष 2015 में रिन्यूवल होने वाले ऐसे रजिस्र्टड फार्मेसिस्टों के 1400 रिन्यूवल अधर में लटके है। वहीं 6500 पात्रताधारी रजिस्र्टड फार्मेसिस्टों के ओनलाइन रजिस्ट्रेशन कौन्सिल द्वारा जारी किए जा चुके है।
यह जानकारी देते हुए रजिस्ट्रार फार्मेसी कौन्सिल श्री प्रमोद शुक्ला ने इस प्रतिनिधि को बताया कि पारदर्शिता से इस कार्य को किया जा रहा है जिसमें ओनलाइन न्यू फार्मेसिस्ट रजिस्ट्रेशन ,रिन्यूवल तथा डूप्लीकेट फार्मेसिस्ट रजिस्ट्रेशन के कार्य कम्पयूटरीइज कर दिया गया है।
उन्होनें बताया कि फार्मेसी कौन्सिल के चुनाव में नहीं होने का कारण हाईकोर्ट द्वारा दिया गया स्टे है तथा कैन्सिल का जो संविधान बना है वह भी कई निर्णयों में आड़े आ रहा है।
श्री शुक्ला ने कहा कि जो लोग नामित किये गए थे गजट नोटिफिकेशन नहीं होने के कारण उनका नामित का मसला शासन को करना है। श्री शुक्ला ने बताया की पेंशन जैसा जीविता प्रमाण पत्र देने की बाध्यता भी फार्मेसिस्ट रिन्यूवल में लागू कर दी गई है।
उन्होनें बताया कि फार्मेसी कौन्सिल के चुनाव में नहीं होने का कारण हाईकोर्ट द्वारा दिया गया स्टे है तथा कैन्सिल का जो संविधान बना है वह भी कई निर्णयों में आड़े आ रहा है।
श्री शुक्ला ने कहा कि जो लोग नामित किये गए थे गजट नोटिफिकेशन नहीं होने के कारण उनका नामित का मसला शासन को करना है। श्री शुक्ला ने बताया की पेंशन जैसा जीविता प्रमाण पत्र देने की बाध्यता भी फार्मेसिस्ट रिन्यूवल में लागू कर दी गई है।
No comments:
Post a Comment