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भोपाल, 02 अगस्त। प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता श्री के.के. मिश्रा ने कर्नाटक के ऊर्जा मंत्री श्री डी.के. शिवकुमार के कनकपुरा, सदाशिवनगर स्थित निवास और ईगल्टन गोल्फ रिसोर्ट, जहां गुजरात में निष्पक्ष, निर्भीक और भयमुक्त राज्य सभा चुनाव नहीं हो पाने की वजह से असुरक्षित कांग्रेस विधायक ठहरे हुए हैं,
केंद्र सरकार के निर्देश पर मारे गये इनकमटेक्स विभाग (ईडी) द्वारा की गई छापामार कार्यवाही को राजनैतिक प्रतिशोध निरूपित करते हुए कहा कि शाह और तानाशाह की जोड़ी अब देश मंे स्थापित लोकतांत्रिक आस्थाओं पर तानाशाही का कुचक्र थोप कर अघोषित आपातकाल का संकेत दे रही हैं, भविष्य में जिसके घातक परिणाम होंगे।
श्री मिश्रा ने कहा कि श्री शिवकुमार के निवास और प्रतिष्ठानों पर छापामार कार्यवाही महज इसलिए की गई है, क्योंकि उनके रिसोर्ट में कांग्रेस विधायकगण न केवल रूके हुए हैं, बल्कि ये वही श्री शिवकुमार हैं, जिन्होंने कुछ दिनों पूर्व मप्र के मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान के निर्वाचन क्षेत्र बुधनी के ग्राम बसंतपुर पांगरी के आदिवासी किसान सरदार बारेला द्वारा अपनी खेती के लिए बैल की जोड़ी नहीं होने के कारण 14 एवं 11 वर्षीय अपनी दो बच्चियों को जोतकर खेती कर रहा था,
राष्ट्रीय स्तर पर मामला सार्वजनिक होने के बाद इन्हीं श्री शिवकुमार ने कृषक श्री सरदार बारेला को 50 हजार रूपयों की आर्थिक सहायता दी थी और बीते जून माह मंे मंदसौर में किसान आंदोलन के दौरान सभी मृतक किसानों के परिवारों को आर्थिक सहायता राशि पहुंचायी थी। अपने इसी अपमान से खिन्न होकर भाजपा ने केंद्रीय एजेंसियों का दुरूपयोग कर राजनैतिक प्रतिशोध को लेकर अपने चिंतन को स्पष्ट कर दिया है।
यदि छापा डालना ही था तो राज्यसभा चुनाव के बाद कभी भी आयकर विभाग अथवा ईडी इस कार्यवाही को अंजाम दे सकता था, ऐसा न कर उसने कांग्रेस के आरोप को साबित कर दिया है। मिश्रा ने यह भी पूछा कि आयकर विभाग को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि देश में ऐसे कितने छापे मारे गये जिसमें उनके साथ जिला पुलिस बल के अलावा केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स रहा हो?
श्री मिश्रा ने कहा कि आयकर विभाग की यह कार्यवाही तब निष्पक्ष कही जाती, जब कर्नाटक में भ्रष्टाचार के महाशिरोमणि का खिताब अर्जित कर चुके मौजूदा भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व मुख्यमंत्री श्री येदियुरप्पा और खनन माफिया रेड्डी बंधुओं के यहां भी सीआरपीएफ की ही मौजूदगी में छापामार कार्यवाही को अंजाम दिया जाता?
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