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अम्बेडकर नगर. जिले की जलालपुर तहसील में वकालत करने वाले एक 64 वर्षीय अधिवक्ता सच्चिदानंद तहसील से 6 फरवरी को वापस घर जाते समय लापता हो गए थे। इस मामले में कड़ी मशक्कत के बाद नौ फरवरी को गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलिस ने दर्ज की और 12 फरवरी को लापता अधिवक्ता सच्चिदानंद उपाध्याय की जिले के सम्मन पुर थाना क्षेत्र में ही तमसा नदी से बरामद होती है।
मृतक अधिवक्ता के परिजनों ने इसे हत्या बताते हुए हत्या का मुकदमा दर्ज करा दिया। दर्ज मुकदमे में परजनों ने थाना क्षेत्र सम्मनपुर के ही दो गांव के निवासी हीरालाल और सुभाष शर्मा पर हत्या किये जाने की आशंका जताई थी, जिसके बाद पुलिस ने एक आरोपी हीरालाल को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था, लेकिन दूसरा आरोपी पुलिस की पकड़ से लगातार दूर है।
इस मामले को लेकर जलालपुर तहसील के अधिवक्ता लगातार न्यायिक कार्य से विरत रहकर दूसरे हत्यारे की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। उनके समर्थन में जिले के कई और अधिवक्ता संघ के लोग न्यायिक कार्य से विरत होकर पुलिस पर हत्यारोपी की गिरफ्तारी के लिए दबाव बना रहे हैं, लेकिन इसका कोई असर स्थानीय पुलिस पर नहीं पड़ रहा है।
पुलिस अपने बचाव में लगातार तरह-तरह के बहाने बना रही है।
हमेशा पुलिस की तरफ से यह कहा जा रहा है कि हत्या का आरोपी सुभाष शर्मा को पकड़ने के लिए पुलिस लगातार दबिश दे रही है, लेकिन उसका कोई पता नहीं चल पा रहा है, लेकिन अब हम आपको बताते हैं कि पुलिस इस मामले में सिर्फ लिपा पोती कर रही है।
पत्रिका के हाथ लगे आडियो से पुलिस की करतूत का हुआ खुलासा
लापता अधिवक्ता के आन्दोलन की खबर प्रमुखता से प्रकाशित की गई थी, जिसके बाद ही अधिवक्ता की गुमशुदगी दर्ज हुई थी। हालांकि उसके बाद लापता वरिष्ठ अधिवक्ता की लाश तमसा नदी में पाई गई थी। अधिवक्ता समाज और मृतक अधिवक्ता के परिजनों के लगातार दबाव के बावजूद पुलिस ने फरार अभियुक्त को गिरफ्तार करने में कोई सफलता नहीं पाई। पुलिस को सफलता मिलती भी तो कैसे... पुलिस को फरार अभियुक्त को न गिरफ्तार करना था और न उसने किया, लेकिन पुलिस की झूठ की पोल एक आडियो ने खोल दी।
हम आपको बताते हैं कि इस आडियों में जो आवाजें हैं, उसमे पहली आवाज मृतक अधिवक्ता सच्चिदानंद उपाध्याय के भतीजे चंद्रभूषण उपाध्याय की है। यह उस समय का वार्तालाप है जब पुलिस हत्यारोपी सुभाष शर्मा को गिरफ्तार करने में नाकाम रही तो मृतक अधिवक्ता के भतीजे चन्द्र भूषण ने स्वयं ही तलाश करते हुए हत्यारोपी के घर पहुंच गए और उन्हें हत्यारोपी सुभाष शर्मा अपने घर पर ही मिल गया, जिसके बाद चंद्रभूषण ने पहले स्वयं सम्मनपुर थानाध्यक्ष शकुन्तला उपाध्याय से करते हुए उन्हें बताया कि सुभाष शर्मा अपने घर पर है और बाद में थानाध्यक्ष से भी हत्यारोपी की बात कराया। आप भी सुनिए थानेदार ने किस तरह से हत्यारोपी से बात करते हुए उसे गिरफ्तार करने का प्रयास करने के बजाय उसे सलाह देती नजर आईं।
वायरल हुए आडियो में थानाध्यक्ष साफ तौर पर यह कहती हुई नजर आ रही हैं कि हत्यारोपी को पुलिस से मिलकर अपनी बात कहनी चाहिए। उन्होंने एक विवादित बयान भी देते हुए यहां तक कहा है कि तुम अगर कोर्ट में सरेंडर करने जाओगे तो वकील तुमसे पैसा लेगा। इसलिए हत्यारोपी को चाहिए कि वह पुलिस के पास जाकर अपनी बात कहे। पूरी बातचीत का मतलब साफ है कि पुलिस इस हत्यारोपी की गिरफ्तारी के लिए कोई प्रयास नहीं करती नजर आईं।
आपको बता दें कि थानाध्यक्ष सम्मनपुर शकुन्तला उपाध्याय अपने थाने में ही बैठकर यह बात कर रही थीं और हत्यारोपी उन्ही के थाना क्षेत्र के सरैया गांव में अपने घर पर मौजूद था। अगर थानाध्यक्ष उसे गिरफ्तार करने का जरा भी प्रयास करतीं तो 15 मिनट के अन्दर उसे गिरफ्तार कर सकती थीं। अब पुलिस के उस दावे को क्या कहें, जिसमें प्रदेश के किसी कोने में किसी भी अपराध की सूचना पर डायल 100 के माध्यम से पुलिस पुलिस 15 मिनट में घटना स्थल पर पहुंचने का दावा कर रही है।
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