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जबलपुर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा अधिवक्ता पंचायत में की गई घोषणाओं पर सरकार द्वारा अमल नहीं करने पर मप्र स्टेट बार काउंसिल के आह्वान पर 4 अगस्त को प्रदेश के सभी वकील प्रतिवाद दिवस मनाने जा रहा है।
इस दौरान कोई भी वकील अदालतों में पैरवी करने नहीं जाएगा। इसके स्थान पर सभी अधिवक्ता संघ पदाधिकारी सदस्य वकीलों के साथ शांतिपूर्ण रैली के जरिए संबंधित प्राधिकारियों के समक्ष पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम 11 सूत्रीय मांग पत्र सौंपेंगे।
स्टेट बार काउंसिल की ओर से सूचना जारी की गई है कि 12 अगस्त 2012 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राजधानी भोपाल में अधिवक्ता महापंचायत का आयोजन किया था। उसमें राज्य के अधिवक्ताओं के हित में एडवोकेट कॉलोनी बनाए जाने के लिए संबंध में भूमि आवंटन का वादा किया गया था।
इसके साथ ही जिला और तहसील अधिवक्ता संघों का बिजली का बिल माफ करने के साथ-साथ आगे का बिल सरकार की ओर से भरे जाने की घोषणा की थी। 5 वर्ष गुजरने के बावजूद अब तक एक भी मांग पूरी नहीं की गई। बावजूद इसके कि पूर्व में कई बार सरकार को स्मरण-पत्र भेजे जा चुके हैं।
यह हैं वकीलों की मांग
मध्यप्रदेश के वकीलों को बहुप्रतीक्षित एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करवाना है। इसके साथ ही कॉलोनी के लिए जमीन, बिल माफी, वरिष्ठ अधिवक्ता बजट के लिए एक अरब पेंशन का प्रावधान चाहिए। स्टेट हाईवे में टोल टैक्स माफी, पीडब्ल्यूडी के सर्किट हाउसों में प्राथमिकताएं पहचान-पत्र को कानूनी आईडी की मान्यता, चेम्बर के लिए अदालतों के समीप भूमि, मृत्युदावा राशि में इजाफा, चिकित्सा सहायता राशि में बढ़ोत्तरी, बैंकों में प्राथमिकता के आधार पर लोन स्वीकृति और जिला व तहसील अदालत परिसरों में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र विकसित किए जाएं।
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